Lobelia in Asthma Treatment in Hindi
सर्दियों को मौसम में अस्थमा, ब्रोंकाइटिस , कफ और अन्य श्वास रोगों की संख्या बढ़ जाती है। आज Only Ayurved में एक ऐसे पौधे के बारे में चर्चा करने जा रहें हैं जो गुणों में अमृत जैसा है। आज श्री बलबीर सिंह जी आपको बताएँगे इसके विशेष गुण जो इसको अस्थमा किलर बनाते हैं। . तो आइये जानते हैं पहले इस पौधे के बारे में पूरी जानकारी और फिर इसकी एंटी अस्ठेमटिक प्रॉपर्टी को। . इस पौधे का नाम लोबेलिआ (Lobelia) है जिसका सामान्य नाम इंडियन टोबाको (INDIAN TOBACCO)और अस्थमा वीड (ASTHMA WEED ) है।
Lobelia(लोबेलिआ) को ये नाम मशहुर botanist Matthias de L’ obel के नाम पर दिया गया। जिन्होंने 1813 में लोबेलिआ के अस्थमा में उपयोग को सफलतापूर्वक व्याख्यान किया था। . सन 1829 में इसे इंग्लिश मेडिकल प्रणाली में उपयोग किया गया जो काफी प्रभावी रहा लेकिन समय के साथ इस पौधे को लोगों द्वारा भुला दिया गया। अस्थमा वीड की कई प्रजाति पाई जाती है जिनके वैज्ञानिक नाम है Lobelia nicotianaefolia, Lobelia Inflata आदि, इसकी पत्तियों और फूलों को छाव में सुखाकर उपयोग किया जाता है ।अलग अलग भाषाओँ में लोबेलिआ (Lobelia) को विभिन्न नामो से जाना जाता है। Lobelia in Asthma Treatment in Hindi
Name of Lobelia in different Language
Language | Comman Name |
Bengali | Bantamaku |
Hindi | Nali |
Kannada | Nala |
Malylam | Kathupukyaila |
Marathi | Deonala |
Sanskrit | Bibhishna |
Tamil | Kattuppugaiyinai |
Telugu | Adavipogaku |
कहा पाया जाता है लोबेलिआ (Lobelia)?
मुख्य रूप से महाराष्ट्र, केरेला, कर्नाटक,नागपुर इत्यादी में पाई जाती है।
Lobelia का रासायनिक संघठन
Lobelia में अल्कालॉयड पाए जाते है जिनमे मुख्य रूप से Lobeline(लोबेलिन), Lobelidine(लोबेलीडीन), Lobelanine (लोबिलानीन)
IsoLobelanine(इसोलोबिलानीन) और Lobelanidine (लोबिलानीनडीन) इत्यादि पाया जाता है।
Lobelia in Asthma Treatment
Lobelia (लोबेलिआ ) को अस्थमा के इलाज़ में उपयोग किया जाता है, क्योकि ये एक अच्छा Respiratory Stimulant है। इसका उपयोग अस्थमा और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस में किया जाता है। ये भी माना गया है की लोबेलिआ स्मोकिंग को छुडवाने में भी सहायक होता है। लोबेलिआ में पाया जाने वाला Lobeline(लोबेलिन) अल्कलोईड श्वास की प्रक्रीया(Stimulant Breathing) को उतेजित करता है,इसके साथ ही ये cough को बाहर निकालकर शवसन तंत्र को भी साफ करने में सहायक है इसमें ये Expectorant की तरह काम करता है जिससे श्वास लेने में आसानी रहती है प्राचीन काल में Lobelia (लोबेलिआ )पाउडर के fumes का उपयोग अस्थमा में राहत के लिए उपयोग किए जाते थे। बच्चो में भी अस्थमा का अटैक रोकने में lobelia काफी कारगर होती है
Doses of Lobelia
lobelia की पत्तियोंऔर फूलों का पाउडर 500 mg से 600 mg तक लेना होता है। Lobelia को यदि अदरक के रस के साथ सेवन किया जाता है तो इसका प्रभाव अस्थमा में बढ़ जाता है।
lobelia का एक्सट्रेक्ट कैप्सूल, टिन्चर और टी बैग्स में उपलब्ध होता है इसको कम मात्रा में शुरू करना होता है जैसे जैसे रिजल्ट मिले इसकी मात्रा बाधा सकते है ये टॉक्सिक होता है इसलिए हमेशा डोस योग्य वैद्य या डॉक्टर की राय जरुर लें ।
नोट: ये लेख आपके ज्ञानवर्धन के लिए है किसी भी दवा को शुरू या बंद करने से पहले आपने डॉक्टर की राय लें या स्वयं के विवेक से सोचे।.
Refrence
Text book of Pharmacognosy by gokhale, kokate, purohit 45th edition page no 3.66