Thursday , 28 March 2024
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कैसे नसों में होने वाले दर्द का इलाज़ करें – how to cure pain in veins !!!

3 तरीके:नसों में होने वाले दर्द से घर पर तुरंत आराम पायें, लम्बे समय से नस के दबने से होने वाले दर्द का इलाज़ घर पर करें, नस दबने से होने वाले दर्द का इलाज़ डॉक्टर से कराएं

गर्दन, पीठ, हाथ या शरीर के किसी अन्य हिस्से की नस के दबने से होने वाला दर्द थोडा पीड़ादायक होता है | इससे आपके रोज़मर्रा के कामों में भी बाधा आ सकती है | जब चारों ओर उपस्थित ऊतक जैसे हड्डियाँ, कार्टिलेज, टेंडॉन्स या मांसपेशियां, नस को असामान्य रूप से दबाती हैं या फंस जाती हैं तब नस दबने पर दर्द होता है | चाहे आप खुद इसका इलाज घर पर करें या डॉक्टर की मदद लें, लेकिन नसों में होने वाले दर्द का इलाज़ करने की जानकारी आपको पूरी तरह से ठीक होने और दर्द का सामना करने में मदद करेगी |

10 मुख्य सलाह

  • दबी हुई नस को जितना हो सके दबाना या मोड़ना टालें।
  • ज्यादा से ज्यादा आराम करें।
  • जितना हो सके ब्रेस (brace) या स्पलिंट (splint) की मदद से नस को एक जगह पर स्थिर रखें।
  • सूजन कम करने के लिए बर्फ और गर्म चीज़ों से बारी बारी से मालिश करें।
  • आराम पाने के लिए हलकी मसाज करें लेकिन ज्यादा दबाव न डालें।
  • कोई एक दर्द निवारक दवा (NSAID) जैसे ब्रूफेन (ibuprofen) लें।

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नसों में होने वाले दर्द से घर पर तुरंत आराम पायें

चरण 1
1 नस दबने की या नसों में होने वाले दर्द की पहचान करें: जब कोई नस किसी प्रकार से क्षतिग्रस्त हो जाती है और अपने पूरे सिग्नल भेजने में असमर्थ हो जाती है तब नस में दर्द होता है | यह नस के दबने के कारण होता है जो हर्नियेटेड डिस्क, आर्थराइटिस या बोन स्पर (bone spur) के कारण हो सकता है | चोट लगने, गलत तरीके के पोस्चर से, बार-बार की गतिविधियों से, खेल और मोटापे जैसी स्थितियों और गतिविधियों से भी नसों में दर्द हो सकता है | पूरे शरीर में किसी भी जगह की नस दबाने से पीड़ा हो सकती है लेकिन ये आमतौर पर रीढ़ (स्पाइन), गर्दन, कलाई और कोहनियों में पाई जाती है |

  • इन स्थितियों के कारण सूजन आ जाती है जो आपकी नसों को संकुचित कर देती है और इससे नस दबने से दर्द होने लगता है |
  • पोषक तत्वों की कमी और कमज़ोर स्वास्थ्य नस दबने के दर्द को और बढ़ा देते हैं |

केस की गंभीरता के आधार पर यह स्थिति परिवर्तनीय (रिवर्सेबल) या अपरिवर्तनीय (इर्रेवेर्सिबल) हो सकती है |

2 लक्षणों को नोटिस करें: नस दबने से होने वाला दर्द अनिवार्य रूप से शरीर की तार प्रणाली में होने वाली शारीरिक बाधा है | नस दबने से होने वाले लक्षणों में सुन्नपन, हल्की सूजन, तेज़ दर्द, झुनझुनी, मांसपेशीय ऐंठन और मांसपेशीय दुर्बलता शामिल हैं | आमतौर पर नस के दबने का सम्बन्ध प्रभावित स्थान पर होने वाले तीव्र दर्द से होता है |

  • नस में अवरोध या दबाव होने के कारण नस शरीर से प्रभावी रूप से सिग्नल नहीं भेज पाती इसीलिए ये लक्षण उत्पन्न होते हैं |

