Saturday , 21 December 2024
Home » Major Disease » CANCER KA ILAJ » फेफड़ों के कैंसर के बारे में जानकारी और इस का संभव इलाज – Only Ayurved

फेफड़ों के कैंसर के बारे में जानकारी और इस का संभव इलाज – Only Ayurved

fefado ke cancer ke bare me jankari or bachav 

फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer)

फेफड़ों के कैंसर के बारे में जानकारी।यद्यपि मानव शरीर में कोशिकाओं की बढ़त नियंत्रित रूप से होती है लेकिन कुछ कोशिकाओं का एक ऐसा समूह होता है जो कि अनियंत्रित रूप से बढ़ता है और विकसित होता है। इन कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाएं कहते हैं। ये दो प्रकार की होती है जिन्हें बिनाइन ट्यूमर (Benign Tumour) और मेलिगनेन्ट ट्यूमर (Malignant Tumour) कहा जाता है। बिनाइन ट्यूमर कैंसर रहित जबकि मेलिगनेन्ट ट्यूमर कैंसर वाला कहा जाता है। बिनाइन ट्यूमर कोशिकाओं की बढ़त बहुत धीमी होती है ये फैलती नहीं है।जबकि मेलिगनेंट ट्यूमर कोशिकायें तेजी के साथ बढ़ती हैं और अपने नजदीकी सामान्य ऊतकों (Tissues) को भी नष्ट करती है। ये संपूर्ण शरीर में फैल जाती हैं। जब मेलिगनेन्ट ट्यूमर मानवीय शरीर को प्रभावित करने लगता है और कैंसर कोशिकाओं को अन्य मानवीय ऊतकों (Tissues) में भेजने लगता है तो इस अवस्था को कैंसर कहा जाता है ।

पुनर्नवा जो कैन्सर के मरीज़ों के लिए आयुर्वेद जगत की अद्भुत औषधि है !!

फेफड़ों का लार्ज सेल कैंसर, लार्ज सेल कार्सिनोमा के नाम से भी जाना जाता है। लार्ज सेल कैंसर अक्सर फेफड़ों की बाहरी परत पर होता है। इसलिए इससे होने वाली समस्याएं फेफड़ों को प्रभावित करती हैं। अगर जल्द से जल्द इसका इलाज नहीं किया जाए तो यह तेजी से अन्य अंगों में फैलना शुरू हो जाता है।

फेफड़ों का कैंसर के लक्षण

  1. अंगुलियों और अंगूठों के सिरों का बढ़ जाना (डिजिटल क्लतबिंग)
  2. आवाज का फटना
  3. कुछ मामलों में निमोनिया होना
  4. खांसी में खून का आना (हेमोप्टाइसिस),
  5. थकान (कमजोरी) महसूस होना
  6. निरंतर खांसी बने रहना,

कैंसर रोगियों के लिए बड़ी खबर – हर स्टेज का कैंसर हो सकता है सही – कैंसर का इलाज

  1. वजन में कमी या भूख न लगना, निगलने में कठिनाई होना
  2. विशेषकर नाखूनों के आसपास की त्वुचा का बढ़ना पैरानियोप्लावस्टिक फिनोमिना जैसे कि स्तनों में वृद्धि
  3. शरीर की रासायनिक संरचना में असामान्यताएं होना
  4. सांस लेने में कठिनाई या घरघराहट होना
  5. सिर में दर्द या दौरा पड़ना, चेहरे, गर्दन या ऊपरी अंगों में सूजन आना
  6. सीने, कंधे या बांह में दर्द रहना
  7. हड्डियों में दर्द रहना

कैंसर पाए जाने के बाद लोग अकसर परेशान हो जाते हैं। कैंसर के निदान और उपचार के दौरान और उसके पश्चात व्यावहारिक और भावनात्मक सहायता बहुत महत्वपूर्ण होती है। परिवार के सदस्यों, स्वास्थ्य पेशेवरों या विशेष सहायता सेवाओं के माध्यम से यह सहायता उपलब्ध हो सकती है।

धूम्रपान इसकी बहुत बड़ी वजह हैं, इसलिए इस से बचे।  और भी बहुत से कारण हैं जिनके हम दूसरे लेख में पढ़ेंगे, जो आप नीचे लिंक पे जा कर क्लिक कर सकते हैं।

