Friday , 15 November 2024
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श्वास रोग के लिए तत्काल रूप से प्रभावी नुस्खे ,अचूक व रामबाण -बनाकर अनुभव ले

श्वास रोग के लिए तत्काल रूप से प्रभावी नुस्खे ,अचूक व रामबाण -बनाकर अनुभव ले

श्वास रोग ऐसा भयंकर रोग है की जब किसी को आ लगता है तब बड़ा कष्ट देता है और पीछा छुड़ाना बड़ा

कठिन काम होता है |सांस में तंगी उत्पन्न होकर घबराहट सी पैदा होती है |गले में से एक प्रकार की

सांय -सांय की आवाज निकलती है छाती में खिचाव होता है |रोगी को बातचित करते समय कष्ट होता है |

कफ का निकास न होने के कारण सांस फुल जाता है |

1.-श्वास रोग के लिए वटी –

यह अनेक बार अनुभव में आ चुकी है और अपना प्रभाव दिखाने में अचूक रही है |

विधि –

आक की कोंपल 18 ग्राम और देशी अजवायन 12 ग्राम दोनों को बारीक़ पीसकर 30 ग्राम गुड मिलाकर दो -दो

ग्राम की गोलिया तेयार कर ले |एक गोली प्रातः काल निराहार मुख खाया करे | बहुत शीघ्र रोग समूल नष्ट हो जायेगा |

2 .-श्वास रोग में अन्य वटी योग –

विधि –

15 ग्राम सीपी को कूट करके एक मिटटी के कूजे में डालकर इसमें 50 ग्राम घिकुवार का गुदा डाले |कूजे को भली भांति

कपरोटी करके सुखा ले |तदुपरान्त 5 किलो उपलों की आंच दे प्रातः निकालकर बारीक़ करके अदरक के अर्क में

घोटकर चने के समान गोलिया बना ले और शीशी में भरकर रखे |आवश्कता के समय सुबह शाम एक -एक गोली

दिया करे |रोगों का समूल नाश होकर बहुत शीघ्र आराम हो जायेगा |सांस की तंगी ,छाती की घबराहट और गले की

सांय-सांय इत्यादि सबका निवारण हो जायेगा |

3 .-श्वास रोग में पित चुटकी –

कफजनित खांसी और श्वास रोग के लिए यह अक्सीर के समान है यह पांच मिनट में ही तेयार हो जाती है यह हर

प्रकति के व्यक्ति के लिए हर ऋतू में प्रयोग में ला सकते है |श्वास रोग के नाश के लिए यह अपने गुणों में बेस्ट है |

विधि –

गेंहू और हल्दी समान मात्रा में लेकर मिटटी के कोरे बर्तन में दोनों को बारी -बारी से अधभुना कर ले |तदुपरान्त

आपस  में मिला ले बारीक़ पीसकर सावधानी के साथ शीशी में रख छोड़े |आवश्कता के समय पहले दिन 5 ग्राम

दवा पानी के साथ दे | फिर प्रति दिन एक रती ओषधि अधिक दिया करे |बहुत जल्दी आराम हो जायेगा |

4 .-श्वास रोग में सज्जी का अनुपम प्रभाव –

यह साधारण सी ओषधि श्वास रोग के लिए इतनी लाभप्रद है की आपको आश्चर्य होगा इसके कुछ दिनों के सेवन

से वर्षो का पुराना रोग जड से मिट जाता है | प्रयोग करने से इसका प्रभाव संजीवनी बूटी से कम नही है |यह

नया और पुराना श्वास रोग में रामबाण ओषधि है |

विधि –

सज्जी जिससे कपड़े धोया करते है 50 ग्राम लेकर बारीक़ कर ले इस पर आक का दूध इतना डाले की सज्जी से

दूध एक अंगुल ऊँचा रहे |इसे एक सप्ताह तक आक के दूध में इसी प्रकार तर रखे | त्तपश्यात कूजे को कपरोटी

करके रात के समय 15 किलो उपलों की आग दे ,सुबह ठंडा होने पर निकाल ले ,अंदर से जो सज्जी निकले उसको

बारीक़ पीसकर सावधानी से शीशी में रखे | आवश्यकता के समय एक ग्राम से दो ग्राम तक ओषधि बताशे में

रखकर दिया करे |हर प्रकार के श्वास के रोग के लिए अम्रत के समान है |

5 .-श्वास रोग हर वटी –

यह योग श्वास रोग के लिए बड़ा ही गुणकारी है अनेक बार अनुभव द्वरा परीक्षित है

विधि –

खिरनी के बीज 5 ग्राम और काली मिर्च 10 ग्राम दोनों को बारीक़ पीसकर गोंदनी के रस से 1 -1 ग्राम की गोलिया

बना ले और सावधानी से शीशी में रखे |आवश्कता के समय काम में ले दिन में तीन से चार गोली पानी के साथ दे

6 .-श्वास रोग में मूंगा भस्म –

विधि –

मूंगा की जड 10 ग्राम और आक का दूध 30 ग्राम उपयुक्त जड को आक के दूध में खरल करके टिकिया बनाये |

एक कूजे में कपरोटी करके सुखा ले तीन चार किलो जंगली उपलों की आग दे |ठंडा होने पर भस्म को निकाल ले

बारीक़ पीसकर सावधानी से शीशी में रख ले | सुबह शाम एक एक रती की मात्रा पान या बताशे में खिलाये करे

हर प्रकार के श्वास रोग के लिए गुणकारी है |

7 .-कफजनित श्वास रोग में योग –

विधि –

15 ग्राम कुचला लेकर घी में भुन ले |ये अधिक जल ना जाये जब लाल हो जाये तब उतार कर खरल में बारीक़ करे

बस ओषधि तेयार है शीशी में रख ले और एक से दो रती की मात्रा में दूध या ताजा पानी के साथ दे इसका स्वाद

कड़ा होता है इसमें खांड मिला ले इससे लेने से पहले तीन चार बार वमन अवश्य कराए |

8 .-श्वास रोग का सन्यासी योग –

विधि –

थूहर की एक मोटी सी ताजा लकड़ी लेकर इसको चाकू आदि से खोखली कर ले इसमें 25 ग्राम सफेद फिटकडी

भर दे अच्छी प्रकार से कपरोटी करके चार किलो उपलों की आग दे | ठंडा होने पर निकाल ले और फिटकरी को

बारीक़ पीसकर शीशी में डाल दे आवश्यता के समय सेवन करे सुबह शाम दो दो रती ओषधि जल के साथ दिया करे

थोड़े समय में ही समूल रोग नष्ट हो जायेगा |

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