रोगों से बचाव के लिए रामबाण है घर पे बनी ये एंटीबैक्टीरियल ड्रिंक.!!
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आज कल मौसम अक्सर बदलता रहता है कभी बारिश कभी गर्मी । बदलते हुए मौसम में बीमारी फैलाने वाली वायरस और बैक्टेरिया भी सक्रिय हो जाते हैं और ऐसे में सर्दी ,जुखाम, बुखार जैसी बीमारियाँ होना आम बात है । खास तौर से बारिश के मौसम में।ऐसे में ज़रूरी है इन बिमारिओं से बचने के लिए अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना | अगर आप सही खुराक ले रहे हैं तो आपका इम्युनिटी सिस्टम भी मज़बूत होगा और छोटी मोटी परेशानियां खुद ब खद ठीक हो जाएगी। हमारे घरों में बहुत से ऐसे पदार्थ होते हैं जिनके इस्तेमाल से हम खुद को इन छोटी छोटी बीमारियो से बचा सकते हैं । इसलिए आपको भी मौसम बदलते ही सर्दी जुकाम जैसी परेशानी होती है तो ये एंटीबैक्टीरियल drink का इस्तेमाल कर सकते है।
तो क्या है ये एंटीबैक्टीरियल ड्रिंक :
अदरक, प्याज़ और लहसुन
जी हाँ हर घर में पाए जाने वाले ये तीन पदार्थ इनको मिला कर ही बनती है एंटीबैक्टीरियल ड्रिंक
कैसे काम करते है अदरक, प्याज और लहसुन
लहसुन में मौजूद कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो हमारी सेहत के लिए बेहद लाभकारी होते हैं , लहसुन में एलिसिन एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। साथ ही इसमें विटामिन और पोषक तत्व भी भरपूर मात्रा में होते हैं।इसमें मौजूद विटामिन सी, बी6 और दूसरे मिनरल्स इम्यून सिस्टम को मजबूत और संक्रमण से बचाव करते है।
प्याज में भी एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण पाये जाते है। इसमें कई एंटी-इन्फ्लामेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जिससे यह शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है। इसमें विटामिन सी, लोहा, गंधक, तांबे जैसे बहुमूल्य खनिज पाये जाते हैं, जिनसे शारीरिक शक्ति बढ़ती है।
अदरक में anti oxidants और कई ऐसे minlras पाए जाते हैं जो हमें बीमारियो से बचाते हैं , अदरक में ओलेओरेसिन नाम का एक कम्पाउंड पाया जाता है जो कफ और सर्दी की समस्या को दूर करने का काम करता है। यह एक बेहतरीन एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल है। जो संक्रमण से सुरक्षा देने का काम करते हैं।
अदरक, प्याज और लहसुन का मिश्रण में किसी भी तरह के इन्फेक्शन से लड़ने की ताकत होती है। ये बारिश की वजह से होने वाले इन्फेक्शन और रोग कारक जीवाणुओं से लड़ने की क्षमता रखता है।
ये ड्रिंक आपकी आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करता है । इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण हमें छोटे-मोटे इंफेक्शन आदि से ये लड़ने में मदद करते हैं |
एंटीबैक्टीरियल ड्रिंक बनाने की विधि –
एक प्याज, एक अदरक और तीन चार लहसुन की कलियां लेंकर तीनों को मिक्सर में डालकर पीस लें। इसके बाद इसे छान कर इसका जूस निकालें, अगर आप चाहें तो इस में पानी भी मिला सकते हैं |
मौसम के बदलने पर इस जूस को 4-5 दिन तक सुबह और रात में पीएं। अगर आपको पहले से ही कोल्ड और फीवर की समस्या है तो दवाई खाने से पहले इस घरेलू नुस्खें को आजमाकर देंखें |
