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बल वीर्यशक्ति बढाने के लिए रामबाण नुस्खा न. 2 – 3 और चार.

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बल वीर्यशक्ति बढाने के लिए रामबाण नुस्खा न. 2 – 3 और चार.

दोस्तों जैसा कि हम अपनी पुरानी पोस्ट में आपको बता चुके हैं के आपके लिए इन सर्दियों में Only Ayurved ओनली आयुर्वेद आपके लिए 200 ऐसे घरेलु नुस्खे ले कर आएगा जिन से बलवीर्यवर्द्धक हो शरीर में शक्ति अपार हो जाएगी. पहला प्रयोग आपको हम बता ही चुके हैं. आइये आज आपको बताते हैं इसके प्रयोग नंबर 2 तीन और 4.

प्रयोग नंबर 2 के लिए ज़रूरी सामग्री.

प्याज का रस 6 ग्राम.

घी 4 ग्राम.

और शहद 3 ग्राम.

शतावर 12 ग्राम.

मिश्री 25 ग्राम.

दूध 250 ग्राम.

ये नुस्खा करने की विधि.

सवेरे खाली पेट अर्थात शौच जाने के बाद और शाम को खाना खाने के एक घंटे के बाद प्याज घी और शहद इन तीनो को आपस में मिला कर चाट लें. इसके एक घंटे तक कुछ ना खाएं पियें. और रात को सोते समय दूध में शतावर और मिश्री मिला कर इसको औटा लीजिये. अच्छे से औटाने के बाद यह दूध पी लीजिये.

यह प्रयोग भी आपको लगातार 3 महीने तक करना है.

 

बल शक्ति वीर्यवर्द्धक प्रयोग नंबर तीन.

इसके लिए ज़रूरी सामग्री.

मोचरस का चूर्ण – 6 ग्राम.

मिश्री – 50 ग्राम.

गाय का दूध 250 ग्राम.

मोचरस के चूर्ण और मिश्री को गाये के दूध में अच्छे से उबाल कर तीन महीने तक लगातार पीते रहने से शरीर में बल शक्ति और शुक्र धातु बढ़ जाती हैं. और अत्यंत शक्ति आती है. यह उन लोगों के लिए भी बहुत लाभदायक है जो स्वपन दोष से ग्रसित हों. अनेक रोगियों पर आजमाया हुआ है.

प्रयोग नंबर 4 के लिए आवश्यक सामग्री

कौंच के छिले बीज – 6 ग्राम.

तालमखाने के बीजों का चूर्ण 6 ग्राम.

मिश्री 12 ग्राम.

धारोषण दूध एक गिलास (धारोषण अर्थात दुहा हुआ ताज़ा, बिना उबाला हुआ)

सेवन की विधि.

कौंच के बीज और ताल मखाने के बीजों का चूर्ण और मिश्री आपस में मिला कर धारोषण दूध के साथ फंकी लेने से बल बुद्धि वीर्यशक्ति बढ़ती है. यह उत्तम वाजीकरण योग है और अनेक रोगियों पर आजमाया हुआ है.

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