3. भावित स्थान का अत्यधिक उपयोग न करें: जब आपकी नस में होने वाले दर्द की डायग्नोसिस हो जाए तो आपको अपनी देखभाल करना शुरू कर देना चाहिए | आपको प्रभावित हिस्से से कोई काम नहीं लेना चाहिए | मांसपेशियों, जोड़ों और टेंडॉन्स के बार-बार उपयोग से नस में होने वाले दर्द की स्थिति और खराब हो जाएगी क्योंकि प्रभावित हिस्से लगातार सूजे रहते हैं और नस को दबाते रहते हैं | किसिस भी दबी हुई नस के दर्द में तुरंत थोडा आराम पाने का सबसे आसान तरीका यह है कि प्रभावित नस और उसके चारों और के हिस्सों को सूजन और दबाव पूरी तरह से शांत होने तक आराम दिया जाये |
नस में पीड़ा वाले स्थान को मोड़ना या हिलाना नहीं चाहिए अन्यथा नस में और अधिक दर्द हो सकता है | विशेष प्रकार की गतियों से आपके लक्षण तुरंत और अधिक ख़राब हो सकते हैं इसलिए यथासंभव प्रभावित स्थान को हिलाने या मोड़ने से बचना चाहिए |

  • अगर किसी विशेष गति या स्थिति के कारण लक्षण और दर्द और अधिक बढ़ जाए तो चोटिल स्थान को अलग रखें और उसे हिलाने से बचें |
  • कार्पल टनल (carpal tunnel) के केस में, जो कि एक आम चोट होती है जो नस के दबने के कारण होती है, सोते समय अपनी कलाई सीधी रखें और जोड़ों को मोड़ें नहीं, इससे हर प्रकार के संकुचन में बहुत आराम मिलेगा |

4. पर्याप्त नींद लें: अपने शरीर के नुकसान की मरम्मत के लिए कुछ घंटे अतिरिक्त रूप से सोना एक प्राकृतिक तरीका है | अगर ज़रूरत हो तो दर्द के कम होने या बेहतर अनुभव होने तक हर रात कुछ अतिरिक्त घंटे सोयें | कुछ घंटे अतिरिक्त रूप से आराम करने से आपके शरीर और चोटिल हिस्से को लक्षणों को कम करने में मदद मिलेगी |

  • प्रभावित हिस्से का अत्यधिक उपयोग न करने से यह सीधा प्रभाव दिखाता है | अगर आप ज्यादा सोते हैं तो कम हिलते-डुलते हैं | इससे न सिर्फ आप प्रभावित हिस्से का उपयोग कम कर पाएंगे बल्कि सोने से आपके शरीर को खुद को ठीक करने के लिए अधिक समय भी मिल जायेगा |

5 एक ब्रेस (brace) या स्पलिंट (splint) का उपयोग करें: कई बार आप चाह कर भी अपने काम, स्कूल या अन्य जिम्मेदारियों के कारण प्रभावित नस को पर्याप्त आराम नहीं दे पाते | अगर आपके साथ भी यही स्थिति हो तो आप प्रभावित हिस्से को स्थिर रखने के लिए ब्रेस या स्पलिंट पहन सकते हैं | इससे आप अपने बुनियादी कामों को आसानी से कर सकेंगे |

  • उदाहरण के लिए, अगर आपकी गर्दन की नस के पीड़ा हो तो एक नैक-ब्रेस (neck-brace) के उपयोग से पूरे दिन मांसपेशियों को स्थिर रखने में मदद मिलेगी |
  • अगर आपकी नस में दर्द कार्पल टनल सिंड्रोम के कारण है तो कलाई या कोहनी के ब्रेस का उपयोग करें जिन्हें वोलर कार्पल स्पलिंट भी कहा जाता है जिससे आप अनावश्यक हिलने से बचते हैं |
  • ब्रेसेस कई थोक दवाओं की दुकानों पर मिल जाते हैं | ब्रेस के साथ दिए गये निर्देशों का पालन करें | अगर आपको इस विषय में कोई शंका या सवाल हो तो सहयता के लिए डॉक्टर से सलाह लें |