स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, टाइफाइड और किसी भी प्रकार के वायरल बुखार को सिर्फ 3 से 7 दिन में सही कर सकता है अमृत रस
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सावन और भादवा ये दो महीने में आयुर्वेद में दूध और दही खाने की मनाही कही गयी है, ख़ास कर के सावन में दूध और भादवे में दही. और इसी के लिए हमारे पूर्वजों ने विधान बनाया था सावन में शिवजी पर दूध चढाने का. इस मौसम में दूध पीने वाले अधिकतर लोग किसी न किसी बीमारी का शिकार ज़रूर होते हैं. अगर आप इसी मौसम में किसी बच्चे को दूध भी दान करोगे तो आप जाने अनजाने में उसको सिर्फ बीमारी ही दे रहे हो. चाहे दूध दान करो चाहे अपने बच्चो को पिलाओ या खुद पियो, मगर इन दो महीनों में दूध पीना स्वास्थ्य के दृष्टिकौण से गलत है. मगर हम फिर भी पीते हैं. और दूसरी बात ये है के दूध सिर्फ उस जीव का पीना चाहिए जो चलता फिरता हो, अगर कोई जीव यूँही बैठा बैठा खाना खा रहा है और उस जीव का दूध हम पीते हैं तो ये सेहत नहीं दे सकता. Amrit Ras, Swine Flu ka ilaj, dengue ka ilaj
खैर चलिए अभी जो लोग सावन में दूध का सेवन करते हैं तो उनको उपरोक्त बीमारियाँ फ्री में मिलती है. इन मौसमी बिमारियों के साथ साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी काफी कमज़ोर हो जाती है, जिस कारण से दुसरे रोग भी शरीर को घेर लेते हैं, और चल रहे संक्रामक रोग जैसे स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया टाइफाइड, वायरल फीवर इत्यादि भी शरीर को शीघ्र ही घेर लेते हैं.
Swine flu ka ilaj, Amrit Ras ke fayde
ऐसे में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने की बहुत आवश्यकता होती है, इसके लिए प्राकृति ने हमको 3 विशेष चीजें दी हैं जो आयुर्वेद के साथ एलॉपथी जगत में भी विशिष्ट स्थान रखती हैं. इनमे हैं गिलोय, तुलसी और पपीते के पत्ते. ये तीनों चीजें ही हमको स्वास्थ्य का भरपूर खजाना देते हैं. इन्ही सब गुणों को देखते हुए Only Ayurved ने इन तीनो को मिलाकर अमृत रस निकाला है, जिसको सिर्फ 3 से 5 दिन पीने से आपका किसी भी प्रकार का वायरल फीवर, स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया इत्यादि में आराम हो सकता है. इसको आप दिन में 30 – 30 ml 3 बार गर्म या गुनगुने पानी के साथ लीजिये. और अनाज इत्यादि से परहेज करवाएं. सिर्फ फलाहार पर रहें. और चाय तो बिलकुल बंद कर दीजिये. Amrit Ras, Swine flu ka ilaj, dengue ka ilaj
इस के आलावा यह अमृत रस रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में एवं स्वाइन फ्लू, डेंगू, Viral Fever, typhoid, डायबिटीज , सुजन, गठिया, आर्थराइटिस, सोरैसिस, एक्जिमा, मुहासे, इत्यादि के लिए बेहद लाभकारी है एवं यह प्राकृतिक रक्त शोधक भी है .
Swine Flu ka ilaj
Swine flu या डेंगू या मलेरिया हो जाने पर रोगी को तुरंत से 30 – 30 ml अमृत रस दिन में 4 से 5 बार पिलायें, अगर ये ना मिले तो गिलोय का रस, पपीते के पत्तों का रस, और तुलसी का रस ये तीनो मिला कर दिन में 4 से 5 बार ज़रूर पिलायें और 2 से 3 दिन तक उपवास करवाएं.
ज्वर याचक और पावना लंघन करवाओ तीन, पाछो कभी ना आवे.
