Tonsil home remedy in hindi
टॉन्सिल्स का इलाज, Tonsils ka ilaj, Tonsils ka gharelu ilaj
जब कभी हमारे गले के अंदर की गांठो में कोई परेशानी होती है तो वो अंदर से सूज कर फूलने लगती है जिस कारण गले में सूजन होती है। टोन्सिल के कारण खाने पीने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है और ये दर्द बढ़ता ही जाता है। कुछ बोलने में भी दिक्कत होने लगती है। टॉन्सिल्स की समस्या बढ़ जाये और अगर हम डॉक्टर से सलाह करे तो हमे ऑपरेशन की सलाह दी जाती है, पर टॉन्सिल्स का इलाज देसी आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्खों से भी किया जा सकता है। ये समस्या अधिकतर छोटे बच्चों में पायी जाती है। आइये जाने की कैसे इस बीमारी से बचा जा सकता है और कौन से घरेलु इलाज टॉन्सिल्स की बीमारी को दूर करने में आपकी मदद करेंगे.
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टॉन्सिल्स किन कारणों से होता है : Causes of Tonsils in Hindi
टॉन्सिल्स के मुख्य कारणों में संक्रमण (इन्फेक्शन) सबसे बड़ा कारण है। यूं तो टॉन्सिल्स इतनी खतरनाक बीमारी नहीं है, लेकिन अगर इसके इलाज में कोताही बरती जाये तो ये समस्या आपको बहुत परेशान कर सकती है। वक़्त रहते अगर टोन्सिल का उपचार कर लिया जाये तो कुछ ही दिनों में आप इसे छुटकारा पा सकते है, नहीं तो ये बीमारी आपको लंबे समय तक परेशान कर सकती है। टोन्सिल की बीमारी के कुछ और कारण इस तरह है :-
- जुकाम के कारण
- पेट की समस्या जैसे गैस या कब्ज
- ज्यादा तीखी और मसालेदार खाने से
- पाचन तन्त्र के कमजोर होने के कारण
- ठंडी और गर्म चीजों को एक साथ खाने से
- ठंडी चीजे आइस क्रीम और कोल्ड ड्रिंक्स आदि के अधिक सेवन से
Tonsils की बीमारी कभी भी हो सकती है परन्तु जब मौसम बदलता है तो इसका खतरा और बढ़ जाता है।
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टोन्सिल के लक्षण क्या है : Tonsils Symptoms
आइये जाने की क्या है टॉन्सिल्स की बीमारी के लक्षणों की पहचान कैसे करे। इस समस्या के लक्षण इस प्रकार है
- गले में खराश रहने लगती है।
- गले में सूजन होने लगती है।
- कान और गले के निचे दर्द का होना।
- दर्द के कारण तेज बुखार होने लगता है और शरीर में कमजोरी महसूस होती है।
मौसम के बदलाव के कारण झुकाम गले का बेठना आप बात है कभी कभी टॉन्सिल भी बढ़ जाते है हम आज आप को बताने जा रहे कुछ खास घरेलु उपचार इन सब से बचने के लिए तो आइये जानते है….
गला बैठने, घाव या टॉन्सिल होने पर अपनाये ये आयुर्वेदिक एवं घरेलु लाभकारी नुस्खे
- यदि टॉन्सिल बढ़ जाएँ तो मेहँदी के पत्ते जलाकर काढ़ा बना ले और उस से और गुनगुने काढ़े से गरारे करने पर तत्काल टॉन्सिल में लाभ होता है.
- मेथीदाना 2 चम्मच लेकर इसको 2 गिलास पानी में आधा रहने तक धीमी आंच पर पकाएं, इस पानी से दिन में ३ से 4 बार गरारे करें. टॉन्सिल्स में बहुत आराम आएगा. ये प्रयोग ३ से 4 दिन तक करें.
- मुली के रस में समान मात्र में पानी मिलकर गरारे करें, गले की सुजन और घाव ठीक हो जायेंगे.
- गले में खराश होने पर सुबह सौंफ चबाएं, से बंद गला भी खुल जाता है
- आवाज बैठ जाने पर मुली के 5 ग्राम बीज पीस कर गरम पानी से सेवन करें, इस से आवाज खुल जाएगी और गले की खराश भी खत्म हो जाएगी .
- टॉन्सिल बढ़ जाने पर सफेद नमक, हल्दी और बायविडंग –तीनो को अलग अलग पीसकर शीशियो में भर के रख ले जब तकलीफ ह तो एक गिलास गुनगुने पानी में आधा आधा चम्मच चूर्ण दाल कर घोल बना ले और सुबह शाम गरारे करने से टॉन्सिल बिकुल ठीक हो जायेंगे.