6 आइस और हीट का उपयोग करें: नस दबने से अक्सर सूजन आ जाती है और सूजन नस को और दबाती है | सूजन कम करने के लिए और प्रवाह को बढाने के लिए प्रभावित हिस्से पर आइस और हीट का उपयोग बारी-बारी से करें, इस विधि को हाइड्रोथेरेपी कहते हैं | दिन में 3-4 बार 15 मिनट के लिए आइस लगाने से सूजन को कम करने में मद मिलती है | इसके बाद, प्रभावित हिस्से पर सप्ताह में 4-5 रातों तक 1 घंटे हीट पैड लगाने पर लक्षणों में सुधार आता है |

  • प्रभावित हिस्से पर या तो स्टोर से ख़रीदे हुए आइस पैक को रखें या घर पर बनाये आइस पैक का उपयोग हल्के दबाव के साथ करें | हल्का दबाव प्रभावित हिस्से को ठंडक देने में मदद करेगा | अपनी स्किन और आइस पैक के बीच एक नर्म कपडा रखें जिससे ठण्ड से स्किन को नुकसान नहीं पहुंचेगा | इसे 15 मिनट से ज्यादा देर उपयोग न करें अन्यथा रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है जिससे दर्द देर से ठीक होता है |
  • आइस पैक के उपयोग के बाद रक्त प्रवाह को बढाने के लिए हॉट वाटर बोतल या एक हीट पैड का उपयोग करें जिससे नसों को जल्दी ठीक करने में मदद मिल सकती है | एक घंटे से अधिक हीट का उपयोग न करें अन्यथा सूजन और बढ़ सकती है |
  • आप गर्म पानी से स्नान कर सकते हैं या फिर प्रभावित हिस्से को गर्म पानी में डुबाकर रख सकते हैं जिससे प्रभावित हिस्से की मांसपेशियों को आराम मिलता है और रक्त प्रवाह बढ़ जाता है |

7 मालिश करें: नस के होने वाले दर्द पर दबाव डालने से तनाव को मुक्त करने और दर्द कम करने में मदद मिल सकती है | पूरे शरीर की मालिश कराने से सभी मांसपेशियों को शिथिलता को बढाने में और साथ ही प्रभावित हिस्से को आराम देने में मदद मिलती हैं | आप प्रभावित नस के नजदीकी हिस्से को टारगेट करके भी हल्की मालिश कर सकते हैं | इससे विशेषरूप से अधिक लाभ मिलेगा और नस को ठीक करने में भी मदद मिलेगी |

  • थोडा आराम पाने के लिए आप प्रभावित हिस्से की मालिश खुद भी कर सकते हैं | रक्त प्रवाह को बढाने और नस में दबाव या संकुचन उत्पन्न करने वाली मांसपेशियों को ढीला करने के लिए अपनी अँगुलियों से प्रभावित हिस्से को धीरे-धीरे दबाएँ |
  • तीव्र डीप-टिश्यू मसाज या अधिक दबाव डालने से बचें क्योंकि इससे अनावश्यक दबाव पड़ेगा और नसों का दर्द और बढ़ जायेगा |

8 दवाएं लें: आमतौर पर पाई जाने वाली कई दर्द निवारक दवाएं नस के दबे होने से होने वाले दर्दको ठीक करने के लिए उपयुक्त होती हैं | सूजन और दर्द को कम करने के लिए नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) जैसे इबुप्रोफेन (ibuprofen) और एस्पिरिन (aspirin) लें |

  • अपनी दवा के साथ दिए गये निर्देशों का पालन करें और सभी चेतवानियाँ समझ लें | विशेषरूप से अगर आपको अन्य कोई मेडिकल प्रॉब्लम हो या आप अन्य दवाएं ले रहे हों और आपको डोज़ या साइड इफेक्ट्स के बारे में कोई शंका हो तो डॉक्टर से सलाह लें |

