क्यों हो जाता है बार बार ज़ुकाम और कैसे बचें इस से ज़रूर जानिये.
ज़ुकाम और गले में जलन एक आम बीमारी है शायद ही संसार में कोई ऐसा व्यक्ति हो जिस को ये समस्या ना आई हो। पूरे संसार में इसके उपर अनेक खोज बीन की गयी मगर इसका कोई इलाज या कारण अभी तक सामने नहीं आया है और जो भी इलाज ज़ुकाम को लेकर किये जाते है उससे कफ अंदर ही दब जाता है पूरी तरह बाहर नहीं निकल पाता और फिर यही आगे चल कर अनेक बिमारियों का कारण बनता है।
ज़ुकाम का इलाज न ढूँढ पाने का एक कारण यह भी है कि आज तक ये कोई नहीं बता पाया की आखिर ज़ुकाम की वजह से गले में जलन क्यों होती है और जो कफ शरीर में से नाक के रास्ते निकलता है वह क्यों कैसे और कहाँ बनता है।
एलोपैथी चिक्तिसा पद्दत्ति कहती कि नाक के पीछे जो कोशिकाएं होती है उनमे जब संक्रमण हो जाता है तो कुछ कोशिकाएँ मर जाती है जो कफ के रूप में परिवर्तित हो कर बाहर के तरफ बहने लग जाती है।
जानिये ज़ुकाम के दौरान निकलने वाला कफ कैसे बनता है ?
ज़ुकाम का दौरान जो कफ बाहर निकलता है उसको समझने से पहले हम अपने शरीर की कार्य रचना और जो शरीर में कचरा होता है वो कैसे निकलता है इसके बारे में समझना होगा।
जब भी हम भोजन करते हैं तो जो हम खाते है तो शरीर उस में से शुगर और अन्य एसिड बनाता है जो लीवर में जा कर इकट्ठे होते है फिर लीवर हमारे शरीर में उसको ईंधन के रूप में खून के रास्ते सप्लाई करता है जहाँ यह शुगर माँसपेशियों को चलाने वाले इंधन की तरह इस्तेमाल होती है।
जब हम कोई भी काम करते हैं तो वो ईंधन जलता है ईंधन को जलने के लिए oxigen की जरुरत होती है जो हमारे साँस द्वारा फेफड़े (लंग्स) और ख़ून के माध्यम से पहुँचती ही। और जब ईंधन जलता है तो 2 तरह का कचरा बनता है एक तो धुआं और दूसरा राख
धुआं तो उसी रास्ते साँस के साथ बाहर निकल जाता है और हम जैसे जैसे सांस लेते हैं वो सारा बाहर निकल जाता है और हम रोगों से बचे रहते हैं।
अब उसके बाद बचता है राख जो खून और गुर्दों के रास्ते पेशाब और मल के रास्ते बाहर निकलती है और ये राख तब तक पूरी तरह नहीं निकलती जब तक हम पानी ज्यादा ना पियें यदि हमारे शरीर में खून और पानी पूरा है तो ये पेशाब और मल के रास्ते बाहर निकल जाती है और यदि किसी वजह से शरीर में पानी या खून की कमी है तो ये राख नहीं निकल पाती और गाढ़ी हो जाती है और वहां सड़ कर कफ बन जाती है और शरीर की निचले हिस्से में इकठा होना शुरु कर देती है क्योंकि यह वजन में भारी होती है।
धूआँ तो ख़ून और फेफड़ों में होता हुआ साँस से बाहर निकल जाता हैं। नाड़ी शोधन, प्राणायाम और पुरे दिन गहरी साँस लेने से शरीर से धूएँ की निकासी सूचारू होती है और हम स्वस्थ रहते है।
[ये भी पढ़ें – सर्दी, जुकाम, छींक, खांसी, बुखार और अस्थमा सभी के लिए 1 औषधि।/h4>
ज़ुकाम होने के पहले शरीर देता है चेतावनी.
आप ने कभी ध्यान दिया या नहीं लेकिन जब शरीर में कफ की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो पैरों में दर्द होना शुरु हो जाता है यह ज़ुकाम की पहली निशानी है यदि आप सोचते हैं की बाद में पानी पूरा पी लेने से वो कफ बाहर निकल जाएगा तो आप गलत है क्योंकि बाद जब आप पानी पीते हैं तो शरीर में जो नयी राख बन रही है गुर्दे उसको बाहर निकलने में बिजी होते है।
और जैसे जैसे शरीर में कफ बढता जाता है वैसे वैसे कफ में संक्रमण होता जाता है क्योंकि वो स्थान बैक्टीरिया के लिए माकूल जगह है और जैसे जैसे संक्रमण बढता है हम वैसे वैसे बीमारी की चपेट में आने लगते हैं।
क्यों होती है गले में जलन या दर्द.