कैंसर रोगियों के लिए बड़ी खबर – हर स्टेज का कैंसर हो सकता है सही – कैंसर का इलाज

फेफड़ों के कैंसर का इलाज 

कैंसर के लिए क्या करे ? हमारे घर में कैंसर के लिए एक बहुत अच्छी दावा है ..अब डॉक्टर ने मान लिया है पहले तो वे मानते भी नही थे; एक ही दुनिया में दावा है Anti-Cancerous उसका नाम है ” हल्दी ” । हल्दी कैंसर ठीक करने की ताकत रखती है ! कैसे ताकत रखती है वो जान लीजिये हल्दी में एक केमिकल है उसका नाम है कर्कुमिन (Carcumin) और ये ही कैंसर cells को मार सकता है बाकि कोई केमिकल बना नही दुनिया में और ये भी आदमी ने नही भगवान ने बनाया है ।

हल्दी जैसा ही कर्कुमिन और एक चीज में है वो है देशी गाय के मूत्र में । गोमूत्र माने देशी गाय के शारीर से निकला हुआ सीधा-सीधा मूत्र जिसे सूती के आट परत की कपड़ो से छान कर लिया गया हो । तो देशी गाय का मूत्र अगर आपको मिल जाये और हल्दी आपके पास हो तो आप कैंसर का इलाज आसानी से कर पायेंगे ।
(देशी गाय की पहचान उसकी पीठ पर हंप होता है )

अब देशी गाय का मूत्र आधा कप और आधा चम्मच हल्दी दोनों मिलाके गरम करना जिससे उबाल आ जाये फिर उसको ठंडा कर लेना । Room Temperature में आने के बाद रोगी को चाय की तरहा पिलाना है .. चुस्किया ले ले के सिप सिप कर कर । एक और आयुर्वेदिक दावा है पुनर्नवा जिसको अगर आधा चम्मच इसमें मिलायेंगे तो और अच्छा result आयेगा । ये Complementary है जो आयुर्वेद के दुकान में पाउडर या छोटे छोटे पीसेस में मिलती है ।

याद रखें इस दावा में सिर्फ देशी गाय का मूत्र ही काम में आता है विदेशी जर्सी का मूत्र कुछ काम नही आता । और जो देशी गाय काले रंग की हो उसका मूत्र सबसे अच्छा परिणाम देता है इन सब में । इस दवा को (देशी गाय की मूत्र, हल्दी, पुनर्नवा ) सही अनुपात में मिलाके उबालकर ठंडा करके कांच की पात्र में स्टोर करके रखिये पर बोतल को कभी फ्रिज में मत रखिये, धुप में मत रखिये । ये दावा कैंसर के सेकंड स्टेज में और कभी कभी थर्ड स्टेज में भी बहुत अच्छे परिणाम देती है।

पुनर्नवा जो कैन्सर के मरीज़ों के लिए आयुर्वेद जगत की अद्भुत औषधि है !!

जब स्टेज थर्ड क्रोस करके फोर्थ में पहुँच गया हो तब रिजल्ट में प्रॉब्लम आती है । और अगर अपने किसी रोगी को Chemotherapy बैगेरा दे दिया तो फिर इसका कोई असर नही आता ! कितना भी पिलादो कोई रिजल्ट नही आता, रोगी मरता ही है । आप अगर किसी रोगी को ये दावा दे रहे है तो उसे पूछ लीजिये जान लीजिये कहीं Chemotherapy शुरू तो नही हो गयी ? अगर शुरू हो गयी है तो आप उसमे हाथ मत डालिए, जैसा डॉक्टर करता है करने दीजिये, आप भगवान से प्रार्थना कीजिये उसके लिए .. इतना ही करे ।

और अगर Chemotherapy स्टार्ट नही हुई है और उसने कोई अलोप्यथी treatment शुरू नही किया तो आप देखेंगे इसके Miraculous (चमत्कारिक रिजल्ट आते है । ये सारी दवाई काम करती है बॉडी के resistance पर, हमारी जो vitality है उसको improve करता है, हल्दी को छोड़ कर गोमूत्र और पुनर्नवा शारीर के vitality को improve करती है और vitality improve होने के बाद कैंसर cells को control करते है ।