9 <bडॉक्टर को दिखाएँ: अगर लक्षण और दर्द कम हो जाएँ लेकिन कई महीनों या सप्ताह के बाद फिर से वापस होकर लगातार परेशानी देने लगें तो डॉक्टर की सलाह लें | बल्कि, अगर लक्षणों को कम करने के लिए पहले बताई गयी विधियाँ जो वास्तव में लाभदायक थीं, अब काम न आयें तो डॉक्टर से चेक कराएं |

  • अगर आपको प्रभावित हिस्से के बहुत कम उपयोग में लाने के बावजूद उसमे लगातार सुन्नपन या दर्द हो या प्रभावित हिस्से की मांसपेशियों में समय के साथ कमजोरी अनुभव होने लगे तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए |

अगर लक्षण बहुत गंभीर हों या प्रभावित हिस्से में ठंडक अनुभव हो या बहुत हल्का पीला सा या नीला दिखाई दे तो तुरंत उपचार लें |

विधि2

लम्बे समय से नस के दबने से होने वाले दर्द का इलाज़ घर पर करें

कम प्रभाव डालने वाली एक्सरसाइज करें: आप पानी दबी हुई नस को आराम दे सकते हैं और रक्त के प्रवाह को सुचारू बनाये रख सकते हैं | अच्छे रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह और मांसपेशियों के टोन होने से सच में दबी हुई नस से होने वाले दर्द को ठीक करने में मदद मिल सकती है | आपको दैनिक गतिविधियाँ सावधानीपूर्वक करना चाहिए और केवल तभी करना चाहिए जब ये गतिविधियाँ आपके लिए आरामदायक हों | तैरने या थोडा टहलने की कोशिश करें | इससे आपको मांसपेशियों को स्वाभाविक रूप से हिलाने में मदद मिलेगी जबकि प्रभावित नस के आस-पास के जोड़ों और टेंडन पर बहुत कम मात्रा में दबाव डाला जाता है |

  • असक्रियता, मांसपेशियों की शक्ति को कम कर देती है और प्रभावित नस के ठीक होने की प्रक्रिया के समय को और बढ़ा देती है |
  • एक्सरसाइज या आराम करते समय सही पोस्चर बनाये रखें | इससे प्रभावित नस की वास्तविक स्थिति पर तनाव को कम करने में मदद मिलेगी |
  • एक स्वस्थ वज़न बनाये रखने से नस दबने से होने वाली पीड़ा से बचा जा सकता है |

कैल्शियम अंतर्ग्रहण को बढायें: नस दबने से होने वाली परेशानी का एक मुख्य कारण कैल्शियम की कमी होता है | आपको कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे दूध, पनीर, दही और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, केल खाना शुरू कर देना चाहिए | इससे न सिर्फ आपकी नस के दर्द में लाभ मिलेगा बल्कि आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य में सुधार आएगा |

  • आप कैल्शियम को सप्लीमेंट के रूप में भी ले सकते हैं | इन्हें आप की हेल्थ फ़ूड स्टोर्स, जनरल स्टोर्स या फार्मेसी से खरीद सकते हैं | अगर आपको कैल्शियम के डोज़ के बारे में शंका हो तो पैकेज पर लिखे निर्देशों का पालन करें या डॉक्टर से सलाह लें | सिफारिश किये गये डोज़ से अधिक मात्रा न लें |
  • पैकेज्ड फूड्स के लेवल चेक करें कि वे कैल्शियम फोर्टीफाइड हैं या नहीं | कई ब्रांड्स अपने सामान्य प्रोडक्ट्स के साथ ही कैल्शियम से भरपूर प्रोडक्ट्स भी प्रदान करते हैं |

पोटैशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं: पोटैशियम सेल मेटाबोलिज्म में प्रमुख भूमिका निभाते हैं | चूँकि इसकी कमी से नसों के बीच के बंधन कमज़ोर हो जाते हैं इसलिए कभी-कभी पोटैशियम की कमी नस दबने से होने वाले लक्षणों में योगदान दे सकती है | डाइट में पोटैशियम की मात्रा बढाने से नसों को सही संतुलन के साथ काम करने और लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है |

