Friday , 19 April 2024
Home » hmare anubhav -in gthiya » हमारे अनुभव -गठिया (आर्थराइटिस) के हर प्रकार के दर्द में ,शीघ्र लाभकारी |

हमारे अनुभव -गठिया (आर्थराइटिस) के हर प्रकार के दर्द में ,शीघ्र लाभकारी |

हमारे अनुभव -गठिया (आर्थराइटिस) के हर प्रकार के दर्द में ,शीघ्र लाभकारी |

50-55 वर्ष की उम्र के बाद  घुटनों ,कन्धो और रीढ़ की हड्डी में दर्द होता है |हड्डिया घिसनी शुरू हो जाती है

जोड़ हिलने -डुलने पर चटखने की आवाज होती है |कुछ का मानना हे की यूरिक अम्ल के दाने जमा हो जाने के

कारण घुटने जाम से-हो जाते है तथा ऐसी स्थिती भी आ जाती है की रोगी अपंग हो जाता है |

इसमें आम व वात दोनों दूषित होकर बड़ी -बड़ी सन्धिया में जेसे -घुटने ,कोहनी ,टखने में जाकर सारे शरीर को जकड़

देते है और जॉइंट में सुजन आ जाती है |यह सुजन पहले शरीर के बड़े -बड़े जोड़ो में आती है फिर छोटी संधियों में

पहुंच जाती है और इनमे रह रह कर बहुत भयंकर दर्द होता है |

इन सभी बीमारियों के लिए हम इस पोस्ट में हमारे अनुभव किये हुए योग (नुस्खे ) बता रहे हे बहुत अदभुद है

1 .(हमारे अनुभव ) -मुड़ी हुई अंगुलियाँ सीधी करना –

दवा -उडद की छिलके वाली दाल सुबह पानी में भिगो कर रख दे |रात को डाल निकाल कर सिलबट्टे पर पिस ले

पिट्टी बन जाएगी |अब इसे इस प्रकार रखे की इसका पानी निचुड़ जाये |फिर इसे रोटी की तरह एक तरफ ही पकाए

जब पक जाये ,तो रोटी के कच्चे हिस्से पर सरसों का तेल लगा अंगुलियों पर यह रोटी रात को बांध दे तथा सुबह इसे

खोल दे |इससे 4-5 दिनों में हड्डी मुलायम हो जाती है बाद में आप

कुरण्ड एक भाग +खाने वाली हल्दी आधा भाग ,दोनों को कूट पीसकर पाउडर बना सरसों के तेल में मिलाकर गरम

कर ले |सहने योग्य रहने पर रात को अंगुलियों पर मोटा -मोटा लेप कर कपड़े से बांध दे |सुबह खोल दे ,

2-3 महीने तक धेर्य के साथ करे |अंगुली पहले की तरह सीधी हो जाएगी |

2 .(हमारे अनुभव) -ऐसे रोगी जिनके जोड़ -जोड़ जुड़ गये हो -वातरक्त –

दवा -एरंड ,धतूरा और आक के 2-2 ताजा पत्ते ,काली जीरी का तेल 250 ग्राम |

तीनो को तेल में डाल धीमी आंच पर गरम करे |जब पत्ते जल जाये ,उतार कर ठंडा होने पर छान कर रख ले और

ऐसा स्थान जहा सीधी हवा न लगे ,धुप में बैठकर दिन में एक बार इस तेल की मालिस करे |कुछ दिनों में जोड़

खुल जायेंगे |

3 .(हमारे अनुभव) -अंगुलियाँ जकड़ जाना –

दवा -सालार व्रक्ष का गोंद 2 ग्राम सुबह शाम गरम पानी के साथ दे |इससे जो व्यक्ति अंगुलियों से कुछ नही पकड़

सकता था इससे ठीक हो गया |

4 .(हमारे अनुभव) -असाध्य गठिया –

दवा -विजयसार लकड़ी का पाउडर 10 ग्राम लेकर उसे मलमल के कपड़े की पोटली में बांध दे तथा एक किलो दूध

किसी बर्तन में डाल उसे चूल्हे की धीमी आंच पे चढ़ा दे तथा यह पोटली उस दूध में ऐसे लटकाए की वह बर्तन के

तले को न छुए |अच्छी प्रकार उबलने के बाद पोटली  दूध में निचोड़ ले तथा दवा फेंक दे |यह दूध रोगी को पिला दे

एक स्त्री के हाथो की अंगुलिया मुड गयी थी उसे यह दिया गया |मुड़ी हुई अंगुलिया ठीक हो गयी |