गिलोय के फायदे : Amrit Ras, Swine Flu ka ilaj
गिलोय की एक बहुवर्षिय लता होती है। इसके पत्ते पान के पत्ते की तरह होते हैं। आयुर्वेद मे इसको कई नामो से जाना जाता है जैसे अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा,चक्रांगी, आदि। गिलोय इतनी गुणकारी है कि इसका नाम अमृता रखा गया है। आयुर्वेद जगत में यह बुखार की महान औषधि के रूप में मानी गई है।
आइये जाने गिलोय के लाभ : –
बुखार में फायदेमंद :- गिलोय एक रसायन है जो रक्तशोधक, ओजवर्धक, हृदयरोग नाशक ,शोधनाशक और लीवर टोनिक भी है। गिलोय के रस में शहद मिलाकर लेने से बार-बार होने वाला बुखार ठीक हो जाता है। या गिलोय के रस में पीपल का चूर्ण और शहद को मिलाकर लेने से तेज बुखार तथा खांसी ठीक हो जाती है।
खून की कमी दूर करें :- गिलोय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और शरीर में खून की कमी को दूर करता है। इसके लिए प्रतिदिन सुबह-शाम गिलोय का रस घी या शहद मिलाकर सेवन करने से शरीर में खून की कमी दूर होती है।
कान दर्द में लाभकारी : – गिलोय के पत्तों के रस को गुनगुना करके कान में डालने से कान का दर्द ठीक होता है। साथ ही गिलोय को पानी में घिसकर और गुनगुना करके दोनों कानों में दिन में 2 बार डालने से कान का मैल निकल जाता है।
मोटापा कम करें : – गिलोय मोटापा कम करने में भी मदद करता है। मोटापा कम करने के लिए गिलोय और त्रिफला चूर्ण को सुबह और शाम शहद के साथ लें। या गिलोय, हरड़, बहेड़ा, और आंवला मिला कर काढ़ा बनाकर इसमें शिलाजीत मिलाकर पकाएं और सेवन करें। इस का नियमित सेवन से मोटापा रुक जाता है।
आंखों के लिए फायदेमंद :- गिलोय का रस आंवले के रस के साथ मिलाकर लेना आंखों के रोगों के लिए लाभकारी होता है। इसके सेवन से आंखों के रोगों तो दूर होते ही है, साथ ही आंखों की रोशनी भी बढ़ती हैं। इसके लिए गिलोय के रस में त्रिफला को मिलाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े में पीपल का चूर्ण और शहद मिलकर सुबह-शाम सेवन करें।
जलन दूर करें : – अगर आपके पैरों में जलन होती है और बहुत उपाय करने के बाद भी आपको कोई फायदा नहीं हो रहा है तो आप गिलोय का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए गिलोय के रस को नीम के पत्ते एवं आंवला के साथ मिलाकर काढ़ा बना लें। प्रतिदिन 2 से 3 बार इस काढ़े का सेवन करें इससे हाथ पैरों और शरीर की जलन दूर हो जाती है।
पीलिया में फायदेमंद : – गिलोय का सेवन पीलिया रोग में भी बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए गिलोय का एक चम्मच चूर्ण, काली मिर्च अथवा त्रिफला का एक चम्मच चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से पीलिया रोग में लाभ होता है। या गिलोय के पत्तों को पीसकर उसका रस निकाल लें। एक चम्मच रस को एक गिलास मट्ठे में मिलाकर सुबह-सुबह पीने से पीलिया ठीक हो जाता है।
