Tuesday , 19 March 2024
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किसी भी प्रकार का वायरस ,स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, टाइफाइड और किसी भी प्रकार के वायरल बुखार को सिर्फ 3 से 7 दिन में सही कर सकता है अमृत रस

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मौसमी बिमारियों और वायरस के साथ साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमज़ोर हो जाती है, जिस कारण से दुसरे रोग भी शरीर को घेर लेते हैं, और आजकल चल रहे संक्रामक रोग जैसे वायरस ,स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया टाइफाइड, वायरल फीवर इत्यादि भी शरीर को शीघ्र ही घेर लेते हैं.

ऐसे में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने की बहुत आवश्यकता होती है, इसके लिए प्राकृति ने हमको 3 विशेष चीजें दी हैं जो आयुर्वेद के साथ एलॉपथी जगत में भी विशिष्ट स्थान रखती हैं. इनमे हैं गिलोय, तुलसी और पपीते के पत्ते. ये तीनों चीजें ही हमको स्वास्थ्य का भरपूर खजाना देते हैं. इन्ही सब गुणों को देखते हुए Only Ayurved ने इन तीनो को मिलाकर अमृत रस निकाला है, जिसको सिर्फ 3 से 5 दिन पीने से आपका किसी भी प्रकार का वायरल फीवर, स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया इत्यादि में आराम हो सकता है. इसको आप दिन में 30 – 30 ml 3 बार गर्म या गुनगुने पानी के साथ लीजिये. और अनाज इत्यादि से परहेज करवाएं. सिर्फ फलाहार पर रहें. और चाय तो बिलकुल बंद कर दीजिये. Amrit Ras, Swine flu ka ilaj, dengue ka ilaj

इस के आलावा यह अमृत रस  रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में एवं स्वाइन फ्लू, डेंगू, Viral Fever,  typhoid, डायबिटीज , सुजन, गठिया, आर्थराइटिस, सोरैसिस, एक्जिमा, मुहासे, इत्यादि के लिए बेहद लाभकारी है एवं यह प्राकृतिक रक्त शोधक भी है .

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Swine flu या डेंगू या मलेरिया हो जाने पर रोगी को तुरंत से 30 – 30 ml अमृत रस दिन में 4 से 5 बार पिलायें, अगर ये ना मिले तो गिलोय का रस, पपीते के पत्तों का रस, और तुलसी का रस ये तीनो मिला कर दिन में 4 से 5 बार ज़रूर पिलायें और 2 से 3 दिन तक उपवास करवाएं.

गिलोय के फायदे : Amrit Ras, Swine Flu ka ilaj

गिलोय की एक बहुवर्षिय लता होती है। इसके पत्ते पान के पत्ते की तरह होते हैं। आयुर्वेद मे इसको कई नामो से जाना जाता है जैसे अमृतागुडुचीछिन्नरुहा,चक्रांगी, आदि। गिलोय इतनी गुणकारी है कि इसका नाम अमृता रखा गया है। आयुर्वेद जगत में यह बुखार की महान औषधि के रूप में मानी गई है।

आइये जाने गिलोय के लाभ : –

बुखार में फायदेमंद :- गिलोय एक रसायन है जो रक्तशोधक, ओजवर्धक, हृदयरोग नाशक ,शोधनाशक और लीवर टोनिक भी है। गिलोय के रस में शहद मिलाकर लेने से बार-बार होने वाला बुखार ठीक हो जाता है। या गिलोय के रस में पीपल का चूर्ण और शहद को मिलाकर लेने से तेज बुखार तथा खांसी ठीक हो जाती है।

खून की कमी दूर करें :- गिलोय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और शरीर में खून की कमी को दूर करता है। इसके लिए प्रतिदिन सुबह-शाम गिलोय का रस घी या शहद मिलाकर सेवन करने से शरीर में खून की कमी दूर होती है।

कान दर्द में लाभकारी : – गिलोय के पत्तों के रस को गुनगुना करके कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है। साथ ही गिलोय को पानी में घिसकर और गुनगुना करके दोनों कानों में दिन में 2 बार डालने से कान का मैल निकल जाता है।

