पथरी के लिए क्वाथ और अवलेह जो पथरी से मुक्ति दिलाते है
परिचय –
पथरी में उदर में पीड़ा होती है और पेशाब रुक-रुक कर और कम आना ,कभी-कभी पेशाब से खून भी निकलता है
अधिक बड़ी होने पर पीड़ा अधिक हो जाती है .
उपचार –
पथरी हरण क्वाथ –
सोंठ ,अरंडी ,पाषाण भेद ,गोखरू ,अरण्य की छाल ,अमलतास की गिरी ,पीपल ,काहू का बकला ,तिवस्री का बीज
गूगल ,नागर मोथा ,हर्र की छाल ,बेहडा की छाल ,बड़ी कसेली ,महुआ ,इन्द्र्यव ,मुलहटी समान मात्रा में लेकर
जो कूट ले .
20 ग्राम ओषधि का काढ़ा बनाकर इसमें भुना हिंग ,जवाखार एंव सेंधा नमक 1-1 ग्राम .का चूर्ण मिलाकर
प्रतिदिन पिए यह सभी मूत्र रोग ,पथरी ,बवासीर के कोष्ठ्ब्धता ,उपदंश ,दूर करने की अत्युतम ओषधि है .
पथरी हरण अवलेह –
वरणा का बक्कल 2 किलो ग्राम से लेकर 4 किलो ग्राम पानी में क्वाथ बनाये ,इसे छानकर 2 किलो ग्राम ,गुड
की चाशनी इस क्वाथ में बनाये ,इसे घी से चुपड़ बर्तन में रख कर सोंठ 20 ग्राम ,पेठे के बीज 5 ग्राम ,बहेड़े की
मींगी 5 ग्राम ,बथुए के बीज 20 ग्राम ,बायबिडंग 20 ग्राम चूर्ण करके डाल कर मिला ले ,25 ग्राम सुबह
25 ग्राम शाम में ले ले , यह पथरी को गलाकर निकाल देती है .