Thursday , 25 April 2024
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धरन या नाभिचक्र ठीक करना के लिए- पेट में धरण का इलाज

धरन या नाभिचक्र ठीक करना के लिए
शरीर को रोग मुक्त रखने में नाभिचक्र का विशेष महत्व है। अगर नाभिचक्र ठीक न रहे अर्थात धरन पड़ जाए तो भी कई रोग लग जाते है जैसे गैस, जी मचलना, भूख न लगना, कब्ज या फिर दस्त लग जाना, सुस्ती, थकावट तथा पेट में दर्द इत्यादि। पाचन अंगो में कोई विकार होने, अधिक बोझ उठाने और गैस आदि की लगातार शिकायत रहने से प्राय: नाभिचक्र अपने स्थान से हिल जाता है जिसे आम तोर पर धरण पड़ना कहते है। धरण ठीक न रहने के कारण कई अन्य रोग भी लग जाते है या बड़ जाते है।

धरण अपने स्थान पर है या नही, यह जानने के लिए सुबह बिना खाए-पिए पीठ के बल सीधा लेट जाना चाहिए हाथ बगल में शरीर के साथ सीधे रखे .कोई अन्य व्यक्ति एक धागा लेकर नाभि से छाती की एक तरफ की निपल तक पैमाइश करे, नाभि पर एक हाथ रखे धागा दूसरी तरफ की निपल तक ले जाएँ, अगर दोनों तरफ का नाप एक जैसा है तो नाभिचक्र अपने स्थान पर है, नही तो जिस स्थान पर हिल कर गयी हो वह अंगुलियां रखने से स्पंदन का आभास होगा।

नाभि टलने के कु प्रभाव।

नाभि अर्थात हमारे शरीर की धुरी अर्थात केंद्र। यदि ये खिसक जाए या टल जाए तो सारे शरीर की किर्याएँ अपने मार्ग से विचलित हो जाती हैं। आइये जाने कैसे करे नाभि टलने का इलाज।

नाभि टलने को परखिये।

आमतौर पर पुरुषों की नाभि बाईं ओर तथा स्त्रियों की नाभि दाईं ओर टला करती है।

ऊपर की तरफ

यदि नाभि का स्पंदन ऊपर की तरफ चल रहा है याने छाती की तरफ तो यकृत प्लीहा आमाशय अग्नाशय की क्रिया हीनता होने लगती है ! इससे फेफड़ों-ह्रदय पर गलत प्रभाव होता है। मधुमेह, अस्थमा,ब्रोंकाइटिस -थायराइड मोटापा -वायु विकार घबराहट जैसी बीमारियाँ होने लगती हैं।

नीचे की तरफ

यही नाभि मध्यमा स्तर से खिसककर नीचे अधो अंगों की तरफ चली जाए तो मलाशय-मूत्राशय -गर्भाशय आदि अंगों की क्रिया विकृत हो अतिसार-प्रमेह प्रदर -दुबलापन जैसे कई कष्ट साध्य रोग हो जाते है। फैलोपियन ट्यूब नहीं खुलती और इस कारण स्त्रियाँ गर्भधारण नहीं कर सकतीं। स्त्रियों के उपचार में नाभि को मध्यमा स्तर पर लाया जाये। इससे कई वंध्या स्त्रियाँ भी गर्भधारण योग्य हो जाती है ।

बाईं ओर

बाईं ओर खिसकने से सर्दी-जुकाम, खाँसी,कफजनित रोग जल्दी-जल्दी होते हैं।

दाहिनी ओर

दाहिनी तरफ हटने पर अग्नाशय -यकृत -प्लीहा क्रिया हीनता -पैत्तिक विकार श्लेष्म कला प्रदाह -क्षोभ -जलन छाले एसिडिटी (अम्लपित्त) अपच अफारा हो सकती है।