मोटापा कम करें : – गिलोय मोटापा कम करने में भी मदद करता है। मोटापा कम करने के लिए गिलोय और त्रिफला चूर्ण को सुबह और शाम शहद के साथ लें। या गिलोय, हरड़, बहेड़ा, और आंवला मिला कर काढ़ा बनाकर इसमें शिलाजीत मिलाकर पकाएं और सेवन करें। इस का नियमित सेवन से मोटापा रुक जाता है।

आंखों के लिए फायदेमंद :- गिलोय का रस आंवले के रस के साथ मिलाकर लेना आंखों के रोगों के लिए लाभकारी होता है। इसके सेवन से आंखों के रोगों तो दूर होते ही है, साथ ही आंखों की रोशनी भी बढ़ती हैं। इसके लिए गिलोय के रस में त्रिफला को मिलाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े में पीपल का चूर्ण और शहद मिलकर सुबह-शाम सेवन करें।

जलन दूर करें : – अगर आपके पैरों में जलन होती है और बहुत उपाय करने के बाद भी आपको कोई फायदा नहीं हो रहा है तो आप गिलोय का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए गिलोय के रस को नीम के पत्ते एवं आंवला के साथ मिलाकर काढ़ा बना लें। प्रतिदिन 2 से 3 बार इस काढ़े का सेवन करें इससे हाथ पैरों और शरीर की जलन दूर हो जाती है।

पीलिया में फायदेमंद : – गिलोय का सेवन पीलिया रोग में भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए गिलोय का एक चम्मच चूर्ण, काली मिर्च अथवा त्रिफला का एक चम्मच चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से पीलिया रोग में लाभ होता है। या गिलोय के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें। एक चम्‍मच रस को एक गिलास मट्ठे में मिलाकर सुबह-सुबह पीने से पीलिया ठीक हो जाता है।

खुजली दूर भगाएं : – खुजली अक्‍सर रक्त विकार के कारण होती है। गिलोय के रस पीने से रक्त विकार दूर होकर खुजली से छुटकारा मिलता है। इसके लिए गिलोय के पत्तों को हल्दी के साथ पीसकर खुजली वाले स्थान पर लगाइए या सुबह-शाम गिलोय का रस शहद के साथ मिलाकर पीएं।

उल्टियां में फायदेमंद : – गर्मियों में कई लोगों को उल्‍टी की समस्‍या होती हैं। ऐसे लोगों के लिए भी गिलोय बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए गिलोय के रस में मिश्री या शहद मिलाकर दिन में दो बार पीने से गर्मी के कारण से आ रही उल्टी रूक जाती है।

पेट के रोगों में लाभकारी : – गिलोय के रस या गिलोय के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से पेट से संबंधित सभी रोग ठीक हो जाते है। इसके साथ ही आप गिलोय और शतावरी को साथ पीस कर एक गिलास पानी में मिलाकर पकाएं। जब उबाल कर काढ़ा आधा रह जाये तो इस काढ़े को सुबह-शाम पीयें।

गैस दूर करे : – गैस, जोडों का दर्द ,शरीर का टूटना, असमय बुढापा वात असंतुलित होने का लक्षण हैं। गिलोय का एक चम्मच चूर्ण को घी के साथ लेने से वात संतुलित होता है ।

गठिया : – गिलोय का चूर्ण शहद के साथ खाने से कफ और सोंठ के साथ आमवात से सम्बंधित बीमारीयां (गठिया) रोग ठीक होता है।

बाँझपन से मुक्ति : – गिलोय और अश्वगंधा को दूध में पकाकर नियमित खिलाने से बाँझपन से मुक्ति मिलती हैं।

रक्त कैंसर : – गिलोय का रस और गेहूं के जवारे का रस लेकर थोड़ा सा पानी मिलाकर इस की एक कप की मात्रा खाली पेट सेवन करने से रक्त कैंसर में फायदा होगा।

कैंसर में लाभ : – गिलोय और गेहूं के ज्वारे का रस तुलसी और नीम के 5-7 पत्ते पीस कर सेवन करने से कैंसर में भी लाभ होता है।

टी. बी. रोग :- टी. बी. रोग में गिलोय सत्व, इलायची तथा वंशलोचन को शहद के साथ लेने से लाभ होता है।

मिर्गी रोग भगाए :- गिलोय और पुनर्नवा का काढ़ा बना कर सेवन करने से कुछ दिनों में मिर्गी रोग में फायदा दिखाई देगा।

