जीरा (वानस्पतिक नाम:क्यूमिनम सायमिनम) ऍपियेशी परिवार का एक पुष्पीय पौधा है। यह पूर्वी भूमध्य सागर से लेकर भारत तक के क्षेत्र का देशज है। इसके प्रत्येक फल में स्थित एक बीज वाले बीजों को सुखाकर बहुत से खानपान व्यंजनों में साबुत या पिसा हुआ मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह दिखने में सौंफ की तरह होता है। संस्कृत में इसे जीरक कहा जाता है, जिसका अर्थ है, अन्न के जीर्ण होने में (पचने में) सहायता करने वाला .
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खाने के स्वाद को बढ़ाने के अलावा जीरा आपके स्वास्थ्य को भी बढ़ाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-फ्लैटुलेंट गुणों का घर माना जाता है। इसके अलावा यह डाइटरी फाइबर और लौह, तांबा, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीज, सेलेनियम, जिंक, विटामिन्स और मैग्नीशियम का बहुत अच्छा स्रोत है। आप जीरे के साबुत बीज एवं जीरा पाउडर दोनों का ही सेवन अपने स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए कर सकते हैं।
आयुर्वेदिक जगत में जब भी बुखार का जिक्र होता है उसमें जीरा का नाम सबसे ऊपर लिया जाता है। कई दिनों से जारी बुखार के साथ अगर आपको जुखाम है तो यह आपके लिए बेहतरीन दवा का काम करेगा।
बुखार : जीरे को गुड़ में मिलाकर 10-10 ग्राम की गोलियां बना लें। एक-एक गोली दिन में तीन बार खाने से बुखार में आराम मिलता है।
पेट की गैस, जलन, पित्त और बुखार में यह बड़ा फायदेमंद होता है। आइए जानतें है इससे होने वाले घरेलू उपचार…
भूख ना लगना : यदि खाना खाने में रूचि न हो तो जीरा भूनकर अनार के रस के साथ लेने से लाभ मिलता है।
बवासीर : जीरे को मिश्री के साथ लेने पर बवासीर की तकलीफ में आराम मिलता है।
मोटापा : भुनी हुई हींग, काला नमक और जीरा समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें, इसे 1-3 ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार दही के साथ लेने से मोटापा कम होता है।
जी मिचलाना : प्रेग्नेंसी में जी मिचलाने पर जीरे को नींबू के रस में मिलाकर गर्भवती महिला को देने से घबराहट दूर होती है। छोटे बच्चों को भी उल्टी आदि होने पर जीरा, लौंग, कालीमिर्च और शक्कर को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। शहद के साथ दिन में दो-तीन बार यह चूर्ण चाटने से उल्टी आनी बंद हो जाती है।
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बिच्छू काटने पर : शहद में जीरे का चूर्ण और नमक मिलाकर गर्म कर लें। इस मिश्रण को बिच्छू के डंक पर लगाने से लाभ होता है।
– तबस्सुम खान नौरीन
जीरा पानी के फायदे दिलाएं उदरशूल दर्द से आराम – Jeera Pani ke Fayde for Colic Pain in Hindi
अपनी वायुनाशी गुण के वजह से जीरा उदरशूल में हो रहें दर्द का भी एक सफल उपचार है। बच्चों के उदरशूल में दर्द होना बहुत ही आम है और जीरा बच्चों को उदरशूल से हो रही पीड़ा से राहत दिला सकता है।
उदरशूल दर्द से छुटकारा पाने के लिए –
- एक कप में एक चमच्च जीरा डालें।
- इस कप में गर्म पानी डालें और इसे ढक दें।
- 15 मिनट बाद इसे छान लें।
- इस घोल का 1-2 चमच्च अपने बच्चे को पिलायें।
जीरे के उपाय करें माँ का दूध बढ़ाने के लिए – Jeera for Increasing Breast Milk in Hindi
जीरा कैल्शियम और आयरन से समृद्ध होता है यह दोनों ही गर्भवती एवं स्तनपान करा रही महिलाओं के लिए उत्तम है। यह स्तन-दूध के उत्पादन को उत्तेजित कर उसकी मात्रा में बढ़ोतरी लाता है। इसके अलावा यह माँओं को शिशु-जन्म उपरान्त खोई हुई ताकत और फुर्ती को वापिस लाने में भी सहायक है।
स्तन-दूध को बढ़ाने के लिए :-
- एक चमच्च जीरा पाउडर एक गिलास गर्म दूध में मिलाएं।
- इसमें शहद की मिठास मिलाएं।
- कुछ हफ़्तों के लिए इसका सेवन रोजाना रात को खाना खाने के बाद सोने से पहले करें।
पेट और गैस से जुडी सैकड़ो बीमारियों से बचा सकता है – Gastro Sanjeevni
जीरा आयुर्वेद में पेट दर्द, अपच, दस्त, पेट फूलना, मतली आदि पाचन सम्बंधित विकारों के उपचार के लिए एक बहुत ही मशहूर औषधि है। यह अग्नाशय एंजाइम जो पाचन क्रिया में समर्थक होते हैं, उन्हें उत्तेजित करता है। यह पेट में हो रही अम्लता का भी एक सफल उपचार है।
पाचन क्रिया को उत्तेजित करने के लिए –
- एक गिलास पानी में 1 चमच्च भुना हुआ जीरा पाउडर मिलायें। इसे दिन एक या दो बार रोजाना पियें।
- छाछ के एक गिलास में ¼ चम्मच भुना हुआ जीरा पाउडर और काली मिर्च पाउडर डालें। आप इसे रोजाना एक बार पीकर भी पाचन क्रिया को प्रभावी बना सकते हैं।