अतिसार (दस्तों)-के लिए सरल और अचूक ,योग जो अनेक बार अनुभूत है-बनाकर लाभ ले
अतिसार एक साधारण और प्रसिद्ध योग है |अतिसार और प्रवाहिका में जो भेद है उसको प्रत्येक व्यक्ति अच्छी तरह जानता है |प्रवाहिका में बड़ी पीड़ा और कब्ज से मलत्याग होता है ,परन्तु अतिसार में तो कब्ज का नाम भी नही होता |इसमें दस्त पतले होकर अधिक आते है और बार-बार आने की हाजत होती रहती है |प्रवाहिका की तरह इसका रोगी भी बड़ा दुर्बल हो जाता है ,निचे इस रोग के निवारण के लिए कुछ सरल और अनुभूत योग प्रस्तुत किये जा रहे है |
1.-आंवलो का चमत्कार – हर प्रकार के दस्तो के लिए बड़ी लाभप्रद ओषधि है |अनेक बार अनुभव में आ चुकी है और गुणकारी सिद्ध हुई है |तीन चार मात्राओ से आराम होता चला जाता है |साथ में यह आमाशय को बलिष्ट बनाती है |
विधि – सुखा आंवला 10 ग्राम और जंगली हरड 5 ग्राम दोनों को खूब बारीक़ पीसकर 1-1 ग्राम की मात्रा दोनों समय पानी से फांके अतिसार के लिए सरल और अचूक योग है |
2 .-छाछ का योग – सब प्रकार के दस्तो के लिए एकमात्र ओषधि है और अंतिम ओषधि है |अनेक बार अनुभव में आ चुकी है और सफल रही है |
विधि – खट्टी छाछ आधा किलो को आग पर रखकर इतना पकाए की खूब गाड़ी हो जाये |इसके बाद इसमें 12 ग्राम सोंठ और तीन ग्राम मोचरस बारीक़ पीसकर मिला ले |जब गोली बांधने योग्य हो जाये तब जंगली बेर के बराबर गोलिया बनाये |सुख जाने पर शीशी में डाल ले |आवश्यकता पड़ने पर एक दो गोली प्रातः,दोपहर और सांयकाल ताजा पानी के साथ दे |कुछ दिन में भयंकर से भयंकर रोग में भी लाभ हो जायेगा |
3.-तृतीय योग –
विधि – बिल्व का गुदा और देशी खांड 10 -10 ग्राम दोनों को आपस में मिलाकर अच्छी प्रकार से घोट ले |इसकी दो पुडिया तेयार कर ले प्रातः सांय दे ,पहले दिन ही आराम मालूम हो जायेगा |अनुभूत ओषधि है |
4 .-रक्तातिसार – इस रोग में अंदर से खून कट-कट कर निकलता है |निचे सरल प्रयोग प्रस्तुत किया जा रहा है इससे रोग समूल नष्ट हो जाता है |योग आपके सामने है |
विधि – सेलखड़ी और लाल गेरू दोनों को समान मात्रा में ले ले |खूब बारीक़ पीसकर सावधानी से शीशी में रख छोड़े |जरूरत होने पर इसमें से 6-6 ग्राम की मात्रा छाछ के साथ दिया करे |शीघ्र आराम हो जायेगा |
5 .-अनुभूत पुडिया – यदि आमाशय की दुर्बलता के कारण दस्त आते तो ये चूर्ण बनाकर प्रयोग में ले |इससे पानी की तरह बहते हुए दस्त एक ही दिन में बंद हो जाते है |भूख पैदा करने और दस्तो को बंद करने के लिए अत्यधिक लाभप्रद है |
विधि – अनारदाना 10 ग्राम और चीनी 20 ग्राम |दोनों को बारीक़ पिस ले |बस ओषधि तेयार है |आवश्यकता पड़ने पर इसमें 4-4 ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार दे |यदि जमालगोटा के लेने से दस्त लगे हो तो यही ओषधि बताशे में रखकर दे |एक दो बार के देने से दस्त बंद हो जायेंगे |ओषधि देने के अनन्तर थोडा-सा मीठा मिलाकर दही या छाछ पिलावे |दस्त आने उसी समय बंद हो जायेंगे |अनेक बार की परीक्षित ओषधि है |
6 .-कफजनित अतिसार – कफजनित दस्तो के लिए यह योग बड़ा प्रभावोत्पादक सिद्ध होता है |एक दो मात्राओ के लेने से उसी समय आराम हो जायेगा
विधि – पान में खाने का चुना और अफीम दोनों को समान मात्रा में लेकर मुंग के दाने के बराबर गोलिया बनाकर शीशी में रख छोड़े |आवश्यकता पड़ने पर एक गोली प्रातःकाल और एक गोली सांयकाल पानी के साथ दे |
7 .-आंतो का अफारा – इसमें रोगी का पेट फूलकर सख्त हो जाता है |साँस भी कुछ कष्ट आने लगता है |उठने-बेठने और सोने से भी कष्ट होता है |
विधि – मस्तगी और काला जीरा दोनों को समान मात्रा में लेकर बारीक़ करके शीशी में रखे |आवश्यकता के समय दो से चार रती तक की मात्रा मुख में रखकर इसका रस चूसते रहे |एक दो बार के प्रयोग से अफारे में आराम हो जायेगा |
8 .-नाभि तलना – विधि – छोटी दूधी को छाया में सुखाकर बारीक़ पिस ले |इसके बराबर पुराना गुड मिला करके जगली बेर के समान गोलिया बना ले छाया में सुखाकर सावधानी से रख छोड़े |आवश्यकता के समय दो गोली बासी पानी के साथ दिया करे |तीन चार दिन में रोग बिल्कुल चला जायेगा |भविष्य में कभी इसका डर नही रहेगा |