गुर्दे और पित की थेली में पथरी के लिए कुछ अनुभवी ,सरल नुस्खे -जरुर आजमाएं
गुर्द में पथरी –
जिस प्रकार जल से भरे घड़े में जल के साथ जो घुलने वाले पदार्थ नही होते वे उसके तले में बेठ जाते है ,उसी
प्रकार व्रक्क भी जब मूत्र को छानने का काम करते है ,तो उस मूत्र में यूरिक एसिड ,युरेट्स ,लवण इत्यादि
पदार्थ जो मूत्र के जल में पूर्ण रूप से नही घुलते ,उनके कुछ अंश बारीक़ कणों के रूप में गुर्दे की गवनियो के
शुरु के हिस्से में व वस्ती में बेठ जाते है ,इसके चारो और इन्ही लवणों के छोटे -छोटे कण धीरे -धीरे होकर
अश्मरी बन जाती है
पिताशय में पथरी –
पिताशय हमारे शरीर में दांयी और लिवर के साथ होता है .शरीर में बनने वाला पित जब बिगड़ जाता है तब
पथरी बनती है .पिताशय से निकल कर पित छोटी आंत में जाता है .जब कोई पथरी का कण पिताशय से निकल
कर पित नली में फंस जाता है ,तब पित रस के छोटी आंत में न पंहुच पाने के कारण पथरी का दर्द शुरू होता है
इसी को पिताशय शूल नाम से जानते है .
1 .- गुर्दे की पथरी –
दवा -गोक्षुरादी गूगल 2 गोली ,श्वेत पर्पटी 4 रती इनकी एक मात्रा दवा बनाकर गोक्षुरादी क्वाथ के साथ दे
इससे 10 -15 दिनों में पथरी निकल जाती है
2.- गुर्दे की पथरी –
दवा —- यवक्षार ,कलमी शोरा ,मुली क्षार तीनो को 10 -10 ग्राम लेकर मिलाकर रख ले इन सब की 12
पुडिया बना ले और एक -एक पुडिया दिन में 3 बार 1-1 गिलास लिम्का के साथ 5-6 दिनों तक दे इन्ही 5-6
दिनों में केसी भी पथरी हो निकल जाएगी .
3.- गुर्दे की पथरी –
दवा —- नोसादर ,यवक्षार ,कलमी शोरा ,सुहागा ,पत्थर ह्जरल यहूद सभी बराबर -बराबर लेकर कूट पिस
कर रखे और आधा -आधा चम्मच चूर्ण को कुलथी की दाल के क्वाथ के साथ 100 ग्राम की मात्रा में दिन में
तीन बार दे .
4 .- गुर्दे की पत्थरी व मूत्राशय में –
दवा —- बरने की छाल 25 ग्राम ,छोटा गोखरू 6 ग्राम ,पाषाण भेद 2 ग्राम ,सरकंडे की जड डेड ग्राम ,कुलथी
3 ग्राम ,सफेद जीरा 3 ग्राम ,मलयागिरी चन्दन 2 ग्राम ,बढ़ी इलायची 6 नग ,अपामार्ग 2 ग्राम ,खरबूजे के बीज
2 ग्राम सबको पिस कूट कर दो भाग कर ले और एक भाग चूर्ण को 750 ग्राम पानी में क्वाथ करे और 200
रहने पर छान ले इसमें यवक्षार 10 रती मिलाकर सुबह पी ले और शाम को फिर बनाकर पिए .कुछ दिनों में ही
पत्थरी टूट-टूट कर बाहर आ जाएगी .
5 .- गुर्दे की पत्थरी –
दवा —- मुली स्वरस किलो 500 ग्राम ,पांचो नमक 125 ग्राम ,यवक्षार 70 ग्राम ,सफेद जीरा 60 ग्राम इन
सबको चीनी मिटटी या कांच के बर्तन में रखकर बर्तन के मुख को मिटटी से ढक दे और एक महीने बाद उसे
छान कर बोतल में भर दे और 15- 20 ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार पिलाये लाभ होगा .
पित की थेली की पत्थरी –
1 .- पिताशय पथरी –
दवा —- लम्बे वाले पत्थर के 2-2 पत्ते दिन में दो बार चबाये .रस के बाद जो गुदा बचा हो वो भी निगल जाये .
एक महीने में पथरी निकल जाएगी .
2.- पिताशय पथरी –
दवा —- चन्द्रप्रभा वटी 2-2 गोली सुबह शाम विरव्तार्दी क्वाथ के साथ दे .इससे पत्थरी निकल जाएगी .
3 .- पिताशय पथरी –
दवा —- नारियल पानी 200 ग्राम में 1 नींबू का रस निचोड़ सुबह खाली पेट व शाम को खाली पेट 4-5 बजे ले
और लेने के एक घंटे तक कुछ भी नही खाए .
4.- पिताशय पथरी –
दवा —- नींबू रस 500 ग्राम ,सादा कोढ़ी 50 ग्राम दोनों को मिलाकर शीशी में रख ले .दिन में 2-3 बार हिलाए
और हफ्ते बाद ये दवा बिना छाने 2 ढक्कन सुबह खाली पेट पी ले तथा एक घंटे तक कुछ ना ले रात को खाने के
एक घंटे बाद यही दवा 2 ढक्कन पी ले .
5.- पथरी कही पर भी हो –
दवा —- कुलथी ,गोखरू ,वरुण छाल बराबर -बराबर लेकर जो कूट कर ले तथा यह जो कूट दवा 20 ग्राम लेकर
200 ग्राम पानी में भिगोकर रखे सुबह इसको उबालकर 50-60 ग्राम रहने पर छानकर पी ले
30 दिनों में लाभ होगा