Wednesday , 24 April 2024
Home » anti oxidant » शरीर के लिए पुष्टिकारक हे सरसों का तेल –

शरीर के लिए पुष्टिकारक हे सरसों का तेल –

शरीर के लिए पुष्टिकारक हे सरसों का तेल –

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि सरसों का तेल एक आम तेल है. इस तेल को लगभग हम सभी के घर में इस्तेमाल किया जाता है. यह तेल बहुत ही फायदेमंद तेल है. इस तेल को हमारे घरों में लगभग सबसे ज्यादा खाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है

सरसों का तेल सेहत और सुंदरता दोनों के लिए बहुत फायदेमंद है सरसों के तेल में बहुत से ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर में घाव भरने ,जोड़ों के दर्द या कान दर्द जैसी चीजों में बहुत मदद करते हैं. यह एक तरह की आयुर्वेदिक दवा के जैसी चीज है.और सरसों का तेल लगभग सबसे पुराना तेल है जिसका इस्तेमाल बहुत पुराने समय से होता आ रहा है.

सरसों तेल के लाभ –

सरसों के तेल के बहुत फायदे होते हैं. चाहे आप सरसों के तेल को किसी भी तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं. सरसों का तेल एक ऐसा ओएल है. जो कि आप किसी भी खाना बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. या इसके अलावा आप हैं. दूसरी चीजों के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. आप अपने बालों में लगा सकते हैं. अपनी त्वचा पर लगा सकते हैं. इन चीजों पर सरसों के तेल को लगाने से आपको बहुत फायदा मिलता है. तो नीचे हम आपको सरसों के तेल के लाभ या फायदे के बारे में बता रहे हैं. जिनके बारे में शायद आप पहले नहीं जानते थे तो आप इन फायदों को ध्यान से देखिए और फिर आप सरसों के तेल का इस्तेमाल अच्छी तरह से कर सकते हैं.