खुजली दूर भगाएं : – खुजली अक्सर रक्त विकार के कारण होती है। गिलोय के रस पीने से रक्त विकार दूर होकर खुजली से छुटकारा मिलता है। इसके लिए गिलोय के पत्तों को हल्दी के साथ पीसकर खुजली वाले स्थान पर लगाइए या सुबह-शाम गिलोय का रस शहद के साथ मिलाकर पीएं।
उल्टियां में फायदेमंद : – गर्मियों में कई लोगों को उल्टी की समस्या होती हैं। ऐसे लोगों के लिए भी गिलोय बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए गिलोय के रस में मिश्री या शहद मिलाकर दिन में दो बार पीने से गर्मी के कारण से आ रही उल्टी रूक जाती है।
पेट के रोगों में लाभकारी : – गिलोय के रस या गिलोय के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से पेट से संबंधित सभी रोग ठीक हो जाते है। इसके साथ ही आप गिलोय और शतावरी को साथ पीस कर एक गिलास पानी में मिलाकर पकाएं। जब उबाल कर काढ़ा आधा रह जाये तो इस काढ़े को सुबह-शाम पीयें।
गैस दूर करे : – गैस, जोडों का दर्द ,शरीर का टूटना, असमय बुढापा वात असंतुलित होने का लक्षण हैं। गिलोय का एक चम्मच चूर्ण को घी के साथ लेने से वात संतुलित होता है ।
गठिया : – गिलोय का चूर्ण शहद के साथ खाने से कफ और सोंठ के साथ आमवात से सम्बंधित बीमारीयां (गठिया) रोग ठीक होता है।
बाँझपन से मुक्ति : – गिलोय और अश्वगंधा को दूध में पकाकर नियमित खिलाने से बाँझपन से मुक्ति मिलती हैं।
रक्त कैंसर : – गिलोय का रस और गेहूं के जवारे का रस लेकर थोड़ा सा पानी मिलाकर इस की एक कप की मात्रा खाली पेट सेवन करने से रक्त कैंसर में फायदा होगा।
कैंसर में लाभ : – गिलोय और गेहूं के ज्वारे का रस तुलसी और नीम के 5-7 पत्ते पीस कर सेवन करने से कैंसर में भी लाभ होता है।
टी. बी. रोग :- टी. बी. रोग में गिलोय सत्व, इलायची तथा वंशलोचन को शहद के साथ लेने से लाभ होता है।
मिर्गी रोग भगाए :- गिलोय और पुनर्नवा का काढ़ा बना कर सेवन करने से कुछ दिनों में मिर्गी रोग में फायदा दिखाई देगा।
पित्त की बीमारी :- एक चम्मच गिलोय का चूर्ण गुड के साथ खाने से पित्त की बिमारियों में सुधार आता है और कब्ज दूर होती है।
बवासीर दूर करे :- मट्ठे के साथ गिलोय का 1 चम्मच चूर्ण सुबह शाम लेने से बवासीर में लाभ होता है।
मुंहासे दूर करे : – मुंहासे, फोड़े-फुंसियां और झाइयो पर गिलोय के फलों को पीसकर लगाये मुंहासे, फोड़े-फुंसियां और झाइयां दूर हो जाती है।
हृदयरोग के लिये लाभकारी : – गिलोय एक रसायन है, यह रक्तशोधक, ओजवर्धक, हृदयरोग नाशक , शोधनाशक और लीवर टोनिक भी है। यह पीलिया और जीर्ण ज्वर का नाश करती है अग्नि को तीव्र करती है, वातरक्त और आमवात के लिये तो यह महा विनाशक है।
पपीता के पत्ते के फायदे : Amrit Ras, Swine Flu ka ilaj
