शरीर की हड्डियों को बनाएं लोहे के समान मजबूत खाएं ये चीजें और शेयर करे –
अगर आप सोंचते हैं कि आप जवान हैं और आपकी हड्डी अभी कमजोर नहीं हो सकती, तो आप बिल्कुल गलत हैं। आज कल लोगों को कम ही उम्र में ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डी विकार) होने का खतरा पहले की तुलना में ज्यादा बढ गया है।
अगर आप अपने भोजन में केल्शियम युक्त भोजन नहीं लेते तो आपके घुटने कुछ ही दिनों में कमजोर हो जाएंगे। अगर घुटना किसी भी प्रकार से क्षतिग्रस्त हो गया तो उसे ठीक करना बहुत मुश्किल है।अच्छा है कि आप अपने भोजन में कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल करें, जो आपके घुटनों के लिये अच्छे हों।
केल्शियम से भरपूर आहार –
बादाम –
बादाम खाने से जोड़ो का आउटर मेबरेन खराब होने से बचा रहता हे इसमें विटामिन ई और एंटीओक्सीडेंट होता हे जो सुजन और दर्द को दूर करता हे .
सेब
सेब खाने से आप जोड़ों के दर्द तथा उसकी क्षतिग्रस्त से बच सकते हैं। सेब जोडों में कोलाजन बनाने में मदद करता है जो कि घुटने को झटके लगने से बचाता है। जिससे घुटने खराब नहीं होते।
पपीता
पपीते में ढेर सारा विटामिन सी होता है। रिसर्च में पाया गया है कि जिन लोगों के अदंर विटामिन सी की कमी होती है उनमे जोड़ो का दर्द आम बात हे .
ब्रॉकली
यह शरीर से फ्री रैडिकल्स को बाहर निकालती है जिसकी वजह से जोड क्षतिग्रस्त नहीं होते। इनमें काफी मात्रा में कैल्शियम होता है जिससे जोड़ों में मजबूती आती है।
काली बींस
यह मैग्नीज और अन्य तत्व से भरा हुआ होता है, जो जोडों के स्वास्थ्य के लिये बहुत जरुरी है। इसमे एंथोकायनिन्स होता है जो कि एक एंटीऑक्सीडेंट होता है। यह शरीर से फ्री रैडिकल्स को बाहर निकालता है और जोडों को खराब होने से रोकता है।
अदरक
इसमें एक तत्व पाया जाता है जो तुरंत ही दर्द और सुजन को दूर करता है। आप चाहें तो इसकी चाय या फिर इसे भोजन में डाल कर पका सकती हैं।
एक्सट्रा वर्जिन ऑइल
इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है जो कि जोडों के दर्द को दूर करता है। इसी की तरह से आप अखरोट का तेल भी प्रयोग कर सकते हैं। अलसी भी इसका एक बहुत अच्छा स्त्रोत है।
ग्रीन-टी
यह जोड़ों के कार्टिलेज को क्षतिग्रस्त होने से रोकता है।ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट होता है जिससे फ्री रैडिकल्स हड्डियों को नुकसान नहीं पहुंचा पाते। रोजाना एक कप ग्रीन टी आपको जोड़ों के दर्द से बचा सकते हैं।
Only Ayurved आयुर्वेद जीवन जीने की कला हैं, हम बिना दवा के सिर्फ अपने खान पान और जीवन शैली में थोड़ा बदलाव कर के आरोग्य प्राप्त कर सकते हैं।

