- टॉन्सिल्स (Tonsils) तथा गलगंड में गाजर का रस प्रतिदिन तीन चार बजे दिन में 125 ग्राम (एक छोटा गिलास) लगातार दो तीन मास तक पियें। यह कॉड लिवर आयल का अच्छा विकल्प है।
- टॉन्सिल की सूजन में केवल गर्म पानी 200 ग्राम में आधा चम्मच नमक डालकर गरारे करने से आराम आ जाता है। दिन में दो तीन बार नमक के पानी के गरारें करें।
- गला बैठ जाने पर अकरकरा, कुलंजन और मुलहटी के के टुकड़े मुह में दल कर रखने से बैठा गला खुल जाता है.
- आंवले का चूरण गाय के कच्चे दूध के साथ लेने से बैठा गला खुल जाता है.
- गन्ना भुन का चूसने से बैठा हुआ गला खुल जाता है.
- देसी घी: देसी घी की मालिश गले में करने से टॉन्सिल्स की बीमारी में बहुत लाभ मिलता है
- लहुसन: गर्म पानी में लहुसन को अच्छी तरह से पीसकर मिला ले। कुछ दिन इस पानी से आप गरारे करे, ऐसा करने से टॉन्सिल्स की परेशानी से छुटकारा मिलता है।
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- हर्बल चाय: हर्बल चाय का सेवन टॉन्सिल्स का इलाज में बेहतरीन और प्राकृतिक उपाय है। ये चाय गले में जर्म, बैक्टीरिया और भी अन्य तरह के कीटाणुओ पर असर दिखाती है और और उन्हें खत्म कर देती है। ग्रीन टी, लॉन्ग इलायची और दालचीनी की चाय पिए। ये चाय आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है।
- चाय की पत्ती और नमक से इलाज: पानी में चाय की पत्ती को अच्छे से उबाल ले फिर उस पानी से गरारे करे। ऐसा करने से गले के दर्द में आराम मिलता है। गर्म पानी में नमक और फिटकरी के मिश्रण को मिलाकर गरारे करने से भी टॉन्सिल्स की समस्या से छुटकारा पाने में मदद मिलती है।
- सिंघाड़े से : जैसा की हम जानते है की टॉन्सिल्स की बीमारी का मुख्य कारण है आयोडीन की कमी होना। सिंघाड़ा आयोडीन का भरपूर स्त्रोत्र है इस home remedy से टॉन्सिल्स की समस्या में बहुत फायदा होता है ।
- हल्दी: देसी और घरेलू उपचार में टॉन्सिल्स की बीमारी में गले के दर्द और सूजन में हल्दी एक बेहतरीन उपाय है। एक चमच्च हल्दी पाउडर और गोलकी (काली मिर्च) के पाउडर के आधे चम्मच को गर्म दूध के गिलास में मिलाकर सोने से पहले इसका सेवन करे ।
- एक कपडा ले और उसकी पोटली बनाये फिर इस पोटली को तवे पर थोड़ा गर्म करे। इसके बाद इससे गले पर सेंक करे। ऐसा करने से गले के दर्द की समस्या कम हो जाती है।
- नींबू और शहद: दो चम्मच शहद और आधे निम्बू को गर्म पानी के गिलास में मिलाकर सेवन करने से टॉन्सिल की परेशानी में आराम मिलता है। इसका सेवन दो से तीन बार करे। इसे गले के दर्द और सूजन में बहुत राहत मिलती है ।
- सौंठ: गर्म पानी में सौंठ को अच्छी तरह से मिलाकर पिने से tonsil की बीमारी में जल्द ही राहत मिलती है।
- अंजीर :अंजीर को पानी में उबालकर पीस ले है फिर इसका पेस्ट बनाकर गले पर मालिश करे है। इससे भी काफी हद तक टॉन्सिल्स की परेशानी दूर होती है।
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टॉन्सिल्स में क्या खाने से परहेज करे
- ठंडी चीजों के सेवन से दूर रहे।
- कोल्ड ड्रिंक आदि का सेवन न करे।
- दूध, दही और मलाई का उपयोग न करे।
- चटपटे मसालेदार और तले हुए भोजन का परहेज रखे।
- शराब और नशीली चीजों का सेवन बिलकुल बन्द कर दे।
- सर्दी और जुकाम के रोगियो से थोड़ा दूर रहने की कोशिश करे।
- सिगरेट आदि भी पीने से बचे इससे इन्फेक्शन का खतरा बना रहता है।
- खाना खाते समय हाथों की सफाई का विशेष ध्यान रखे और खाना खाने के बाद भी हाथ को अच्छे से धोये।
आशा करते हैं के हमारे द्वारा दी गयी जानकारी से आप अपना घर पर प्राकृतिक तरीके से इलाज कर सकेंगे. अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगे तो शेयर ज़रूर कीजियेगा.