  • अखरोट, केला और नट्स पोटैशियम से भरपूर होते हैं | स्किम मिल्क और ऑरेंज जूस जैसे पेय पदार्थ पीने से पोटैशियम के अवशोषण को बढाने में मदद मिल सकती है |
  • एक स्वस्थ डाइट के साथ ही कैल्शियम के समान पोटैशियम सप्लीमेंट भी नियमित रूप से लिए जा सकते हैं | अगर आप कोई अन्य दवा लेते हों या आपको कोई मेडिकल प्रॉब्लम हो (विशेषरूप से किडनी से सम्बंधित) तो पोटैशियम सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें | इन सप्लीमेंट को लेने की सिफारिश करने से पहले आपके डॉक्टर आपके रक्त में पोटैशियम के लेवल को चेक कर सकते हैं |
  • पोटैशियम की कमी डॉक्टर द्वारा डायग्नोज़ की जाती है | पोटैशियम की कमी को दूर करने के लिए डॉक्टर इसकी कमी के कारण का मूल्यांकन करके पोटैशियम बढाने वाली डाइट लेने की सिफारिश कर सकते हैं | अगर आपको इससे कोई परेशानी होने लगे तो डॉक्टर से सलाह लें |

विधि 3

नस दबने से होने वाले दर्द का इलाज़ डॉक्टर से कराएं
1 एक फ़िज़ियोथेरेपिस्ट को दिखाएँ: अगर आपकी परेशानी बढती जाए और किसी विधि से लाभ न मिले तो आपको एक फ़िज़ियोथेरेपिस्ट को दिखाना चाहिए | वे आपको विशिष्ट स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज बता सकते हैं जो दबी हुई नस से होने वाले दर्द को ठीक करने में मदद करती हैं | विशेष एक्सरसाइज दबी हुई नस पर दबाव डालकर आराम देते हैं और दर्द में आराम देते हैं | इनमे से कई स्ट्रेचेस का उपयोग प्रशिक्षित प्रोफेशनल या साथी के द्वारा कराई जानी चाहिए इसलिए इन्हें खुद न करें |

चरण 3

  • समय के साथ-साथ फ़िज़ियोथेरेपिस्ट आपको खुद करने के लिए अतिरिक्त एक्सरसाइज बता सकते हैं | जब तक आपके फ़िज़ियोथेरेपिस्ट खुद आपके कोई एक्सरसाइज अकेले करने के लिए न कहें तब तक कोई एक्सरसाइज अकेले न करें |

2 एपीड्यूरल (epidural) स्टेरॉयड इंजेक्शन लेने पर विचार करें: इस उपचार का उपयोग मुख्य रूप से सियाटिक नर्व (sciatic nerve) के दबने से होने वाले दर्द के इलाज़ में किया जाता है जिससे दर्द कम हो सकता है और नस को ठीक करने में मदद मिलती है | आपकी नस के दबने के प्रकार और डिग्री के बारे में आपके डॉक्टर द्वारा आंकलन करने के बाद डॉक्टर आपको इस विकल्प के बारे में बता सकते हैं |

  • एपीड्यूरल स्टेरॉयड इंजेक्शन तीव्र और प्रभावशाली हो सकते हैं अर्थात् दर्द से जल्दी राहत दे सकते हैं | किसी प्रशिक्षित मेडिकल प्रोफेशनल के द्वारा इंजेक्शन लगाये जाने पर जोखिम और साइड इफेक्ट्स होने की सम्भावना कम होती है | परन्तु, बहुत कम होने वाले साइड इफेक्ट्स में शामिल हैं- मितली, उल्टियाँ, दस्त, कमरदर्द, इंजेक्शन लगाये जाने वाली जगह पर ब्लीडिंग होना |