क्या आप जानते हैं कि पपीते के पत्ते कई औषधीय गुणों से भरे हुए हैं? आपके शरीर के जितने भी रोग हैं वह पपीते के पत्तों के रस के इस्तमाल से दूर हो सकते हैं। पपीते के पत्ते खाने में कडुए लगते हैं लेकिन उनमें कमाल के गुण छुए हुए होते हैं। पपीते के पत्तों में विटामिन A, B, C, D और E और कैल्शियम की मात्रा भी होती है।
1. डेंगू में बहुत ज़्यादा फायदेमंद :- डेंगू से लड़ने में पपीते की पत्तिया बहुत ही ज़्यादा फायदेमंद मानी जाती हैं। यह ब्लड में तेज़ी के साथ गिर रहे प्लेट्स को फिर से बढ़ाने, खून के थक्के जमने को रोकते हैं। लिवर को डैमेज होने से बचाते हैं, क्योंकि डेंगू वाइरस की वजह से इन सभी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। इसलिए पपीते के पत्तो का रस डेंगू के इलाज के लिए कारगर माना जाता हैं।
2.भूख बढ़ाता हैं :- अगर आपको भूख ना लगने की परेशानी हो गयी हो तो पपीते के पत्ते की चाय बना कर पिए, इससे आपकी खोई हुई भूख दुबारा से वापिस लौट आती हैं।
3.बॉडी की इम्यूनिटी को बढ़ाए :- इन चमत्कारी पत्तियो में बॉडी की इम्यूनिटी को बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं। इन पत्तियो में सर्दी-जुकाम से लड़ने की क्षमता होती हैं। यह ब्लड में वाइट सेल्स और प्लेट्स को बढ़ाने करने में सहायता करते हैं।
4. ब्लड प्लेट्स बढ़ाने में कारगर :- पपीते के पत्तो का जूस पीने से खून में प्लेट्स की कमी को पूरा किया जा सकता हैं। इस चमत्कारी पत्तो में खून में ब्लड प्लेट्स को बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं। इसके लिए पपीते के पत्तो का रस रोजाना 2 चम्मच कुछ दिनों तक पीना चाहिए।
5. पीरियड्स के दर्द में राहत दिलाए :- पीरियड के दर्द से राहत पाने के लिए एक काढ़ा बनाए जिसमे 1 पपीते की पत्ती को इमली, नमक और 1 ग्लास पानी के साथ मिक्स करे। फिर इसे उबाले और काढ़ा बना कर ठंडा करके पिए। इससे आपको पीरियड के दर्द से काफ़ी आराम मिलेगा।
6. पिंपल्स ख़त्म करे :- अगर आप पिंपल्स की प्रॉब्लम्स से परेशान हैं तो पपीते की सुखी पत्तियो को लेकर पानी के साथ मिक्स करके पेस्ट बना ले। फिर इस पेस्ट को चेहरे पर लगा कर सूखा ले और फिर पानी से चेहरे को धो ले। इससे कुछ ही दीनो में आपके पिंपल्स दूर हो जाएँगे।
7. कैंसर होने से बचाए :- पपीते के पत्तो में कैंसर को रोकने वाले तत्व होते हैं। यह इम्यूनिटी को बढ़ाता हैं और सर्वाइकल कॅन्सर, ब्रेस्ट ब्रेस्ट, लिवर कैंसर, फेफड़ो के कैंसर होने से रोकने में मदद करता हैं।
8. मलेरिया में भी लाभकारी :- पपीते के पत्ते मलेरिया से भी लड़ने में क्षक्ष्म होते हैं। पपीते के पत्तियो का रस मलेरिया को बढ़ने से रोकता हैं। मलेरिया और डेंगू दोनो ही मच्छरों के काटने से होता हैं। पपीते के पत्ते का जूस दोनो रोगो में बहुत ही फायदेमंद होता हैं।
9. परिजीवियो को ख़त्म करे :- पपीते की पत्तियो में 50 एक्टिव सामग्री होती हैं जो की बैक्टीरिया, फंगस, परजीवी, वाइरस और कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकती हैं।