5 .(हमारे अनुभव) -अंग जकड़ जाना ,मुड जाना ,जिनके जुड़ गये हो |कमजोरी के कारण रोगी चलने फिरने में असमर्थ हो तथा शरीर सूखता जा रहा हो –

दवा -तिल का तेल 1 किलो ,100 ग्राम लहसुन ,अजवायन 50 ग्राम ,सोंठ 25 ग्राम ,अकरकरा 25 ग्राम ,

जायफल 25 ग्राम ,लोंग 5 ग्राम ले |अब लहसुन के छोटे छोटे टुकड़े कर ले |सोंठ ,अकरकरा व जायफल को मोटा –

मोटा कूट ले |लोंग व अजवायन को नही कूटे |इन सबको तिल तेल में इतना पकाए की वह जल कर काले हो जाये |

इस तेल की सुबह व रात को पीड़ित अंगो पर मालिस करे |

तेल के साथ में खाने की दवा का भी सेवन करे तो रोग शीघ्र मिट जाता है |

खाने की दवा -सहजना की छाल 20 ग्राम ,सनाय की पट्टी 20 ग्राम ,हरड बड़ी 10 ग्राम ,सफेद निशोथ 10 ग्राम ,

बादाम गिरी 10 ग्राम ,महंदी के सूखे पत्ते 7 ग्राम ,छोटी इलायची के बीज 25 ग्राम ,केसर 4 ग्राम ,मिश्री 100 ग्राम

सबको अलग अलग कूट छान ले तथा केसर को जायफल व छोटी इलायची के साथ कूटे ,इन सबको एक साथ मिलाकर

रख ले |सुबह शाम खाने के आधे घंटे बाद पोना से एक चम्मच तक ताजा पानी से रोज ले |

जब हम ये दवा खायेंगे तथा तेल की मालिश करेंगे तो जो अंग जकड़े हे उनमे रह रह कर झटके लगेंगे |क्योंकि रोग –

ग्रस्त नाड़ियो में जो खून रुका है |उसका रास्ता धीरे धीरे साफ होता है तथा खून चलने लगता है |

6 .-(हमारे अनुभव ) -घुटनों का दर्द ,चलने फिरने में कठिनाई ,तांगे कुछ टेडी हो गयी थी –

दवा – एक -एक दिन छोडकर आधी से एक चम्मच आमा हल्दी का पाउडर रात को गरम दूध के साथ लेने से 15

दिनों में रोगी ठीक हो गया था |

7 .-(हमारे  अनुभव ) – घुटनों -पिंडलियों में दर्द रहना ,टांगे सीधी न होना |

दवा * -निर्गुण्डी के पत्ते पानी में उबाल ले तथा उसमे कपड़ा डालकर सिकाई करे |गुनगुना रहने पर घुटनों पर बांध

कर सों जाये |यह प्रकिया केवल रात को करे |रोगी तीन चार दिनों में ठीक हो जायेगा |

दवा **-ताजी अमरबेल को सिलबट्टे पर पिस लेप बना ले |यही लेप घुटनों पर रात को लगाये तथा रुई रख पट्टी बांध

दे |सुबह पट्टी खोलकर लेप हटा दे अब अमरबेल को पानी में उबाल ले तथा इसमें कपड़ा डाल कर उससे सिकाई करे

शीघ्र आराम आयेगा | हवा न लगे अन्यथा घुटने सूज जायेंगे |पहले पानी को कपड़े से पोंछ कर सुखा ले ,उसके आधे

घंटे बाद ही हवा में निकले |गलती से हवा लगने से घुटने सूज जाये तो सेंधा नमक पानी में उबालकर उससे सिकाई करे

8 .(हमारे अनुभव ) – जोड़ो के दर्द पर –

दवा -अमरबेल 4-5 दिन छाया में सुखा ले |इसके बाद इसे देशी घी में इतना तले की यह जले नही |अब इसे कूट पीसकर

छान ले जितना अमरबेल का पाउडर है उससे 4 गुना देशी खांड मिलाकर कंचे बराबर के लड्डू बनाकर मर्तबान में

रख ले |एक -एक लड्डू सुबह शाम खाली पेट गरम दूध के साथ 15 -20 दिनों तक ले |इस नुस्खे से पुराना जोड़ो

का दर्द भी 20 -25 दिनों में खत्म हो जाता है |इसका प्रयोग केवल सर्दियों में ही करे क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status