नाभि टलने पर क्या करे।

नाभि खिसक जाने पर व्यक्ति को हल्का सुपाच्य पथ्य देना चाहिए । नाभि खिसक जाने पर व्यक्ति को मूँगदाल की खिचड़ी के सिवाय कुछ न दें। दिन में एक-दो बार अदरक का 2 से 5 मिलिलीटर रस बराबर शहद मिलाकर पिलाने से लाभ होता है।

नाभि कैसे स्थान पर लाये।

  1. ज़मीन पर दरी या कम्बल बिछा ले। अभी बच्चो के खेलने वाली प्लास्टिक की गेंद ले लीजिये। अब उल्टा लेट जाए और इस गेंद को नाभि के मध्य रख लीजिये। पांच मिनट तक ऐसे ही लेटे रहे। खिसकी हुई नाभि (धरण) सही होगी। फिर धीरे से करवट ले कर उठ जाए, और ओकडू बैठ जाए और एक आंवला का मुरब्बा खा लीजिये या फिर 2 आटे के बिस्कुट खा लीजिये। फिर धीरे धीरे खड़े हो जाए।
  2. कमर के बल लेट जाएं और पादांगुष्ठनासास्पर्शासन कर लें। इसके लिए लेटकर बाएं पैर को घुटने से मोड़कर हाथों से पैर को पकड़ लें व पैर को खींचकर मुंह तक लाएं। सिर उठा लें व पैर का अंगूठा नाक से लगाने का प्रयास करें। जैसे छोटा बच्चा अपना पैर का अंगूठा मुंह में डालता है। कुछ देर इस आसन में रुकें फिर दूसरे पैर से भी यही करें। फिर दोनों पैरों से एक साथ यही अभ्यास कर लें। 3-3 बार करने के बाद नाभि सेट हो जाएगी।
  3. सीधा (चित्त) सुलाकर उसकी नाभि के चारों ओर सूखे आँवले का आटा बनाकर उसमें अदरक का रस मिलाकर बाँध दें एवं उसे दो घण्टे चित्त ही सुलाकर रखें। दिन में दो बार यह प्रयोग करने से नाभि अपने स्थान पर आ जाती है हैं।

 

18 प्रकार के कोढ़ और 80 प्रकार के वात रोग कोढ़ , सफेद दाग, लकवा, मोटापा और नेत्र रोगों का काल

 

दूसरा तरीका :
इसे ठीक करने के लिए , छोटे पैर की टांग को धीरे-२ ऊपर उठायें ६,७,८,९, इंच तक उठायें,फिर धीरे-२ ही नीचे रखकर लम्बा सांस लें ,यही क्रिया दो बार और करें,
ये क्रिया सुबह शाम ख़ाली पेट करनी चाहिए .पैरों को फिर मिलाकर देखें दोनों अंगूठे बराबर दिखेंगे .यानी आपकी नाभि सही जगह पर बैठ गयी है.फिर उठकर २० ग्राम गुड, २० ग्राम सौफ का बनाया चूरन फांक लें पानी से .इससे पुराणी से पुराणी धरण आप खुद महिना दो महीने में ठीक कर सकतें है पेट को कभी भी मसल वाना नहीं चाहिए

भि के टलने पर और दर्द होने पर 20 ग्राम सोंफ, गुड समभाग के साथ मिलाकर प्रात: खाली पेट खायें। अपने स्थान से हटी हुई नाभि ठीक होगी। और भविष्य में नाभि टलने की समस्या नहीं होगी।

Noni – हृदय किडनी लीवर कैंसर आर्थराइटिस जैसे रोगों का एक हल है नोनी..

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नोनी का english नाम reat morindaIndian mulberrynonibeach mulberry, और cheese fruit है , और इसका Botanical नाम Morinda Citrifolia है, Morinda शब्द Latin के Morus और Indicus से मिलकर बना है, Morus का अर्थ होता है Mulberry अर्थात शहतूत और Indicus का अर्थ है Indian. इसको भारत में Indian Mulberry और Nuna भी कहा जाता है. natural health supplement

नोनी कैंसर की रोकथाम और इसको ख़त्म करने के लिए, Heart, Kidney, Liver, Lungs को सुचारू करने के लिए, Free Radicals से बचाने में, शरीर के किसी भी अंग किडनी, लीवर, हार्ट और अन्य अंगो में दर्द और सूजन को ख़त्म करने में, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने में, Anti Biotic Resistance को कम करने में, ऐसे अनेक रोगों में ये ग़ज़ब का Health Supplement है.