तो कैंसर के लिए आप अपने जीवन में इस तरह से काम कर सकते है; इसके इलावा भी बहुत सारी मेडिसिन्स है जो थोड़ी complicated है वो कोई बहुत अच्छा डॉक्टर या वैद्य उसको हंडल करे तभी होगा आपसे अपने घर में नही होगा । इसमें एक सावधानी रखनी है के गाय के मूत्र लेते समय वो गर्भवती नही होनी चाहिए। गाय की जो बछड़ी है जो माँ नही बनी है उसका मूत्र आप कभी भी use कर सकते है।

ये तो बात हुई कैंसर के चिकित्सा की, पर जिन्दगी में कैंसर हो ही न ये और भी अच्छा है जानना । तो जिन्दगी में आपको कभी कैंसर न हो उसके लिए एक चीज याद रखिये के, हमेशा जो खाना खाए उसमे डालडा घी (refine oil ) तो नही है ? उसमे refined oil तो नही है ? हमेशा शुद्ध तेल खाये अर्थात सरसों ,नारियल ,मूँगफली का तेल खाने मे प्रयोग करें ! और घी अगर खाना है तो देशी गाय का घी खाएं ! गाय का देश घी नहीं !

ये देख लीजिये, दूसरा जो भी खाना खा रहे है उसमे रेशेदार हिस्सा जादा होना चाहिए जैसे छिल्केवाली डाले, छिल्केवाली सब्जिया खा रहे है , चावल भी छिल्केवाली खा रहे है तो बिलकुल निश्चिन्त रहिये कैंसर होने का कोई चान्स नही है ।

और कैंसर के सबसे बड़े कारणों में से दो तीन कारण है, एक तो कारण है तम्बाकू, दूसरा है बीड़ी और सिगरेट और गुटका ये चार चीजो को तो कभी भी हाथ मत लगाइए क्योंकि कैंसर के maximum cases इन्ही के कारन है पुरे देश में ।

कैंसर रोगियों के लिए बड़ी खबर – हर स्टेज का कैंसर हो सकता है सही – कैंसर का इलाज

कैंसर के बारे में सारी दुनिया एक ही बात कहती है चाहे वो डॉक्टर हो, experts हो, Scientist हो के इससे बचाओ ही इसका उपाय है ।

महिलाओं को आजकल बहुत कैंसर है uterus में गर्भाशय में, स्तनों में और ये काफी तेजी से बड़ रहा है .. Tumour होता है फिर कैंसर में convert हो जाता है । तो माताओं को बहनों को क्या करना चाहिए जिससे जिन्दगी में कभी Tumour न आये ? आपके लिए सबसे अच्छा prevention है की जैसे ही आपको आपके शारीर के किसी भी हिस्से में unwanted growth (रसोली, गांठ) का पता चले तो जल्द ही आप सावधान हो जाइये । हलाकि सभी गांठ और सभी रसोली कैंसर नही होती है 2-3% ही कैंसर में convert होती है

पुनर्नवा जो कैन्सर के मरीज़ों के लिए आयुर्वेद जगत की अद्भुत औषधि है !!

लेकिन आपको सावधान होना तो पड़ेगा । माताओं को अगर कहीं भी गांठ या रसोली हो गयी जो non-cancerous है तो जल्दी से जल्दी इसे गलाना और घोल देने का दुनिया में सबसे अछि दावा है ” चुना ” । चुन वोही जो पान में खाया जाता है, जो पोताई में इस्तेमाल होता है ; पानवाले की दुकान से चुना ले आइये उस चुने को कनक के दाने के बराबर रोज खाइये; इसको खाने का तरीका है पानी में घोल के पानी पी लीजिये, दही में घोल के दही पी लीजिये, लस्सी में घोल के लस्सी पी लीजिये, डाल में मिलाके दाल खा लीजिये, सब्जी में डाल के सब्जी खा लीजिये । पर ध्यान रहे पथरी के रोगी के लिए चुना बर्जित है ।

3 comments

  1. Meri mom ko lung ma water ho gya ha koi vadiya suggestions do ma bhut dhukhi hu plz

    • har roz 11 patte tulsi ke subah shaam chatni bana kar ya kaadha bana kar pilaye… kadha banane ke liye 2 glass paani me 21 patte daale aur aadha rahne tak boil kare.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status