तुलसी के फायदे : Amrit Ras, Swine Flu ka ilaj
आयुर्वेद के अनुसार तुलसी में ऐसे-ऐसे गुण हैं जिसकी किसी और किसे पाैधे से तुलना नहीं की जा सकती। इसीलिए इसे The mother medicine of nature भी कहा जाता है। इस औषधि को एक गमले में लगाकर आप आराम से घर में रख सकते हैं। कहते हैं इसे घर में रखने से ही उस परिवार के सदस्यों का infection, cold cough और viral infection से बचाव रहता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो इसमें strong medicinal properties होने के कारण जब लोग सुबह शाम की पूजा करने इसके पास आते हैं तो इसकी सुगंध और आसपास शुद्द हवा में जब सांस लेते हैं तो infection से होने वाली काफी सारी बीमारियों से उनका बचाव हो जाता है। Amrit Ras, Swine Flu ka ilaj, dengue ka ilaj
ह्रदय संबंधित बीमारियां और डायबिटीज को ठीक करे, सांस सम्बन्धी बीमारियों को ठीक करे, Kidney stone dissolve करने में सहायक हैं, Immune system को बेहतर बनाये, आँखों की देखभाल और दिमाग के लिए लाभप्रद है, धूम्रपान छुड़ाये और तनाव कम करे, Mouth freshener की तरह काम करे, खून शुद्ध करे, चेहरे के दाग धब्बों से छुटकारा दिलाये, बालों की समस्याओं को दूर करे
तुलसी में antibacterial, anti-fungal और antiviral गुण होने के साथ-साथ बहुत सारे beneficial compounds और antioxidants हैं। इसमें विटामिन A , C , K , और बी विटामिन्स भी काफी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। मिनरल्स जैसे कि manganese, कॉपर, कैल्शियम, आयरन, सोडियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम का भी यह एक अच्छा स्त्रोत है। इन सब गुणों के होते हुए तुलसी को एक बेमिसाल पौधा माना गया है। बहुत से लोग तुलसी की पत्तियों को चबा कर खाते हैं ताकि इसके औषधीय गुणों का पूरा फायदा ले सकें और चुस्त रह सकें। Amrit Ras, Swine Flu ka ilaj, dengue ka ilaj
तुलसी antibiotics की तरह काम कर अलग-अलग बुखार को ठीक करने में सक्षम है। हमें तुलसी की पत्तियों को कभी नहीं उबालना चाहिए। तुलसी में कीटाणुओं को खत्म करने के गुण होते हैं जिसके कारण वायरल इंफेक्शन से हमारा बचाव रहता है। यह एक प्रभावशाली antioxidant इज्नोल होता है जो हमारे ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखता है और खून से कोलेस्ट्रॉल के स्टार को कम करता है।
गिलोय पपीता और तुलसी से बना Amrit Ras, Swine Flu ka ilaj
इन सभी चीजो को देखते हुए Only Ayurved ने इन तीनो चीजो का स्वरस निकला है, जिसमे गिलोय पपीता और तुलसी का स्वरस है यह अमृत रस छोटे मोटे बुखार से ले कर के किसी भी प्रकार के फ्लू से लड़ने में बेहद सक्षम है भयंकर रोगों में इस का सेवन 30 Ml. सुबह शाम एक गिलास पानी में और स्वस्थ व्यक्ति जो कबी बीमार नहीं होना चाहता वो इस का एक चम्मच सुबह शाम सेवन करें.