  1. सरसों के तेल लगातार मालिश करने से आपके जोड़ों का दर्द ठीक हो जाता है और घटिया रोग में भी इसका इलाज बहुत ही आसानी से किया जा सकता है वह सरसों के तेल को थोड़ा सा गर्म करके अगर अब अपनी मांसपेशियों पर मालिश करते हैं तो आपके शरीर की जकड़न को भी फायदा मिलता है आप की जकड़न बहुत जल्दी ठीक हो जाएगी.
  2. अगर सरसों के तेल में नमक मिलाकर सुबह अपने दांतो पर मलने से मसूड़ों में आने वाली सूजन दांतों का दर्द और दातों में खून बहने की समस्याओं से बहुत जल्द राहत मिलती है. और इस तरीके से दांतो की मालिश करने से आपके दांत चमकीले व मजबूत भी बनते हैं.
  3. सरसों के तेल का इस्तेमाल फंगल संक्रमण के लिए भी किया जाता है. सरसों के तेल में  एलिल आइसोथियोसाइनेट नामक एक तत्व पाया जाता है. जो अपनी एंटी फंगल गुणों के कारण कवक के विकास को रोकता है. इस प्रकार यह हमारी त्वचा के रूखेपन सुस्ती. खुजली और इसके साथ-साथ आपकी त्वचा को दूसरे कवक और अन्य रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है. जबकि त्वचा पर मालिश के रूप में यह बैक्टीरिया के संक्रमण से लड़ता है।
  4. इसके अलावा अगर आप सरसों के तेल का सेवन करते हैं. तो यह हमारे पेट, आंतों, पाचन तंत्र और मूत्रमार्ग के साथ-साथ खांसी जुकाम है. दूसरे रोगों के जीवाणुओं से लड़ने में भी मदद करता है.
  5. सरसों का तेल हमारे शरीर के वजन को घटाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान देता है क्योंकि सरसों के बीजो में बी काम्प्लेक्स विटामिन जैसे फोलेट, थायमिन, नियासिन, रिबोफ्लाविन पाए जाते हैं। सरसों का तेल हमारे शरीर का मेटाबोलिज्म रेट बढ़ा देता हैं, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती हैं.
  6. यदि आपके होंठ फट जाते हैं. और आप दूसरी लिप क्रीम का इस्तेमाल करते हैं. और वह आपके होठों को ठीक करने में मदद नहीं कर पा रही है. तो उस स्थिति में आप अगर अपने सूखे फटे हुए होठों पर लगाते हैं. तो यह बहुत जल्द ही आपके होठों को ठीक करने में मदद करता है.
  7. सरसों का तेल हमें  कैंसर को पैदा करने वाले गुणों के लिए बचाता है. क्योंकि सरसों के तेल में ग्लूकोसिनोलेट नामक तत्व होता है, जो एंटी-कार्सिनजेनिक गुणों के लिए जाना जाता है और कैंसर को शरीर में बनने से रोकता है.सरसों के तेल से आप अपनी किसी भी तरह की सूजन को कम कर सकते हैं यह सूजन को कम करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि सरसों के तेल में सूजन को कम करने के कुछ ऐसे तत्व होते हैं. जो सूजन से राहत दिलाते हैं.
  8. मच्छरों से बचने के लिए भी सरसों का तेल एक बहुत ही बढ़िया उपाय है क्योंकि इसकी सुगंध इतनी तेज है.कि यह मच्छरों या और छोटे कीड़ों को अपने पास आने से रोक देता है इसलिए यह तेल अगर आप अपनी बॉडी पर लगाते हैं. तो आपको मलेरिया के मच्छर वह दूसरे बीमारियों के जीवाणु से भी सुरक्षा मिलती है.सरसों के बीजो में सेलेनियम और मैग्नीशियम पाए जाते है. जो की एंटी-इन्फ्लेमेट्री हैं. सरसों के तेल को खाने से अस्थमा, सर्दी-जुकाम और ब्रेस्ट में होने वाली परेशानियों से राहत मिलती.
  9. सरसों का तेल खांसी नाक बंद होना या छाती बंद होना इन समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता है. आप एक चम्मच पहले और कपूर से मिश्रण बनाएं फिर उसको अपनी छाती के ऊपर मालिश करें इससे आपको निश्चित रुप से राहत मिलेगी.जिन लोगो के बाल भूरे रंग के होते हैं, उन्हें सरसों का तेल लगाना चाहिए. इससे बालों का रंग काला हो जाता हैं. रात को सोने से पहले सरसों का तेल लगाने से कुछ ही दिनों में बाल काले हो जाते हैं.
  10. यदि आपको भूख कम लगती है. तो आप सरसों के तेल से बना खाना खाना शुरु कर दें.अगर आप सरसों के तेल का खाना खाना शुरु करते हैं तो निश्चित रूप से आप की भूख में बढ़ोतरी होगी सरसों के तेल से पाचन और रक्त वाहिका संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है यह प्लीहा और यकृत जैसे रोगों से लड़ने में भी सहायक होता है अगर आप अपने शरीर पर सरसों के तेल से मालिश करते हैं तो यह आपके रक्त परिसंचरण और पसीने की ग्रंथियों को उत्तेजित करता है.
  11. 1.
    जोड़ों के दर्द, गठिया और मांसपेशियों में होने वाले दर्द से निजात पाने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है।
    नियमित रूप से इस तेल से मालिश करने पर शरीर के रक्त संचार में सुधार हो सकता है।
    इससे जोड़ों व मांसपेशियों की समस्या को दूर रखने में मदद मिल सकती है।
    वहीं, सरसों के तेल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड भी जोड़ों के दर्द और गठिया की समस्या में सहायक साबित हो सकता है इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि सरसों तेल के फायदे जोड़ों के दर्द, गठिया और मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं।
    2. हृदय स्वास्थ्य
    सरसों तेल के फायदे हृदय स्वस्थ के लिए भी सहायक हो सकते हैं। दरअसल, एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट में प्रकाशित एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, सरसों का तेल मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (MUFA & PUFA) के साथ-साथ ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड से समृद्ध होता है।
    ये दोनों फैटी एसिड मिलकर इस्केमिक हृदय रोग (रक्त प्रवाह की कमी के कारण) की आशंका को 50 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं
    (2)। वहीं, एक दूसरे शोध में दिया है कि सरसों के तेल को हाइपोकोलेस्टेरोलेमिक (कोलेस्ट्रॉल कम करने वाला) और हाइपोलिपिडेमिक (लिपिड-लोअरिंग) प्रभाव के लिए भी जाना जाता है (3)। यह खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) के स्तर को कम कर सकता है और शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे हृदय रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है।
    3. कैंसर
    कैंसर एक घातक बीमारी है, जिससे हर कोई बचना चाहता है।
    ऐसे में सरसों के तेल का इस्तेमाल इस समस्या से बचने के लिए कुछ हद तक मदद कर सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन से पता चलता है कि एलिल आइसोथियोसाइनेट (सरसों के तेल) में एंटी कैंसर गुण होते हैं, जो कैंसर सेल्स के विकास को रोकने का काम कर सकते हैं (4)। इसके अलावा, एक दूसरा अध्ययन भी यही साबित करता है।
    इस अध्ययन में कोलन कैंसर से प्रभावित चूहों पर सरसों, मकई और मछली के तेल के असर का परीक्षण किया गया।
    इस शोध में पाया गया कि कोलन कैंसर को रोकने में मछली के तेल की तुलना में सरसों का तेल अधिक प्रभावी साबित हुआ
    ऐसे में माना जा सकता है कि सरसों के तेल के फायदे कैंसर जैसी समस्या से बचे रहने में भी मदद कर सकते हैं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि कैंसर एक घातक और जानलेवा बीमारी है, जिसका इलाज डॉक्टरी परामर्श के बिना संभव नहीं। इसलिए, पूर्ण इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क जरूर करें और सरसों के तेल के इस्तेमाल के लिए सलाह लें।
    4. दांत संबंधी समस्या
    सरसों के तेल के लाभ दांत संबंधी समस्याओं में भी कारगर साबित हो सकते है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इस तेल को हल्दी के साथ इस्तेमाल करने पर मसूड़ों की सूजन और पेरियोडोंटाइटिस (मसूड़ों से जुड़ा संक्रमण) से निजात मिल सकती है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status