कान का पर्दा फटना को इंग्लिश में eardrum rapture या ear drum perforation कहते हैं| यदि इन दिनों आपको सुनने में परेशानी, कान में दर्द या हवा बहने का एहसास हो रहा है तो हो सकता है की ऐसा कान के परदे में छेद यानि होल होने के कारण हो|
कान के पर्दे को मेडिकल भाषा में TYMPANIC झिल्ली कहते हैं और इसमें छेद होने को कान का पर्दा फटना कहते हैं|
कान के पर्दे में छेद कई कारणों से हो सकता है जैसे संक्रमण या इन्फेक्शन होने पर, चोट लगने पर या फिर कान के दबाव में परिवर्तन होने के कारण|
कान के पर्दे का फटना यानि कान में छेद होना समय के साथ अपने आप सही हो जाता है बिना इलाज के और बहरेपन होने की सम्भावना ना के बराबर होती है|
कान का पर्दा फटने पर कम सुने क्यों देने लगता है?
आवाज जब कान में प्रवेश करती है तब उससे कान के पर्दे में कम्पन होते हैं यही कम्पन दिमाग तक सिग्नल के रूप में जाते हैं लेकिन जब कान के पर्दे में छेद होता है तो इसका असर व्यक्ति की सुनने की क्षमता पर पड़ता है|
कान में संक्रमण होने पर कान के पर्दे के फटने का डर रहता है और ऐसा अक्सर बच्चों में अधिक देखने में मिलता है| इन्फेक्शन होने पर पर्दे के पीछे तरल एकत्रित होने लगता है जिसके दबाव के कारण पर्दे में छेद हो जाता है|
दबाव में बदलाव के कारण
कान के भीतरी और बाहरी दबाव में एक दम से बदलाव होने पर भी पर्दा फट सकता है| दबाव में बदलाव के कई कारण हो सकते हैं जैसे
scuba diving
एयरक्राफ्ट में सफ़र
पहाड़ों पर अधिक ऊंचाई पर जाने से
उच्च ध्वनी तरंगों के असर के कारण
लड़ाई झगडे में कान में चोट आने के कारण
चोट के कारण
कान के पर्दे पर कई परकार से चोट लग सकती है जिससे उसके फटने की सम्भावना रहती है जैसे
कान पर थप्पड़ पड़ना
खेल कूद में चोट
कान के बल गिरने से
तीखी वास्तु कान में डालने से हुआ छेद
बहुत तेज आवाज के प्रभाव से
कान में छेद होने के लक्षण | Symptoms of eardrum rupture
कान का पर्दा फटने का मुख्य लक्षण होता है दर्द होना और यह दर्द कम या अधिक हो सकता है|
इसके अलावा कान से तरल का बहना या खून आना भी एक लक्षण हो सकता है| तरल का स्त्राव इन्फेक्शन होने का इशारा करता है| ऐसा ज्यादातर छोटे बच्चों और उन लोगों में अधिक होता है जिन्हें सर्दी और जुखाम की शिकायत होती है|
कान में घंटियाँ बजना, सुनने की क्षमता कम होना, चक्कर आना, कान में हवा चलने का एहसास आदि कुछ और लक्षण हो सकते हैं|
डॉक्टर कैसे करता है कान में छेद होने की पहचान?