शरीर की इतनी जटिल प्रक्रिया है की जब शरीर को लगता है की जरुरत से ज्यादा कफ अंदर इकठा हो गया तो उसको बाहर निकालने के लिए दिमाग को सन्देश भेजता है की काम बंद करो मुझे कफ बाहर निकलना है तब दिमाग हमारे गले में दर्द या जलन पैदा करता है की खाना बंद करो और हमें काम करने दो कभी कभी बुखार भी आता है।
और हमने जैसे ही खाना बंद किया वो नाक के रास्ते कफ को बाहर निकलने का काम शुरू कर देता है जिसे हम बलगम की रूप में देखते हैं और यदि हम शरीर के काम में रुकावट डाल दें तो वो प्रक्रिया वही रुक जाती है और जब तक वो कफ बाहर ना निकले तब तक ज़ुकाम या गले का दर्द बना रहता है और जैसे जैसे कफ अंदर संक्रमित होगा वैसे वैसे नयी नयी बीमारी आप को निकलती रहेगी।
[ये भी पढ़ें – कफ और खांसी से राहत के लिए घर पर बनाये कफ सिरप।]
ज़ुकाम होने पर क्या सावधानी बरतें ?
अब आप लोग समझ ही गए होंगे की कफ हमारे शरीर में कब कहाँ और क्यों बनता है अब हम आपको बताते हैं की यदि आप ज़ुकाम से पीड़ित हैं तो आपको क्या करना चाहिये
आपको यह भी जानना चाहिये की शरीर में पानी की मात्रा कम कैसे होती है इसके कुछ मुख्य कारण निम्न है
कम पानी पीना – दिन भर में पानी कम पीना।
जल्दी जल्दी पानी पीना – जल्दी जल्दी पानी पीना जिस कारण हमारे मुह की लार पानी में नहीं मिल पाती और पानी सीधा हारे पेट में चला जाता है।
ठन्डे गर्म पेय पदार्थ – ठन्डे पेय पदार्थ जैसे कोल्ड ड्रिंक्स और चाय, कॉफ़ी पीना जिस कारण शरीर में से पानी जरुरत से जयादा निकल जाता है और जब पेशाब बनता है तो पानी कम पड़ जाता है जिस कारण कफ की निकासी ठीक से नहीं हो पाती।
मीठा जयादा खाना – यदि हम लोग मीठा ज्यादा खाते हैं तो मीठा हमारे शरीर का पानी सोख लेता है जिस कारण शरीर को निकासी के लिए पूरा पानी नहीं मिल पाता।
ज्यादा नमक खाना – ज्यादा नमक खाने से भी खून पानी को रोक लेता है और पेशाब के लिए उपलब्ध नही करवाता क्योंकि खून में नमक निश्चित मात्रा से अधिक नही होना चाहिए।
उपरोक्त बताये गए सब वो कारण है जिस कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है।
अभी जानिये ज़ुकाम को ठीक करने के 6 घरेलु उपाय – यहाँ या नीचे Next पर क्लिक करें.
अभी जानिये ज़ुकाम को ठीक करने के 6 घरेलु उपाय
जब भी आपको जुकाम हो जाए तो दवाओं पर निर्भर ना रहें, अधिक दवाओं पर निर्भर रहना कफ़ को शरीर में ही दबाना है जिस से शरीर में अनेक रोग उत्पन्न हो जातें हैं. इसके लिए आप ये घरेलु नुस्खें ज़रूर अपनाएँ.
- सारे दिन में 8-10 गिलास गर्म या गुनगुना पानी जरुर पियें
- पानी जब भी पियें बैठ कर और सिप केर केर के पियें ताकि उसमे लार मिल सके
- भोजन करने से 30 मिनट पहले और भोजन करने के डेढ़ घंटे के बाद पानी जरुर पीना चाहिये
- ठन्डे पेय, चाय, कॉफ़ी जैसे पदार्थ बिल्कुल बंद कर देने चाहिये
- अधिक मीठा या अधिक नमकीन नहीं खानी चाहिये
- हो सकते तो गरम पानी पीना चाहिये ताकि कफ ढीला हो कर जल्दी बाहर निकल जाये
हमें उम्मीद हैं यदि आप इन सब बत्तों का ध्यान रखे तो आप ज़ुकाम से बचे रह सकते हैं और आपके शरीर में कफ इकठा नहीं हो पायेगा वरना ज़ुकाम में यदि आप कोई दवाई लेते हैं तो आप कफ को अंदर दबा रहे हैं ये बात ध्यान रखें वो अंदर संक्रमित हो कर किसी भी बीमारी के रूप में बाहर निकल सकता है।
bahut hi achhi jankari