अब बवासीर को जड से खत्म करे अपनाये ये अचूक आयुर्वेदिक उपचार –
परिचय –
अर्श को बोलचाल के रूप में बवासीर के नाम से जाना जाता है ,गुदा ,नाक ,नेत्र ,कान ,नाभ व लिंगादी स्थानों में अनेक प्रकार के मांस के अंकुर उत्पन होते है इन अंकुरों को ही अर्श का नाम दिया जाता है ,
गुदा में फेली रक्तवाहिनियो शिराओ पर दबाव पड़ने से उन शिराओ के टूटने -फूटने से मस्से के आकार के जो किलक बन जाते है उन्हें ही अर्श कहा जाता है
अर्श –गुदा प्रदेश में शिराए अनुलम्ब स्थिति में रहती है तथा इन शिराओं में जब रक्त इकट्ठा हो जाता है तब यह रक्त पुनः प्रवाह में नही जा पाने के कारण वंहा इकट्ठा होकर अर्श का रूप ले लेता है .
बवासीर के कारण –
मन्दाग्नि व कब्ज अर्श के प्रधान कारण माने गये है .जिन्हें अक्सर कब्ज रहता है ,पेट साफ नही होता है यदि होता हे तो काफी सख्त होता है ,जो कब्ज वाले भोजन खाते हो और ठंडा-गरम खाते है ऐसे रोगी के मलद्वार की नशों में गंदे खून के रुकने से उभर पैदा होता है .यही आगे चलकर अर्श का रूप धारण करते है
1.-रोग -छोटे -छोटे मस्सों पर लेप –
दवा —-
रसोंत ,कपूर ,निबोली तीनो को पानी के साथ पत्थर पर पिस कर लेप बना ले और ये लेप मस्सों पर लगाये ,इससे मस्से मुरझा जायेंगे ,और इन मस्सों की बिल्कुल हटाना हो ,तो उन मस्सों पर नीले तुतिये का लेप कर दे .मस्से साफ हो जायेंगे .
2.- रोग -बादी बवासीर के मस्सों पर मलहम –
दवा —-
नीम निम्बोली की गिरी ,रसोत ,कपूर ,सोनागेरू सभी 2-2 ग्राम ले और सबको कूट-पीसकर रखे और इसमें एरंड का तेल इतना मिलाये की ये मलहम बन जाये और इसे मस्सों पर लगाये .
3.-रोग – बवासीर के फुले हुए मस्सों को शांत करना व मस्से झड़ने पर –
दवा —-
मस्सों पर कसिसादी तेल की रोज रात को सोते समय लगाये ,इससे कुक दिनों में ही फुले हुए मस्से शांत हो जायेंगे ,
(ख) – बादाम गिरी 8-10 नग रात को भिगो दे सुबह छीलकर ,8 छोटी इलायची के बीज ,मिश्री 15 ग्राम तीनो को मिलाकर पिस ले और इसमें 20-25 ग्राम मख्खन मिलाकर प्रतिदिन सवेरे एक बार खाली पेट दे .
4.-रोग – बवासीर के मस्से जड से समाप्त 10 दिनों में लाभ –
दवा —-
काला सुरमा ,अशुद्ध 50 ग्राम ,रसोंत 50 ग्राम ,सुखा धनिया बीज 50 ग्राम ,देशी खांड या गुड 100-150 ग्राम सबको कूट पीसकर मटर के दाने के बराबर गोलिया बना ले ,और दिन में तीन बार 2-2 गोली ताजा पानी के साथ दे .अनुभवी नुस्खा हे .
5.- रोग – मस्से को मुरझाकर गिराने वाला मलहम –
दवा —-
केस्टर ऑयल 100 ग्राम ,नारियल तेल 40 ग्राम ,बड़ी इलायची के दाने 50 ग्राम ,शुद्ध फिटकरी १२० ग्राम ,देशी अजवायन 50 ग्राम ले और इनमे से जो कूटने योग्य चीजे से उन्हें कूट-पीसकर चूर्ण बना ले और ,दोनों तेलों को मिलाकर धीमी आंच पर गर्म करे ,जब गर्म हो जाये तो वो चूर्ण थोडा -थोडा डालते रहे और तेल को चम्मच से हिलाते रहे और जब गाढ़ा मलहम सा बन जाये तो उतारकर बर्तन में डालकर रखे .और सोते समय मलहम मस्सों पर लगा के टेप लगा दे , इससे कुछ दिनों में ही मस्से मुरझाकर गिर जायेंगे .
6.- रोग -बवासीर –
दवा —-
सुखा बथुआ पानी इ उबाले ले और यह क्वाथ सुबह शाम ले 20- 30 दिनों में बवासीर खत्म होता है .
7.- रोग -बवासीर के मस्सों का दर्द व जलन शांत करना –
दवा —-
अर्शोघ्न वटी -2-2 गोली सुबह शाम खाली पेट ताजा पानी से दे और अभ्यारिष्ट की 4-4 चम्मच बराबर पानी के साथ ले .
8.-रोग – खुनी बवासीर में –
दवा —-
राई का चूर्ण 2 रती मात्रा मे केले को चिर उसमे भर कर रोगी को खिला दे इससे खून तुरंत बंद हो जायेगा .लाभ ले .
9.- रोग – खुनी बवासीर –
दवा —-
गाय का कच्चा दूध 200 ग्राम में एक चम्मच चीनी मिला ले और इसमें 10 ग्राम नींबू रस मिलाकर तुरंत पी ले यह प्रयोग दिन में केवल एक बार प्रातः काल करे .
10 .-रोग -खुनी बवासीर –
दवा —-
कच्ची फिटकरी चूर्ण ,कलमी शोरा चूर्ण ,शुद्ध रसोंत तीनो को बराबर लेकर खरल में पानी के साथ घोट जंगली बेर के समान गोलिया बना ले .और 1-1 गोली सुबह शाम ताजा जल के साथ ले यह प्रयोग बहुत सफल योग है .
11 .-रोग -खुनी बवासीर –
दवा —–
नारियल की जटा की भस्म 1 ग्राम व 1 ग्राम मिश्री मिलाकर शहद के साथ चटाए लाभ होगा .अनुभवी हे .