इस के आलावा यह अमृत रस रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में एवं स्वाइन फ्लू, डेंगू, Viral Fever, typhoid, डायबिटीज , सुजन, गठिया, आर्थराइटिस, सोरैसिस, एक्जिमा, मुहासे, इत्यादि के लिए बेहद लाभकारी है एवं यह प्राकृतिक रक्त शोधक भी है. Amrit Ras, Swine Flu ka ilaj, dengue ka ilaj
Amrit Ras कहाँ से मिलेगा. Swine Flu ka ilaj, dengue ka ilaj
आपके नजदीकी Only Ayurved Dealer list और उनकी Location
बिहार
पटना – 7677551854, 7480099296
छपरा – 9473221039
छत्तीसगढ़
बिलासपुर – 9584891808, 9926758959, 9300333438
रायपुर – 9644133772
दुर्ग भिलाई – 9691305217
झारखण्ड
मनिका – लातेहार – 9801290105
पश्चिम बंगाल – West Bengal
कोलकाता – 7003386968
असम
सिलचर – 9954000321
महाराष्ट्र
मालेगांव (नासिक) – डॉ. फरीद शेख 9860785490
धुले – 9860704470
नासिक – 9270928077
पुणे – 9209211786
अकोला – 7020579564
वर्धा – 9579997503
नागपुर – 8830998853
शोलापुर – 8308604642
कल्याण – 8454050864
टिटवाला – 9821315415
मलाड – 9967293444
घाटकोपर – 07738350032
बोरीवली – 9004316923
भंडारा – 9422174853
औरंगाबाद – 8208266068
विरार – 9892967369
अमरावती – 9765332255
कर्नाटक – Karnataka
धारवाड़ (Dharwad) – 9844984103
बैंगलोर (Bangalore) – 7019098485
तामिलनाडू
चेन्नई – 9884164854
तेलंगाना
हैदराबाद – 08374457775
गुजरात
अहमदाबाद – 9974019763
अहमदाबाद घाटलोडिया – 9974019763
पालनपुर ( डॉ. हिदायत मेमन ) – 9428371583
द्वारिका – 9033790000
चिकली – 9427869061
अमरेली – 9427888387
अंकलेश्वर – भरूच – 8460090090
बड़ोदा – 9725245318
सूरत – 8866181846, 9879157588
भुज / मुंद्रा – 9974576143
मध्यप्रदेश
भोपाल – 7987552689
इटारसी – 6260342004
इंदौर – 9713500239
विदिशा – 9131055585
जबलपुर – 9039868554
ग्वालियर – 9229239248
कटनी – 9074901083
उत्तर प्रदेश
मेरठ – 8449471767
हाथरस ( U. P. ) – 9997397043, 7017840020
मथुरा ( वैध रविकांत जी ) – 9259883028
अलीगढ – 9027021056
आगरा – 9027143749
फ़िरोज़ाबाद – 8445222786 वैध रविन्द्र सिंह
मैनपुरी – 8449601801
फ़र्रुख़ाबाद – 9839196374
रायबरेली – 9236038215
वाराणसी – 9125349199
इलाहाबाद ( डॉ. सी. पी. सिंह ) – 9520303303
गोरखपुर – 9792960999
सिद्धार्थ नगर – 9936404080
महाराजगंज – 9455426806
लखनऊ – 8417856005
इटावा – 9557463131 डॉ. कौशलेन्द्र सिंह
दिल्ली – NCR
सराय कालें खां – 9015439622, 9871490307
सुभाष नगर – 9911006202
गाज़ियाबाद – 9719077555
Greater Noida – 9310299100
गुडगाँव – 9310330050
फ़रीदाबाद – 9315154682
हरियाणा
हिसार – 9518884444
हसनपुर पलवल – 9050272757
पानीपत – 9812126662
बाढ़डा ( चरखी दादरी ) – 9813210584
फ़रीदाबाद – 9315154682
चंडीगढ़ – 9877330702
डबवाली – 9416218182
पंजाब
मोगा – 9988009713
बठिंडा – 9779566697
डबवाली – 9416218182
कोट कपूरा – 9872320227
मलोट – 9878100518
मलेर कोटला – 9872439723
लुधियाणा – 9803772304
रोपड़ – 9478391123, 8528386098
जालंधर – 9814832828
अमृतसर – 8872295800
होशियारपुर उड़मुड टांडा – 9803208718
गुरदासपुर – 9815483791
मोहाली – 09216411342
मुकेरियां – 9815296322
चंडीगढ़ – 9877330702
राजस्थान
जयपुर – 8290706173, 8005648255
दौसा – 7737497140
जोधपुर – 8005724956
बीकानेर – 7062169968
अजमेर – 7976779225
सिरोही – 9875238595
उदयपुर – 9875238595
टोंक – 9509392472
अजीतगढ़ – 8005648255
फतेहपुर शेखावाटी – 9636648998
चुरू – 7976194800
उदयपुर वाटी (झुंझुनू) डॉ राकेश कुमार – 9351606755
संगरिया – 7597714736
हिमाचल प्रदेश
नालागढ़ – 9816022153
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