डॉक्टर से सर्जरी के बारे में पूछें: दबी हुई नस में विशेष प्रकार के दर्द या लक्षण होने पर जिनमे किसी इलाज़ से कोई लाभ न मिले, सर्जरी करवाना सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है | सर्जरी से दबाव से आराम मिलता है या इससे दबी हुई नस के उस हिस्से को हटा दिया जाता है जिसके कारण दर्द होता है | सर्जरी आमतौर पर रिकवरी के बाद आराम देती है | नस बार-बार दबने से दर्द हो सकता है लेकिन ऐसा बहुत कम होता है |

  • कलाई की नस दबने से होने वाले दर्द में उस स्थान में दबाव को कम करने के लिए मांसपेशीय ऊतकों को काटना पड़ सकता है |
  • हर्नियेटेड डिस्क के कारण नस दबने से होने वाले दर्द को स्पाइनल स्टेबलाइजेशन (spinal stabilization) के द्वारा डिस्क के एक हिस्से या पूरी डिस्क को हटाकर दर्द को ठीक किया जा सकता है |

निरंतर आराम के लिए प्रयास करें: लक्षणों के शांत हो जाने के बाद भी सही एक्सरसाइज लगातार करते रहना, उचित शारीरिक गतिविधियाँ करते रहना और सही पोस्चर बनाये रखना और पहले के समान डिस्क की परेशानी को उत्पन्न करने वाले फैक्टर से बचकर रहना बहुत ज़रूरी होता है | नस की पीड़ा की रिकवरी नस में लगने वाली ठोकर या चोट के स्तर, उपचार नियमों के पालन और रोग को ठीक करने की प्रक्रिया पर निर्भर करती है |

आमतौर पर पीठ की दबी हुई नसों की पूरी रिकवरी हो जाती है | नस दबने के कारण होने वाला एक्यूट कमर दर्द आमतौर पर लगभग 6 सप्ताह की टार्गेटेड देखभाल से 90 प्रतिशत तक ठीक हो जाता है |

5. भविष्य में नस के फिर से दबने से होने वाले दर्द से बचें: अधिकतर प्रभावित नसें पूरी तरह से ठीक हो जायेंगी और अधिकतर लक्षण सही उपचार से ठीक हो जायेंगे | फिर से चोट लगने और पहले नस दबने के कारण की पुनरावृत्ति होने से रोकने के लिए वही गतिविधि फिर से करने से बचें जिससे पहले भी नस में दर्द हुआ हो | सबसे ज़रूरी बात तो यह है कि आप अपने शरीर के संकेतों को समझें | अगर किसी भी गति के कारण परेशानी शुरू हो जाए या नस दबने के लक्षण दिखाई देने लगें तो उस गतिविधि को तुरंत बंद कर दें और प्रभावित हिस्से को रिकवर होने दें |

  • अपनी पहले की प्रभावित नस को अलग रखने, आराम, संतुलित उपयोग करने और सही देखभाल करने के लिए डॉक्टर से एक प्लान और रेजिमेन (regimen) के बारे में बात करें |
  • नस के दबने से पहले ही ब्रेस को एक सुरक्षात्मक उपाय के रूप में मदद के लिए उपयोग किया जा सकता है |

सलाह

  • आपके लक्षण अचानक दिखने लगें या किसी चोट के बाद हों तो तुरंत चिकित्सीय मदद लें |
  • दबी हुई नस के दर्द का पूरी तरह से ठीक होना, नस को होने वाले नुकसान की मात्रा पर निर्भर करता है | चूँकि नस ऊपरी सिरे से लेकर निचले छोर तक ठीक होती है इसलिए इसके पूरी तरह से ठीक होने में कुछ सप्ताह से लेकर कुछ महीनों तक का समय लग सकता है |
  • अगर आप पीठ के दर्द से परेशान हों तो एक ओस्टोपेथ (osteopath) या कायरोप्रेक्टर (chiropractor) को दिखाएँ जो स्पाइनल मैनीपुलेशन करता है | ये विधियाँ नस के दबाव को हटाती हैं जिससे नस ठीक हो सकती है |

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