पित्‍त की बीमारी :- एक चम्मच गिलोय का चूर्ण गुड के साथ खाने से पित्त की बिमारियों में सुधार आता है और कब्ज दूर होती है।

बवासीर दूर करे :- मट्ठे के साथ गिलोय का 1 चम्मच चूर्ण सुबह शाम लेने से बवासीर में लाभ होता है।

मुंहासे दूर करे : – मुंहासे, फोड़े-फुंसियां और झाइयो पर गिलोय के फलों को पीसकर लगाये मुंहासे, फोड़े-फुंसियां और झाइयां दूर हो जाती है।

हृदयरोग के लिये लाभकारी : – गिलोय एक रसायन है, यह रक्तशोधक, ओजवर्धक, हृदयरोग नाशक , शोधनाशक और लीवर टोनिक भी है। यह पीलिया और जीर्ण ज्वर का नाश करती है अग्नि को तीव्र करती है, वातरक्त और आमवात के लिये तो यह महा विनाशक है।

पपीता के पत्ते के फायदे : Amrit Ras, Swine Flu ka ilaj

क्‍या आप जानते हैं कि पपीते के पत्‍ते कई औषधीय गुणों से भरे हुए हैं? आपके शरीर के जितने भी रोग हैं वह पपीते के पत्‍तों के रस के इस्‍तमाल से दूर हो सकते हैं। पपीते के पत्‍ते खाने में कडुए लगते हैं लेकिन उनमें कमाल के गुण छुए हुए होते हैं। पपीते के पत्‍तों में विटामिन A, B, C, D और E और कैल्‍शियम की मात्रा भी होती है।

1. डेंगू में बहुत ज़्यादा फायदेमंद :- डेंगू से लड़ने में पपीते की पत्तिया बहुत ही ज़्यादा फायदेमंद मानी जाती हैं। यह ब्लड में तेज़ी के साथ गिर रहे प्लेट्स को फिर से बढ़ाने, खून के थक्के जमने को रोकते हैं। लिवर को डैमेज होने से बचाते हैं, क्योंकि डेंगू वाइरस की वजह से इन सभी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। इसलिए पपीते के पत्तो का रस डेंगू के इलाज के लिए कारगर माना जाता हैं।

2.भूख बढ़ाता हैं :- अगर आपको भूख ना लगने की परेशानी हो गयी हो तो पपीते के पत्ते की चाय बना कर पिए, इससे आपकी खोई हुई भूख दुबारा से वापिस लौट आती हैं।

3.बॉडी की इम्यूनिटी को बढ़ाए :- इन चमत्कारी पत्तियो में बॉडी की इम्यूनिटी को बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं। इन पत्तियो में सर्दी-जुकाम से लड़ने की क्षमता होती हैं। यह ब्लड में वाइट सेल्स और प्लेट्स को बढ़ाने करने में सहायता करते हैं।

4. ब्लड प्लेट्स बढ़ाने में कारगर :- पपीते के पत्तो का जूस पीने से खून में प्लेट्स की कमी को पूरा किया जा सकता हैं। इस चमत्कारी पत्तो में खून में ब्लड प्लेट्स को बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं। इसके लिए पपीते के पत्तो का रस रोजाना 2 चम्मच कुछ दिनों तक पीना चाहिए।

5. पीरियड्स के दर्द में राहत दिलाए :- पीरियड के दर्द से राहत पाने के लिए एक काढ़ा बनाए जिसमे 1 पपीते की पत्ती को इमली, नमक और 1 ग्लास पानी के साथ मिक्स करे। फिर इसे उबाले और काढ़ा बना कर ठंडा करके पिए। इससे आपको पीरियड के दर्द से काफ़ी आराम मिलेगा।

6. पिंपल्स ख़त्म करे :- अगर आप पिंपल्स की प्रॉब्लम्स से परेशान हैं तो पपीते की सुखी पत्तियो को लेकर पानी के साथ मिक्स करके पेस्ट बना ले। फिर इस पेस्ट को चेहरे पर लगा कर सूखा ले और फिर पानी से चेहरे को धो ले। इससे कुछ ही दीनो में आपके पिंपल्स दूर हो जाएँगे।