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इसके साथ Only Ayurved ने इस मौसम को देखते हुए “अमृत रस” का निर्माण किया है, ताकि कोई भी व्यक्ति इस मौसम में किसी भी वायरल की चपेट में आ कर अपने प्राण ना त्यागे. इसमें तुलसी, गिलोय, पपीता जैसी अनेक दिव्य औषधियों का मिश्रण है. जो आपको तुरंत इन प्रकोपों से बचाता है. यह घटे हुए प्लेटलेट को तुरंत बढाता है.
बिहार
पटना – 7677551854, 7480099296
छपरा – 9473221039
छत्तीसगढ़
बिलासपुर – 9584891808, 9926758959, 9300333438
रायपुर – 9644133772
दुर्ग भिलाई – 9691305217
झारखण्ड
मनिका – लातेहार – 9801290105
पश्चिम बंगाल – West Bengal
कोलकाता – 7003386968
असम
सिलचर – 9954000321
महाराष्ट्र
मालेगांव (नासिक) – डॉ. फरीद शेख 9860785490
धुले – 9270558484
नासिक – 9270928077
पुणे – 9209211786
अकोला – 7020579564
वर्धा – 9579997503
नागपुर – 8830998853
शोलापुर – 8308604642
कोल्हापुर – 9923280004
कल्याण – 8454050864
टिटवाला – 9821315415
मलाड – 9967293444
घाटकोपर – 07738350032
बोरीवली – 9004316923
भंडारा – 9422174853
औरंगाबाद – 8208266068
विरार – 9892967369
अमरावती – 9765332255
कर्नाटक – Karnataka
धारवाड़ (Dharwad) – 9844984103
बैंगलोर (Bangalore) – 7019098485
तामिलनाडू
चेन्नई – 9884164854
तेलंगाना
हैदराबाद – 08374457775
गुजरात
अहमदाबाद – 9974019763, 7874559407
पालनपुर ( डॉ. हिदायत मेमन ) – 9428371583
द्वारिका – 9033790000
चिकली – 9427869061
अमरेली – 9427888387
अंकलेश्वर – भरूच – 8460090090
बड़ोदा – 9725245318
सूरत – 8866181846, 9879157588
भुज / मुंद्रा – 9974576143
जामनगर – 9974199748
मध्यप्रदेश
भोपाल – 7987552689
इटारसी – 6260342004
इंदौर – 9713500239
विदिशा – 9131055585
जबलपुर – 9039868554
ग्वालियर – 9229239248
कटनी – 9074901083
उत्तर प्रदेश
मेरठ – 8449471767
हाथरस ( U. P. ) – 9997397043, 7017840020
मथुरा ( वैध रविकांत जी ) – 9259883028
अलीगढ – 9027021056
आगरा – 9027143749
फ़िरोज़ाबाद – 8445222786 वैध रविन्द्र सिंह
मैनपुरी – 8449601801
फ़र्रुख़ाबाद – 9839196374
रायबरेली – 9236038215
वाराणसी – 9125349199
इलाहाबाद ( डॉ. सी. पी. सिंह ) – 9520303303
गोरखपुर – 9792960999
सिद्धार्थ नगर – 9936404080
महाराजगंज – 9455426806
लखनऊ – 8417856005
इटावा – 9557463131 डॉ. कौशलेन्द्र सिंह
दिल्ली – NCR
सराय कालें खां – 9015439622, 9871490307
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हरियाणा
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हसनपुर पलवल – 9050272757
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रोहतक – 9467770773
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फ़रीदाबाद – 9315154682
चंडीगढ़ – 9877330702
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पंजाब
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डबवाली – 9416218182
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मलोट – 9878100518
मलेर कोटला – 9872439723
लुधियाणा – 9803772304
रोपड़ – 9478391123, 8528386098
जालंधर – 9814832828
अमृतसर – 8872295800
होशियारपुर उड़मुड टांडा – 9803208718
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चंडीगढ़ – 9877330702
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उदयपुर – 9875238595
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