Noni benefit in hindi

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Anti Oxidants In Noni In hindi

नोनी में Ampricanin A, Vitamin C, Vitamin E, Selenium पाए जाते हैं, ये Oxidative stress को कम करते हैं, जिससे कोशिकाओं की जो आयु बढाने की प्रोसेस होती है उसको धीमा कर देती है. इससे व्यक्ति लम्बे समय तक कम आयु का दीखता है और जवान बना रहता है. और इस Effect से हमारे Heart, Kidney, Liver, Lungs हमेशा Healthy बने रहते हैं. Oxidative Strees से Free Radicals बनते हैं. और ये Free Radicals ही गंभीर रोगों का मुख्य कारण है. यहाँ तक के कैंसर, हृदय, किडनी, लीवर के गंभीर रोग भी Free Radicals की वजह से होते हैं. Free Radicals बनने के कारण अंगो के अन्दर oxygen का Metabolism काफी ज्यादा प्रभावित होता है और शरीर Oxygen का सही से इस्तेमाल नहीं कर पाता और रोगों से घिर जाता है.

Anti Cancer Chemicals in noni in Hindi

नोनी में ऊपर बताये गए Anti Oxidants के अलावा Ursolic Acid, Seopoletin, Damnacanthal, Morenone I, Morenone II पाए जाते हैं जो Specially कैंसर को रोकने और उसको Primary Stage पर ही ख़त्म करने में बेहद लाभकारी है.

Essential Amino Acids In Noni in hindi

नोनी में Essential और Conditional एमिनो अमल जैसे Proline, Leucine, Cysteine, Methionine, Glycine, Histidine, Isolucine, Glutamic Acid, Phenylanine, Serine, Threonine, Triptophan, Tyrosine, Arginine, Valine नामक बेहद ज़रूरी Amino Acid पाए जाते हैं, ये हमको डाइट में बहुत कम पाए जाते हैं. ये Amino Acid शरीर के अन्दर नहीं बनते इसलिए इनको डाइट में ही लेना पड़ता है. इनकी कमी से कई बीमारियाँ हो जाती हैं, शरीर में Protein बनाने की क्रिया इन्ही Amino Acids से ही पूर्ण होती है. इसलिए body बिल्डिंग वाले इसको ज़रूर पियें. उनको एक महीने में नतीजे मिलेंगे.

इसकी कमी से कुपोषण (Kwashiorkar) एक अहम् बीमारी है जो हो सकती है और ये बच्चो से लेकर बड़ों में हो सकता है.

Anti Microbel in noni in hindi

नोनी में Asperulosidic acid और Scopoletin नामक रसायन पाए जाते हैं जो शरीर में होने वाले संक्रमण को रोकते हैं.

Anti Fungal In Noni In hindi

नोनी में Caprylic Acid, Hexanoic Acid और Caproic Acid पाए जाते हैं, ये किसी भी प्रकार के फंगल इन्फेक्शन को कम करते हैं जैसे, दाद, खाज, खुजली, गुप्तांगों में इन्फेक्शन इत्यादि.

Flavonoid In Noni In Hindi

  • नोनी में Quercetin और Kaempferolm derivative नामक Flavonoid पाए जाते हैं, इसमें Quercetin अपने Hypo Lipidemic Effect के कारण रक्त में बैड कोलेस्ट्रॉल(LDL) को कम करता है और ये Quercetin Anti Inflammatory है और Lipoxygenage inhabiter भी है जो के गठिया आर्थराइटिस या शरीर में होने वाले किसी भी प्रकार के दर्द और शरीर में किसी भी प्रकार की सूजन हो तो ये इन दोनों ही केस में बहुत सहायक है. सूजन जैसे हार्ट की सूजन (Myocarditis) किडनी की सूजन Nephritis और Liver की सूजन (Hepatitis), फेफड़ों की सूजन (Pleuritis) इत्यादि रोगों में भी ये बेहद लाभकारी है.
  • नोनी में पाया जाने वाला Kaempferolm derivative अपने Hypo Glycemic Effect के कारण रक्त में बढ़ी हुई ग्लूकोस की मात्रा को कम करता है.