7. कैंसर होने से बचाए :- पपीते के पत्तो में कैंसर को रोकने वाले तत्व होते हैं। यह इम्यूनिटी को बढ़ाता हैं और सर्वाइकल कॅन्सर, ब्रेस्ट ब्रेस्ट, लिवर कैंसर, फेफड़ो के कैंसर होने से रोकने में मदद करता हैं।

8. मलेरिया में भी लाभकारी :- पपीते के पत्ते मलेरिया से भी लड़ने में क्षक्ष्म होते हैं। पपीते के पत्तियो का रस मलेरिया को बढ़ने से रोकता हैं। मलेरिया और डेंगू दोनो ही मच्छरों के काटने से होता हैं। पपीते के पत्ते का जूस दोनो रोगो में बहुत ही फायदेमंद होता हैं।

9. परिजीवियो को ख़त्म करे :- पपीते की पत्तियो में 50 एक्टिव सामग्री होती हैं जो की बैक्टीरिया, फंगस, परजीवी, वाइरस और कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकती हैं।

तुलसी के फायदे : Amrit Ras, Swine Flu ka ilaj

आयुर्वेद के अनुसार तुलसी में ऐसे-ऐसे गुण हैं जिसकी किसी और किसे पाैधे से तुलना नहीं की जा सकती। इसीलिए इसे The mother medicine of nature भी कहा जाता है। इस औषधि को एक गमले में लगाकर आप आराम से घर में रख सकते हैं। कहते हैं इसे घर में रखने से ही उस परिवार के सदस्यों का infection, cold cough और viral infection से बचाव रहता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो इसमें strong medicinal properties होने के कारण जब लोग सुबह शाम की पूजा करने इसके पास आते हैं तो इसकी सुगंध और आसपास शुद्द हवा में जब सांस लेते हैं तो infection से होने वाली काफी सारी बीमारियों से उनका बचाव हो जाता है। Amrit Ras, Swine Flu ka ilaj, dengue ka ilaj

ह्रदय संबंधित बीमारियां और डायबिटीज को ठीक करे, सांस सम्बन्धी बीमारियों को ठीक करे, Kidney stone dissolve करने में सहायक हैं, Immune system को बेहतर बनाये, आँखों की देखभाल और दिमाग के लिए लाभप्रद है,  धूम्रपान छुड़ाये और तनाव कम करे, Mouth freshener की तरह काम करे, खून शुद्ध करे, चेहरे के दाग धब्बों से छुटकारा दिलाये, बालों की समस्याओं को दूर करे

तुलसी में antibacterial, anti-fungal और antiviral गुण होने के साथ-साथ बहुत सारे beneficial compounds और antioxidants हैं। इसमें विटामिन A , C , K , और बी विटामिन्स भी काफी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। मिनरल्स जैसे कि manganese, कॉपर, कैल्शियम, आयरन, सोडियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम का भी यह एक अच्छा स्त्रोत है। इन सब गुणों के होते हुए तुलसी को एक बेमिसाल पौधा माना गया है। बहुत से लोग तुलसी की पत्तियों को चबा कर खाते हैं ताकि इसके औषधीय गुणों का पूरा फायदा ले सकें और चुस्त रह सकें। Amrit Ras, Swine Flu ka ilaj, dengue ka ilaj

तुलसी antibiotics की तरह काम कर अलग-अलग बुखार को ठीक करने में सक्षम है। हमें तुलसी की पत्तियों को कभी नहीं उबालना चाहिए। तुलसी में कीटाणुओं को खत्म करने के गुण होते हैं जिसके कारण वायरल इंफेक्शन से हमारा बचाव रहता है। यह एक प्रभावशाली antioxidant इज्नोल होता है जो हमारे ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखता है और खून से कोलेस्ट्रॉल के स्टार को कम करता है।

गिलोय पपीता और तुलसी से बना Amrit Ras, Swine Flu ka ilaj

इन सभी चीजो को देखते हुए Only Ayurved ने इन तीनो चीजो का स्वरस निकला है, जिसमे गिलोय पपीता और तुलसी का स्वरस है यह अमृत रस छोटे मोटे बुखार से ले कर के किसी भी प्रकार के फ्लू से लड़ने में बेहद सक्षम है भयंकर रोगों में इस का सेवन 30 Ml. सुबह शाम एक गिलास पानी में और स्वस्थ व्यक्ति जो कबी बीमार नहीं होना चाहता वो इस का एक चम्मच सुबह शाम सेवन करें.