कान के पर्दे में छेद होने की स्तिथि में आपको ENT डॉक्टर के पास जाना होता है| आपका डॉक्टर आपके कान से रिसने वाले तरल का सैंपल लेकर उसकी जांच करता है| इसके अलावा कुछ विशेष जांच जैसे ओटोस्काप, ऑडियोलॉजी, tympanometry आदि के द्वारा कान में छेद होने का पता लगाता है और जरुरी दावा और इलाज लिखता है|
कान में छेद होने का इलाज | कान का पर्दा फटना इलाज और उपचार | Treatment for eardrum rupture
कान के पर्दे में छेद का इलाज दर्द को दूर करने के लिए और भविष्य में इन्फेक्शन को रोकने के लिए किया जाता है| डॉक्टर पर्दे फटने में निम्न प्रकार से आपका इलाज करता है|
Patching
यदि कान का पर्दा स्वत ठीक नहीं होता तो इस स्तिथि में आपका डॉक्टर छेद पर एक प्रकार की पैच या चेपी लगा देता है इस पैच के सहारे पर्दे की झीली बढ़कर आपस में मिल जाती है|
Antibiotics के द्वारा
एंटीबायोटिक ear ड्रॉप्स और दवाई आपको डॉक्टर तब लिखता है जब आपके पर्दे में छेद की वजह इन्फेक्शन हो साथ ही यह एंटीबायोटिक्स आपको छेद के कारण होने वाली इन्फेक्शन के खतरे से भी बचाती हैं|
Surgery
सर्जरी भी एक और इलाज है जिसके द्वारा आपके पर्दे को फिर से जोड़ दिया जाता है|
घरेलु उपचार
घरेलु उपचार में रोगी को ठंडा और गर्म सेक करने की सलाह दी जाती है|
बच्चों में कान का पर्दा फटना | Eardrum ruptures in Kids
बच्चों में कान के पर्दे में छेद होने की समस्या काफी आम होती है इसका कारण है बच्चों का पर्दा बहुत ही कोमल होता है साथ ही उनकी कान की नाली बहुत ही संकरी होती है| पेन्सिल, हेयर पिन, कॉटन swab आदि का प्रयोग से अक्सर बच्चे अपने कान को नुक्सान पंहुचा लेते हैं|
इसके अलावा बच्चों में कान में इन्फेक्शन होना भी बहुत आम समस्या है जिसके कारण कान के पर्दे में छेद होने की सम्भावना रहती है| यदि आपके बच्चे में निम्ब लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें:
कान में तेज दर्द
कान से खून या मवाद का बहना
उलटी आना या चक्कर आना
कान का बजना
यदि सही समय पर बच्चे को इलाज न मिले तो इसका असर उसकी सुनने की क्षमता पर पड़ सकता है इसलिए बच्चे के केस में देर बिलकुल न करें|
कान के पर्दे में छेद कब तक ठीक हो जाता है?
कान का पर्दा बिना इलाज के कुछ हफ़्तों में अपने आप ठीक हो जाता है| यदि आपकी सर्जरी यानि ऑपरेशन हुआ है तो आपको पूरी तरह ठीक होने में कुछ हफ़्तों का समय लग सकता है|
कान के पर्दे में छेद होने से बचने के लिए कुछ उपाय | Prevention Tips for future ruptures
यहाँ कुछ जरुरी बातें और उपाय हैं जिन्हें अपनाकर आप कान का पर्दा फटना से बच सकते हैं|
- अपने कान को सुखा रखने की कोशिश करें| नम रखने से इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है|
- नहाने से पहले कानों में रुई लगाकर ही सनान करें|
- कान में छेद होने पर बहार स्विमिंग पूल या समुद्र में तैरने से परहेज करें|
- सर्दी जुखाम होने पर हवाई जहाज में यात्रा करने से बचें|
- आप ear plugs, bubble gum और उवासी द्वारा कान के दबाव को नियंत्रित कर सकते हैं|
- कान साफ़ करने के लिए तीखी वास्तु का इस्तेमाल न करें|
- अधिक धवनी वाली जगह पर जाने से बचें| यदि आप किसी फैक्ट्री में काम करते हैं जहाँ शोर ज्यादा है तो आप ear plugs का इस्तेमाल करें|
कान का पर्दा आसानी से फट सकता है इसलिए यह जरुरी है की आप अपने कान का विशेष ध्यान रखें और यदि आपको कान में कुछ भी असामान्य नजर आये तो ENT डॉक्टर की सलाह लें| कान के पर्दे में छेद के बहुत से इलाज है इसलिए घबराने की जरुरत नहीं|