हाई ब्लड प्रेशर का काल हैं ये 8 फ्रूट.
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ये पोस्ट फोटोज में हैं इसलिए थोडा धैर्य के साथ हर फोटो को ध्यान से पढ़ें.
ये साधारण और सस्ते दिखने वाले फल हर मौसम में मिल जातें हैं, ये फल अगर हम नियमित अपने जीवन में खाने शुरू कर दें तो हार्ट अटैक तो क्या हाई ब्लड प्रेशर जिसको हाइपरटेंशन कहतें हैं वो भी नहीं आएगा. तो ज़रूर शुरू करें ये फल.
उच्च रक्तचाप के मरीज को नित्य दो सेब खाने चाहिए, इससे पेशाब खुलकर और जल्दी आटा है. इससे शरीर का नमक बाहर निकल जाता है और गुर्दों को आराम मिलता है.
हृदय की कमज़ोरी दूर करने के लिए निम्बू में विशेष गुण है। इसके निरंतर प्रयोग से रक्तवाहिनियों में लचक और कोमलता आ जाती है। और इनकी कठोरता दूर हो जाती है। इसलिए उच्च रक्तचाप जैसे रोग को दूर करने में निम्बू उपयोगी है। इससे बुढ़ापे तक हृदय शक्तिशाली बना रहता है एवं हृदयाघात का भय नहीं रहता है। कैसा भी ब्लड प्रेशर हो, पानी में निम्बू निचोड़कर दिन में कई बार पीने से लाभ होता है। प्रात: एक निम्बू का रस चाय जैसे गर्म पानी में मिलकर पीना बहुत हितकारी है।
उच्च रक्तचाप में दो नारंगी नित्य खाते रहें, रक्तचाप सामान्य रहेगा। नित्य प्रात: भूखे पेट एक गिलास नारंगी का रस पियें और रात को सोते समय एक गिलास गर्म दूध पियें। इनमे पोटैशियम और कैल्शियम पाया जाता है। पोटैशियम और कैल्शियम की मात्रा बढ़ाकर रक्तचाप कम किया जा सकता है जो नारंगी और दूध के सेवन से बढ़ जाते हैं। ये मिनरल्स उच्च रक्तचाप के जिम्मेदार सोडियम का स्तर बढ़ने से किडनी को होने वाले नुक्सान से बचाव करते हैं।
आंवले में सोडियम कम करने की क्षमता होती है, इसलिए रक्तचाप के रोगी के लिए आंवले का उपयोग लाभदायक है। यह रक्त बढ़ाने और साफ़ करने में सहायक है तथा इससे शरीर को आवश्यक रेशा (फाइबर) मिलता है। आंवले का मुरब्बा नित्य प्रात: खाने से उच्च रक्तचाप ठीक हो जाता है। आंवला रक्तशोधक है।
केले में सोडियम कम होता है, पोटैशियम अधिक होता है जो उच्च रक्तचाप नियंत्रण के लिए आवश्यक है। इस कारण से उच्च रक्तचाप की रोकथाम में यह सहायक होता है। अभी यू एस फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने वहां के केला उद्योग को यह कहने के लिए स्वीकृति प्रदान की है के “केला खाने से उच्च रक्तचाप तथा हृद्य घात होने की आशंका कम होती है।”
नित्य प्रात: भूखे पेट 250 ग्राम पका हुआ पपीता दो तीन महीने खाते रहने से उच्च रक्तचाप सही होता है।
चुकंदर में नाइट्रेट बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है, नाइट्रेट शरीर में जाने पर नाइट्रिक ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है, नाइट्रिक ऑक्साइड संकुचित हुयी रक्त वाहिकाओं को खोलने में बहुत उपयोगी है। इसलिए चुकंदर का सेवन उच्च रक्तचाप और हृदय रोगों में किसी चमत्कार से कम नहीं।
शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट और प्रो ऑक्सीडेंट दोनों पाये जाते हैं। यदि प्रो ऑक्सीडेंट ज़्यादा हो तो हृदय रोगों और कैंसर व् अन्य घातक बिमारियों के जल्दी होने की सम्भावना बढ़ जाती है। लाल काले अंगूरों में एंटी ऑक्सीडेंट की संख्या अधिक होती है। इसलिए गहरे काले अंगूरों के खाने से कैंसर व् हृदय रोग कम होते हैं।
हृदय रोगों में अंगूर का रस बहुत उपयोगी सिद्ध होता है। यह रक्त को जमने, उसके थक्के बनने से रोकता है, जिससे हृदय में रक्त का संचार सुचारू रूप से होता रहता है, परिणामस्वरूप हृदय रोग नहीं होते।