मिरगी के रोग को हमेशा के लिए दूर करने के लिए मस्तिष्क स्नायुस्थान, ह्रदय, जिगर, आमाशय तथा अंतड़ियों के प्रतिबिम्ब केन्द्रो पर प्रेशर देना चाहिए।
इसके अतिरिक्त पेट के आठ केन्द्रो पर प्रेशर देने से यह रोग दूर करने में सहायता मिलती है। गर्दन, पीठ की रीड की हड्डी के दोनों तरफ प्रेशर देना भी इस रोग में बहुत लाभदायक है।
मिरगी के दौरे की स्थिति में नाक के निचे ( देखे चित्र ) तथा पैर के ऊपरी भाग में प्रेशर देने से मिरगी का दौरा एकदम दूर हो जाता है और रोगी तुरंत होश में आ जाता है। इस रोग को हमेशा के लिए दूर करने के लिए उन सब प्रतिबिम्ब केन्द्रो पर नियमित रूप से प्रेशर दिया जय जो दबाने से दर्द करें।
रोगी को अपने आहार की और विशेष ध्यान देना चाहिए। उसे अपने भोजन में कच्ची सब्जियां अधिक खानी चाहिए, उबली सब्जियां तथा फल अधिक खाने चाहिए, तले हुए तथा उत्तेजक पदार्थ नही लेने चाहिए, खाने में ताजा निकला मक्खन ले, उबली सब्जियां ले तथा लहसुन का सेवन करें। ऐसे में रोगियों को खुले वस्त्र पहनने चाहिए। कोई भी वाहन चलना ठीक नही क्योकि रोग की अवस्था में कहि भी दौरा पड़ सकता है। जहा तक हो सके प्रसन्नचित रहना चाहिए और अपनी दैनिकचर्य में थोड़ा बहुत परिवर्तन लाना चाहिए। दिमाग पर बोझ नही डालना चाहिए ।