Pechish aanv ka ilaj – पेचिश आंवयुक्त नई या पुरानी का रामबाण घरेलु इलाज.
Dysentery Meaning in hindi – पेचिश को इंग्लिश में Dysentery कहते हैं.
Pechish kya hai ?
Pechish ka ilaj – पेचिश को आमतिसार और रक्तातिसार के नाम से भी जाना जाता है. इसके रोगी को भूख कम लगती है और दुर्बलता प्रतीत होती है. पेचिश रोग में शुरू शुरू में बार बार थोड़ी थोड़ी मात्रा में दस्त, पेट में ऐंठन की पीड़ा, मल के साथ सफ़ेद चिकना पदार्थ (Mucus) निकलता है, परन्तु धीरे धीरे दस्तों की संख्या बढती जाती है और रक्त भी साथ में आने लग जाता है. दस्त के समय पेट में असहनीय दर्द होता है. पेचिश का मुख्य कारण इलियम के निचले हिस्से व् बड़ी आंत में प्रदाह होता है. पेचिश दो प्रकार की होती है.
- दण्डाणुका पेचिश.
- अमीबिक पेचिश.
दण्डाणुका पेचिश – Dandanuka pechish ka ilaj
pechish ka ilaj – दण्डाणुका पेचिश – Pchish rog में रोगी को बार बार दस्त जाने की इच्छा होती है. दस्त में रक्त का अंश अधिक होता है. कभी कभी ऐसा लगता है मानो केवल रक्त ही रह गया है. दिन में 20 – 30 दस्त तक हो जाते हैं. और कभी कभी ज्वर भी हो जाता है. यह शीघ्र ठीक हो जाती है. इसके लिए होम्योपैथिक की मर्क कोर 30 एक ड्राम गोलियां लेकर दस दस गोली, पांच बार चूसने से शीघ्र ही रोगी ठीक हो जाता है.
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अमीबिक पेचिश – Amibic pechish ka ilaj
Amibic Pechish ka ilaj – अमीबिक पेचिश Entamoeba Histolytia नामक कीटाणु से होती है. यह Pechish rog गंदे खान पान से यह कीटाणु आंतड़ियों में चला जाता है और वहां प्रदाह पैदा करता है. इसमें दस्त लगते हैं. 24 घंटे में 2 – 4 से लेकर 8 – 10 दस्त आ जाते हैं, दस्त मात्रा में बड़ा, ढीला सा, और तुरंत मल त्याग की इच्छा वाला होता है. दस्त में आंव और रक्त दोनों मिश्रित रहते हैं. रक्त मिश्रित दस्त पतला और ढीला हो जाता है. कुछ में रक्तातिसार (Melaena) का ही लक्षण विशेष होता है और कुछ में कब्ज. दस्तों के अलावा भोजन से अरुचि, आफरा, पेट दर्द या बेचैनी सी रहती है. श्रम करने से थकान, चक्कर आते हैं. इस रोग के कारण श्वांस रोग, पामा (Eczema), यकृत में शोथ (Fatty liver), घाव भी हो सकता है. यह जितना पुरानी होती जाती है उतना इसको दवाओं से ठीक करना कठिन रहता है, लेकिन भोजन और घरेलु चिकित्सा से इसको आसानी से ठीक किया जा सकता है.
आइये जानते हैं अब पेचिश को सही करने के रामबाण घरेलु उपाय.
पेचिश आंवयुक्त नई या पुरानी का रामबाण घरेलु इलाज – pechish aanv ka ilaj
pechish के लिए आवश्यक सामग्री.
सौंफ – 300 ग्राम.
मिश्री – 300 ग्राम.
Pechish ki dawa बनाने की विधि.
Pechish ki dawa – सबसे पहले सौंफ के दो बराबर हिस्से कर ले। एक हिस्सा तवे पर भून ले। भुनी हुई सौंफ और बची हुई सोंफ दोनों को लेकर बारीक़ पीस ले और मिश्री (मिश्री को पहले पीस लीजिये) को मिला लें। इस चूर्ण को छ; ग्राम (दो चम्मच) की मात्रा से दिन में चार बार खाएं। ऊपर से दो घुट पानी पी सकते है। आंवयुक्त पेचिश ( मरोड़ देकर थोड़ा-थोड़ा मल तथा आंव आना ) के लिए रामबाण है। सोंफ खाने से बस्ती-शूल या पीड़ा सहित आंव आना मिटता है।
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Pechish rog ka सहायक उपचार – pechish aanv ka ilaj
दही- भात(चावल) मिश्री के साथ खाने से आंव-मरोड़ो के दस्तो में आराम आता है।
1. दाना मेथी से pechish ka ilaj
मैथी (शुष्क दाना) का साग बनाकर रोजाना खाएं अथवा मैथी दाना का चूर्ण तीन ग्राम दही मिलाकर सेवन करे। आंव की बीमारी में लाभ के अतिरिक्त इससे मूत्र का अधिक आना भी बंद होता है। मैथी के बीजो को डा.पि. बलम ने काड लिवर ऑयल के समान लाभकारी बताया है।
2. चंदलिया (चोलाई) का साग से pechish ka ilaj
चंदलिया (चोलाई) का साग (बिना मिर्च या तेल में पका हुआ) लगभग १५० ग्राम प्रतिदिन ११ दिन तक खाने से पुराने से पुराना आंव का रोग जड़ से दूर होता है। गूदे की पथरी में भी चोलाई का साग लाभकारी है। यह साग राजस्थान में खूब होता है।
3. छोटी हरड़ तथा पीपर का चूर्ण से pechish ka ilaj
हरड़ छोटी दो बाग़ और पीपर छोटी एक भाग दोनों का बारीक़ चूर्ण कर ले। एक से डेढ़ ग्राम चूर्ण गर्म पानी से दोनों समय भोजन के बाद आवश्यकता अनुसार तीन दिन एक सप्ताह तक नियमित ले। इससे आंव और शुलसहित दस्त शांत होते है। यह अमीबिक पेचिश में विशेष लाभप्रद है।
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गर्मियों में होने वाली पेचिश एवं रक्त पेचिश में एक अनुभूत प्रयोग इस प्रकार है- एक चम्मच काला नमक, एक चम्मच मीठा सोडा एक गिलास पानी में मिला लेवें । फिर थोडा सी टाटरी मिला कर तुरंत पानी एक साथ पी जावें । दिन में तीन से चार बार प्रयोग करने से रक्त आना बंद हो जाता है ।
मुझे बहुत आराम मिला, बहुत बहुत धन्यवाद। मेरे लिए मेथी दाना बहुत कारगर साबित हुआ । ।