Noni for skin in Hindi

  • नोनी में Citrifolinoside B पाया जाता है जो अल्ट्रा वायलेट (UV B) किरणों से बचाने में बहुत सहायक है. Ultra violet B किरने हमारी त्वचा की उपरी त्वचा को नुक्सान पहुंचाती है. सुबह 10 से शाम 4 बजे की धुप में ये किरने ज्यादा होती है. यही हमारी त्वचा को काला बनाती हैं. अगर लम्बे समय तक आप इन किरणों में रहते हैं तो आपको Skin Cancer हो सकता है.
  • इसके साथ नोनी में Melanin के उत्पादन को रोकने के लिए Glucopyranose पाया जाता है. Melanin ही त्वचा के रंग को निर्धारित करते हैं, जिसमे ज्यादा Melanin बनते हैं, उनकी त्वचा का रंग काला होता है. और नोनी इसी उत्पादन को रोक देती है.

Noni For Viral Infection and Immunity In Hindi

  • नोनी में Rubiadin और 8-Hydroxy 8-Methoxy 2-Methyl Anthraquinone  पाया जाता है ये दोनों Anti Viral हैं, जिन लोगों को निरंतर बुखार, जुकाम, खांसी होती है, उनके लिए ये बेहतरीन टॉनिक है.
  • Betasitosterol एक प्राकृतिक Sterol है जो immune सिस्टम को बढाता है, साथ ही ये रक्त में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल कम करता है.

इसको आप 30 Ml. सुबह शाम खाली पेट लीजिये. इसको आप निमिन्लिखित हमारे डालर्स से प्राप्त कर सकते हैं.

References

http://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S1878535215001902e

नोनी लेने के लिए आप निमिन्लिखित नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.

बिहार

पटना – 7677551854, 7480099296

छपरा – 9473221039

छत्तीसगढ़

बिलासपुर – 9584891808, 9926758959, 9300333438

रायपुर – 9644133772

दुर्ग भिलाई – 9691305217

झारखण्ड

मनिका – लातेहार – 9801290105

पश्चिम बंगाल – West Bengal

कोलकाता –  7003386968

असम

सिलचर – 9954000321

महाराष्ट्र

मालेगांव (नासिक) – डॉ. फरीद शेख 9860785490

धुले – 9860704470

नासिक – 9270928077

पुणे – 9209211786

अकोला – 7020579564

वर्धा – 9579997503

नागपुर – 8830998853

शोलापुर – 8308604642

कल्याण – 8454050864

टिटवाला – 9821315415

मलाड – 9967293444

घाटकोपर – 07738350032

बोरीवली – 9004316923

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औरंगाबाद – 8208266068

विरार – 9892967369

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कर्नाटक – Karnataka

धारवाड़ (Dharwad) – 9844984103

बैंगलोर (Bangalore) – 7019098485

तामिलनाडू

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गुजरात

अहमदाबाद – 9974019763

अहमदाबाद घाटलोडिया – 9974019763

पालनपुर ( डॉ. हिदायत मेमन )  –  9428371583

द्वारिका – 9033790000

चिकली – 9427869061

अमरेली – 9427888387

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बड़ोदा – 9725245318

सूरत –  8866181846, 9879157588

भुज / मुंद्रा  – 9974576143

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इटारसी – 6260342004

इंदौर – 9713500239

विदिशा – 9131055585

जबलपुर – 9039868554

ग्वालियर – 9229239248

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मैनपुरी – 8449601801

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