एक्जीमा
इस रोग में त्वचा शुष्क हो जाती है और बार-बार खुजली करने का मन करता है क्योंकि त्वचा की ऊपरी सतह पर नमी की कमी हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा को कोई सुरक्षा नहीं रहती, और जीवाणुओं और कोशाणुओं के लिए हमला करने और त्वचा के भीतर घुसने के लिए आसान हो जाता है। एक्जिमा के गंभीर मामलों में त्वचा के ग्रसित जगहों से में पस और रक्त का स्राव भी होने लगता है। यह रोग डर्माटाईटिस के नाम से भी जाना जाता है।
मुख्य रूप से यह रोग खून की खराबी के कारण होता है और चिकित्सा न कराने पर तेजी से शरीर में फैलता है। एक्जिमा के रोग से ग्रस्त रोगी अन्य विकारों के भी शिकार होते हैं। यह किसी भी उम्र के पुरुष या महिलाओं को प्रभावित कर सकता है। लेकिन कुछ आयुर्वेदिक उपचारों को अपनाकर इस समस्या के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
इस रोग के इलाज में खून की खराबी को दूर करना और त्वचा की नमी को बरकरार रखना मुख्य है।
एक्जीमा को दूर करने के घरेलु नुस्खे
1. पीपल की छाल का गुद्दा लेकर उसका काढ़ा तैयार कर ले। ये काढ़ा पीने व एक्जीमा ग्रस्त अंगो को धोने के काम में लाइए। ऐसा करने से बहुत लाभ होता है।
2. एक लीटर तिल के तेल में 250 ग्राम कनेर की जड़ की छाल को पका ले। तेल को छानकर बोतल में भर ले। प्रतिदिन इस तेल को एक्जीमा पर लगाए। कुछ ही दिनों में एक्जीमा ठीक हो जायेगा।
3. तरबूज का छिलका सुखा ले, फिर उसे जलाकर उसकी भस्म बनाए और एक शीशी में रख ले। फिर उस भस्म को नारियल के तेल में मिलाकर जहां एक्जीमा है, उस स्थान पर लगाइए, कुछ दिन में एक्जीमा ख़त्म हो जाएगा।
4. एक्जीमा पर हिंगुलादि लेप (ये आयुर्वेदिक दवा केंद्रों पर मिल जाएगा) करने से कुछ दिनों में ही इससे छुटकारा मिल जाता है।
5. सुबह उठकर स्वमूत्र से एक्ज़िमा ग्रस्त अंग को धोने से लाभ होता है। मूत्र का असर पंद्रह मिनट तक रहना चाहिए। इससे एक्जीमा की वृद्धि नही होती और वो एक हफ्ते में ठीक हो जाता है।
6. गिलोय को पीसकर उसका चार चम्मच रस निकालें। इसको पीकर ऊपर से एक गिलास छाछ पिए। साथ ही नीम की कोपलें छाछ में पीसकर लेप करे। इससे एक्जीमा जल्द ही ठीक हो जाता है।
आहार और खान पान
- दही और अचार जैसे खट्टी चीज़ों का सेवन बिलकुल ना करें।
- करेले और नीम के फूलों का सेवन भी लाभकारी होता है।
- शुद्ध हल्दी भी एक्जिमा की चिकित्सा में लाभ प्रदान करती है। इसे एक्जिमा के चकतों पर लगाया जा सकता है और दूध में मिलाकर भी पीया जा सकता है।
क्या करें क्या ना करें
- डिटरजेंट (कपडे धोने का पाउडर) को बिलकुल भी ना छुएं, पर अगर मजबूरी से छूना भी पड़े तो सूती दस्तानों का प्रयोग करें।
- एक्जिमा से ग्रसित जगह पर तंग कपडे ना पहनें।
- सिंथेटिक कपड़ों का भी बिलकुल प्रयोग ना करे, क्योंकि इससे पसीने के निष्काशन में कठिनाई होती है।
- अध्ययनों से पता चला है कि टमाटर का रस भी एक्जिमा को चंद दिनों में ठीक करने में सहायक सिद्ध होता है।