उच्च रक्तचाप के लिए कुछ अनुभवी और सरल प्रयोग -लाभ ले
आजकल भाग दोड़ की जिन्दगी में हर मनुष्य किसी न किसी बीमारी से ग्रसित हे उनमे से एक रक्तचाप का बढना भी हे . उच्च रक्तचाप की चिकित्सा में सर्पगन्धा का प्रमुख स्थान है .मष्तिष्क में रहे दोषों की शांति के लिए इसका प्रयोग किया जाता है .इसका अधिक सेवन करने से गुर्दे बिगड़ जाने का खतरा बना रहता है यकृत व ह्रदय बढ़ जाते है और भूख मर जाती है .यदि इसका सेवन अधिक दिनों तक प्रयोग के लिए दिए तो इसके साथ ऐसी दवाये भी चालू रखे जो ह्रदय को भी ताकत प्रदान करे .
1.- उच्च रक्तचाप –
विधि —- अर्जुन की छाल का चूर्ण 1 चम्मच 100 ग्राम पानी में डालकर 4-5 बार उबाले तथा चाय की तरह
घूंट -घुट कर पिए .रक्त चाप नोर्मल हो जायेगा
2.- उच्च रक्तचाप-और नींद नही आना –
विधि —- अर्जुन छाल का चूर्ण एक भाग ,जटामांसी आधा भाग दोनों को चूर्ण बनाकर रख ले और यह चूर्ण
5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम ताजा पानी के साथ 15 दिन तक सेवन करे .उसके बाद 25 दिनों तक इस
दवा की मात्रा घटा कर दो या ढाई ग्राम सुबह शाम कर दे .कुल 40 दिनों तक यह दवा देनी है .फिर देने की
आवश्यकता नही ,bp ज्यादा कम होने के कर्ण रोगी को ज्यादा नींद आने लेगे तो दवा को कुछ दिन छोडकर
फिर से चालू कर दे .
3.- उच्च रक्त चाप –
विधि —- ब्राह्मी चूर्ण 1 ग्राम ,संगजराहत पिष्टी 2 रती दोनों की ये एक मात्रा हो गयी ये दवा .अर्जुनारिष्ट
की 2-3 ढक्कन बराबर पानी मिलाकर उसके साथ दे दिन में दो बार .उच्च रक्तचाप सामान्य हो जायेगा .
4 . – तीव्र उच्च रक्तचाप –
विधि —- स्वर्ण सूतशेखर रस 1-1 गोली .एक चम्मच शहद व आधा चम्मच घी के साथ मिलाकर देने से
फोरन लाभ मिलता है .
5 .- उच्च रक्तचाप –
विधि —- लहसुन 2-7 कली के छोटे -छोटे टुकड़े कर सुबह खाली पेट पानी संग ले .इस दवा का कुछ दिन
यक प्रयोग करे या सुबह 2-7 कली लहसुन छीलकर एक चम्मच दही निगल ले ,शीघ्र लाभ होगा .
6 .- उच्च रक्त चाप –
विधि —- आंवले का चूर्ण 1 चम्मच रात को सोने से पूर्व 2-4 घूंट पानी से दे .इससे मधुमेह और रक्तचाप
दोनों ठीक हो जायेगा .