Saturday , 23 November 2024
Home » baby care » बच्चों के सुखा रोग में आश्चर्यजनक आयुर्वेदिक उपचार लाभ ले

बच्चों के सुखा रोग में आश्चर्यजनक आयुर्वेदिक उपचार लाभ ले

बच्चों के सुखा रोग में आश्चर्यजनक आयुर्वेदिक उपचार लाभ ले

परिचय –

सन्तुलित व पोष्टिक आहार के अभाव में अधिकांश बच्चे सुखा रोग के शिकार हो जाते है .

सुखा रोग में बच्चा प्रतिदिन निर्बल होता जाता है ,उसके हाथ-पांव सूखते जाते है ,इसके साथ ही पेट बढकर आगे

की और निकल जाता है .त्वचा का रंग पिला दिखाई देता है .

कुछ विद्वानों के अनुसार कुपोषण अथवा सन्तुलित नही होने पर केल्शियम,फास्फेट और विटामिन d की कमी

हो जाने से सुखा रोग की उत्पति होती है ,केल्शियम के अभाव से अस्थिया निर्बल ही रह जाती है ,उनका विकास नही

होता है और अधिक निर्बलता के कारण अस्थिया मुड भी जाती है ,

आयुर्वेद में दूषित वातावरण और आहार को सुखा रोग का मुख्य कारण बताया गया है .इससे उदर में विक्रतिया

उत्पन होती है और पाचन किर्या की विक्रति से सुखा रोग की उत्पति होती है .

उपचार –

सुखा रोग में प्राय पाचन किर्या विक्रत हो जाती है .पाचन किर्या को सुचारू बनाने के साथ सुपाच्य खाद्य पदार्थ देना

चहिये ,अर्जुनारिष्ट या लिव -52 सिरप या गोलिया देने से अति शीघ्र लाभ होता है .

1 – यकृत विक्रति से सुखा रोग होने पर ऐसी ओषधि देनी चाहिए ,जिससे यकृत ठीक हो जाए ,इसके लिए मंडूर भस्म,

शंख भस्म में से कोई एक ओषधि दे सकते है और भोजन के बाद कुमार्यासव बराबर मात्रा में जल मिलाकर दे सकते है .

2 –  यकृत विक्रति की स्थिति में शिशु को वसायुक्त खाद्य पदार्थ का सेवन बहुत कम कराए ,रोगी को छाछ ,दही

पनीर आदि तथा फलो का रस दे ,संतरा ,मोसमी ,अनार ,टमाटर ,मुली ,गाजर आदि बहुत लाभ पहुचाते है ,हरी सब्जिया

और चावलों का मांड व सूप उपयोगी रहते है .

3 – भांगरे के रस में थोडा-सा अजवायन का चूर्ण मिलाकर देने से बच्चों की यकृत वर्धि नष्ट होती है .इससे बच्चे

अधिक स्वस्थ और हष्ट-पुष्ट रहते है ,यकृत वर्धि में मुली की छोटी -छोटी काटकर नोसादर मिलाकर रख दे.

सुबह उठने पर शोच करने के बाद बच्चे को उस मुली को खिलाने से बहुत लाभ होता है ,मकोई का स्वरस गरम करके

यकृत वर्धि पर लेप करने से वर्धि नष्ट होती है .

4 – नवायस लोह या लोह भस्म में से कोई ओषधि देने से बहुत शीघ्र लाभ होता है ,भोजन के साथ रोहितकारिष्ट

उतना ही जल मिलाकर प्रतिदिन उपयोग करे .

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status