गोमूत्र जो विश्व में अम्रततुल्य ओषधि है अवश्य सेवन करे परिचय – शास्त्रों में ऋषियों-महर्षियों ने गौ की अनंत महिमा लिखी है। उनके दूध, दही़, मक्खन, घी, छाछ, मूत्र आदि से अनेक रोग दूर होते हैं। गोमूत्र एक महौषधि है। इसमें पोटैशियम, मैग्नीशियम क्लोराइड, फॉस्फेट, अमोनिया, कैरोटिन, स्वर्ण क्षार आदि पोषक तत्व विद्यमान रहते हैं इसलिए इसे औषधीय गुणों की …
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बच्चों के सुखा रोग में आश्चर्यजनक आयुर्वेदिक उपचार लाभ ले
बच्चों के सुखा रोग में आश्चर्यजनक आयुर्वेदिक उपचार लाभ ले परिचय – सन्तुलित व पोष्टिक आहार के अभाव में अधिकांश बच्चे सुखा रोग के शिकार हो जाते है . सुखा रोग में बच्चा प्रतिदिन निर्बल होता जाता है ,उसके हाथ-पांव सूखते जाते है ,इसके साथ ही पेट बढकर आगे की और निकल जाता है .त्वचा का रंग पिला दिखाई देता …
Read More »सिर के सफेद बालो के लिए रामबाण आयुर्वेदिक उपचार |
सिर के सफेद बालो के लिए रामबाण आयुर्वेदिक उपचार | परिचय – आयुर्वेद में बाल सफेद होने को ,पलित ,रोग कहते है .आयुर्वेद के अनुसार शोक एंव परिश्रम आदि से कुपित हुई वायु शरीर की गर्मी को सिर में ले जाती है .मस्तक में रहने वाला भ्राजक पित भी कुपित हो जाता है कुपित हुआ दोष दुसरे दोष को भी …
Read More »अब शराबी व्यक्ति की शराब छुडवाने का सरल आयुर्वेदिक तरीका
अब शराबी व्यक्ति की शराब छुडवाने का सरल आयुर्वेदिक तरीका परिचय – आजकल 70-80 प्रतिशत लोग शराब पिने के आदि हो गये है जिससे उनके परिवार वाले और रिश्तेदार बहुत परेशान होते है .शराबी की शराब पिने की आदत ऐसे आसानी से नही छुटती है ,पहले तो स्वयं शराबी को निश्चय करना होता है ,और कुछ आयुर्वेदिक उपाय से भी …
Read More »गला बेठना – रोग के लिए अपनाये ये उपचार और आसानी से बात करे |
गला बेठना – रोग के लिए अपनाये ये उपचार और आसानी से बात करे | परिचय – गला बेठने पर रोगी आसानी से बात नही कर पाता एंव बोलने में गले में दर्द का आभास होता है इस रोग में रोगी को खांसी एंव ज्वर भी सम्भावित है ,आयुर्वेद में इसे स्वरभंग कहते है . कारण – संक्रमण ,अधिक गरम …
Read More »आंव की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए लाभकारी आयुर्वेदिक सरल उपचार .
आंव की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए लाभकारी आयुर्वेदिक सरल उपचार . परिचय – यह रोग बरसात में होने वाला एक आम रोग है ,यह रोग लिवर की खराबी के कारण होता है ,इसे पेचिश या खुनी दस्त भी कहते है ,तालाब या पोखर का दूषित जल पिने या नहाने से ,समय-असम भोजन करने से ,शीत युक्त स्थान पर …
Read More »अब खुनी और बादी बवासीर को जड से मिटायें -करे ये उपचार
अब खुनी और बादी बवासीर को जड से मिटायें -करे ये उपचार परिचय भोजन का कम पचना और कब्ज रहना बवासीर होने के कारण माने गये हे ,तथा पानी का कम पीना और गरिष्ट और मसालेदार भोजन का अधिक सेवन ,मिर्च का अधिक सेवन भी बवासीर का होना माना जाता है बवासीर दो प्रकार के होते है एक तो सूखे …
Read More »हाथी पांव (श्ली पद) रोग में अनुभवी चिकित्सा –
हाथी पांव (श्ली पद) रोग में अनुभवी चिकित्सा – परिचय – हाथी-पांव में टांगे मोटी तथा खुरदरी हो जाती है इस रोग को फिल पांव व फैलेरिया के नाम से भी जानते है इसमें रोगी को ठंड भी लगती हे और ज्वर भी आता है धीरे -धीरे सुजन जांघो से लेकर अंडकोश तक हो जाती है 1.- श्लीपद – ओषधि …
Read More »पांडू रोग (पीलिया )के लिए अनुभूत आयुर्वेदिक उपचार :जरुर लाभ ले.
पांडू रोग (पीलिया )के लिए अनुभूत आयुर्वेदिक उपचार :जरुर लाभ ले. आयुर्वेद के अनुसार रंजक पित का विनाश ही पांडू रोग है .रक्त रंजक व लाल कण की कमी ही पांडू रोग है जिस रोग में रोगी का मल-मूत्र पिला हो ,रोगी का रंग भेक के समान हो जाये उसे कामला कहते है . पांडू को बोलचाल की भाषा में …
Read More »संग्रहणी रोग के लक्षण,कारण व अनुभूत आयुर्वेदिक ईलाज:
संग्रहणी रोग के लक्षण,कारण व अनुभूत आयुर्वेदिक ईलाज: संग्रहणी के लक्षण : खाना खाने के तुरंत बाद रोगी को दस्त के लिए जाना पड़ता है कभी दस्त पतला कभी बंधा हुआ आना,खट्टी डकार आना,उल्टी आना.थोड़ी भी भारी चीज खाते ही टट्टी की हाजत हो जाती है,रोगी को बराबर पतले दस्त आते है पेट में दर्द के साथ टट्टी पतली आती …
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