प्रतिश्याय (नजला – जुकाम ) के रामबाण , अचूक व अनुभूत योग – एक बार अवश्य प्रयोग करे |
कंठमार्ग द्वारा गिरने वाली आर्द्रता को नजला और नासिका द्वरा गिरने वाली को जुकाम कहते है
नजला जुकाम से अधिक कष्टकर और भयंकर होता है | स्थाई नजला और जुकाम मस्तिष्क को
दुर्बल और बेकार बना देते है
आप की सेवा में ऐसे योग (नुस्खे ) बताने जा रहे है जोकि अनुभूत होने के अलावा केवल थोड़े से पैसों
की लागत में तेयार हो सकते है | इसलिए आप इन नुस्खे को आजमाइए और अपना अनुभव शेयर करे |
1 . -चमत्कारी नस्य –
यदि नाक बंद हो गया हो साँस बड़े कष्ट से आते हो इस नस्य से छींक आकर मस्तिष्क का मल निकल जायेगा |
विधि — कायफल 15 ग्राम और पोटाश परमेगनेट 10 ग्राम दोनों को बारीक़ पीसकर शीशी में भर ले |
यथा समय प्रयोग करे और इसका परिणाम देखें |
2 . -नजला तथा जुकाम का दिवसांत उपचार –
विधि — बारीक़ की हुई हल्दी का धूम्र एक नलिका मार्ग से बलपूर्वक ऊपर को खींचे | दिन में दो तीन बार
इसी प्रकिर्या को करे | सुबह शाम एक-एक रती अफीम पानी के साथ खिलावे | दिन भर खाने के लिए
कुछ भी न दे | ईश्वर क्रपा से एक दिन में ही रोग का नाश हो जायेगा | रोगी पानी पीते समय नाक बंद रखे |
3 .-अक्सीरी तेल –
यह तेल जुकाम के निवारण में सर्वथा अनुपम है |यह तेल अपना जोड़ नही रखता है |
विधि — कुसुम के पत्तो का रस 10 ग्राम और तिलों का तेल 20 ग्राम दोनों को मिलाकर कलईदार देगची
में डालकर आग पर रखे | जब पत्तो का रस जल जाये और तेल शेष रहे उताकर ठंडा कर उसे छानकर
शीशी में भरकर रख ले | सुबह- शाम रोगी को दो- दो बूंद की नस्य दे | ईश्वर इच्छा से एक से दो दिनों
में आराम हो जायेगा | ध्यान रहे तेल का खरपाक न हो |
4 .- स्थाई नजला तथा जुकाम का अपूर्व उपचार
दो सप्ताह के निरंतर सेवन से बहुत पुराने नजला और जुकाम का सर्वनाश हो जाता है अत्यन्त
सरल और अनुपम गुणों से भरपूर योग है
विधि –भुने हुए चने नग सात और काली मिर्च नग एक | इनको सुबह जल्दी निराहार खा लिया करे |
चार दिन बाद भुने चने चोदह और कालीमिर्च दो की मात्रा में लेना आरम्भ करे | एक सप्ताह के बाद
भुने हुए चने इक्कीस और कालीमिर्च तीन की मात्रा में लेना आरम्भ करे | दो सप्ताह तक इस किर्या
को इसी प्रकार करते रहे | ईश्वर क्रपा से पुराने नजला और जुकाम का अंत हो जायेगा |
अत्यन्तं सरल और अनुभूत योग है |
5 .-टंकन का जादू –
आपके सामने एक प्रमुख योग लिख रहा हु इसके सेवन व ईश्वर क्रपा से प्रतिवर्ष सेंकडो रोगी
इस भयंकर रोग के पंजे से मुक्त होते है नुस्खा अनुभूत है |
विधि .– आवश्यकतानुसार टंकन लेकर इसे भुन ले, फिर बारीक़ पीसकर शीशी में भर ले | दो से चार
रती तक की मात्रा गर्म चाय या गर्म पानी के साथ दिन में तीन बार दिया करे | या तो पहले दिन या
दुसरे दिन रोग मिट जायेगा | सहस्त्रो बार अनुभूत और अचूक ओषधि है |
6 .- नजले के लिए काढ़ा –
रात को सोते समय निम्नलिखित काढ़े का सेवन करे | पहले दिन ही आराम आएगा यदि कुछ
कमी हो तो दुसरे दीन भी इसी तरह ले आराम होगा
विधि — देशी अजवाइन 10 ग्राम ,गुड 10 ग्राम दोनों को आधे किलो जल में खूब उबाले | जब आधे से
कुछ अधिक पानी जल जाये तब निचे उतार ले और मल कर छान ले | गर्म- गर्म पिलावे | यदि रोगी
की प्रक्रति पित प्रधान हो तो ठंडा करके पिलायें | वरना गर्म पिलाये और उपर कपड़ा ओढाकर
रोगी को सुला दे |