इस के आलावा यह अमृत रस  रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में एवं स्वाइन फ्लू, डेंगू, Viral Fever,  typhoid, डायबिटीज , सुजन, गठिया, आर्थराइटिस, सोरैसिस, एक्जिमा, मुहासे, इत्यादि के लिए बेहद लाभकारी है एवं यह प्राकृतिक रक्त शोधक भी है. Amrit Ras, Swine Flu ka ilaj, dengue ka ilaj

Amrit Ras कहाँ से मिलेगा. Swine Flu ka ilaj, dengue ka ilaj

आपके नजदीकी Only Ayurved Dealer list और उनकी Location

बिहार

पटना – 7677551854

गोपालगंज – 9431059379

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मधेपुरा – 9546552233

छत्तीसगढ़

चिरमिरी – 9131984372

बिलासपुर – 9584891808, 9926758959, 9300333438

रायपुर – 9644133772

दुर्ग भिलाई – 9691305217

झारखण्ड

मनिका – लातेहार – 9801290105

धनबाद – 7004458228

ओड़िसा

बारीपदा – 9692801437

महाराष्ट्र

मालेगांव (नासिक) – डॉ. फरीद शेख 9860785490

धुले – 8999909029

नासिक – 9270928077

गोंदे नासिक – 7666061396

पुणे – 9209211786

नागपुर – 8830998853

*शोलापुर – 8308604642

कोल्हापुर – 9923280004

अहमद नगर – राओरी – 8605606664

कल्याण – 8454050864

कौन गाँव – 9321257946

टिटवाला – 9821315415

मलाड – 9967293444

घाटकोपर – 07738350032

भंडारा – 9422174853

औरंगाबाद – 7020505445

जालना – 7020505445

तामिलनाडू

चेन्नई – 9884164854

गुजरात

अहमदाबाद – 9974019763,

पालनपुर ( डॉ. हिदायत मेमन )  –  9428371583

द्वारिका – 9033790000

चिकली – 9427869061

अंकलेश्वर – भरूच – 8460090090

वड़ोदरा – 7574857452

राजकोट – 7984243655

सूरत –  8866181846, 9879157588

जामनगर – 9974199748

मध्यप्रदेश

भोपाल – 7987552689

इंदौर – 9713500239

सिरपुर इंदोर – 9977893736

अनूपपुर  – राजनगर कोलियरी  – 9302375790

जबलपुर – 9039868554

ग्वालियर – 9229239248

उत्तर प्रदेश

मेरठ – 8449471767

सहारनपुर -9760117040

हापुड़ – 9528777776

हाथरस ( U. P. ) –  9997397043, 7017840020

मथुरा ( वैध रविकांत जी ) – 9259883028

फ़िरोज़ाबाद – 8445222786

फ़र्रुख़ाबाद – 9839196374

सुल्तानपुर – 9125131178

रायबरेली – 9236038215

वाराणसी – 9125349199

गोरखपुर – 9792960999

सिद्धार्थ नगर – 9936404080

महाराजगंज – 9455426806

लखनऊ – 9140546350

लखनऊ आयुष चिकित्सालय –  7071332332

इटावा – 9557463131 डॉ. कौशलेन्द्र सिंह

उत्तराखंड

देहरादून – 9897890225

दिल्ली –  NCR

सराय कालें खां –  9015439622, 9871490307

गाज़ियाबाद – 9719077555

Greater Noida – 9310299100

गुडगाँव – 9310330050

फ़रीदाबाद – 9315154682

हरियाणा

फ़रीदाबाद – 9315154682

डबवाली – 9416218182

करनाल – 8396007444

पंजाब

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डबवाली – 9416218182

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मलेर कोटला – 9872439723

लुधियाणा – 9803772304

मोगा – 9988009713

जालंधर – 9814832828

अमृतसर – 8872295800

होशियारपुर उड़मुड टांडा – 9803208718

मोहाली – 09216411342

मुकेरियां – 9815296322

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जयपुर – 8107329121

जोधपुर – 8005724956

सिरोही – 9875238595

उदयपुर – 9875238595

फतेहपुर शेखावाटी – 9636648998

उदयपुर वाटी (झुंझुनू)  डॉ राकेश कुमार – 9351606755

संगरिया – 7597714736

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4 comments

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