NEEM KE FYADE
नीम को आयुर्वेद में नीम नारायण कहा जाता है। यह शुद्ध हवा से ले कर कैंसर जैसे असाध्य रोगों में अत्यंत लाभकारी है। अनेक विद्वान लोगों के अनुभव हैं के जो रोग किसी भी अन्य आयुर्वेद दवा से सही नहीं हुए ऐसे रोग नीम की शरण में जाने से सही होते पाये गए। आइये जाने इसी सन्दर्भ में नीम जूस के फायदे। नीम का रस पीने से अनेक रोग हो जायेंगे छू मंत्र।
1. नीम में एंटी इंफ्लेमेट्री तत्व पाए जाते हैं, नीम का अर्क पिंपल और एक्ने से मुक्ती दिलाने के लिये बहुत अच्छा माना जाता है। इसके अलावा नीम जूस शरीर की रंगत निखारने में भी असरदार है।
2. नीम की पत्तियों के रस और शहद को २:१ के अनुपात में पीने से पीलिया में फायदा होता है, और इसको कान में डालने से कान के विकारों में भी फायदा होता है।
3. नीम जूस पीने से, शरीर की गंदगी निकल जाती है। जिससे बालों की क्वालिटी, त्वचा की कामुक्ता और डायजेशन अच्छा हो जाता है।
4. इसके अलावा नीम जूस मधुमेह रोगियों के लिये भी फायदेमंद है। अगर आप रोजाना नीम जूस पिएंगे तो आपका ब्लड़ शुगर लेवल बिल्कुल कंट्रोल में हो जाएगा।
5. नीम के रस की दो बूंदे आंखो में डालने से आंखो की रौशनी बढ़ती है और अगर कन्जंगक्टवाइटिस हो गया है, तो वह भी जल्द ठीक हो जाता है।
6. शरीर पर चिकन पॉक्स के निशान को साफ करने के लिये, नीम के रस से मसाज करें। इसके अलावा त्वचा संबधि रोग, जैसे एक्जिमा और स्मॉल पॉक्स भी इसके रस पीने से दूर हो जाते हैं।
7. नीम एक रक्त-शोधक औषधि है, यह बुरे कैलेस्ट्रोल को कम या नष्ट करता है। नीम का महीने में 10 दिन तक सेवन करते रहने से हार्ट अटैक की बीमारी दूर हो सकती है।
8. मसूड़ों से खून आने और पायरिया होने पर नीम के तने की भीतरी छाल या पत्तों को पानी में औंटकर कुल्ला करने से लाभ होता है। इससे मसूड़े और दाँत मजबूत होते हैं। नीम के फूलों का काढ़ा बनाकर पीने से भी इसमें लाभ होता है। नीम का दातुन नित्य करने से दांतों के अन्दर पाये जाने वाले कीटाणु नष्ट होते हैं। दाँत चमकीला एवं मसूड़े मजबूत व निरोग होते हैं। इससे चित्त प्रसन्न रहता है।
9. नीम के रस का फायदा मलेरिया रोग में किया जाता है। नीम वाइरस के विकास को रोकता है और लीवर की कार्यक्षमता को मजबूत करता है।
10. प्रेगनेंसी के दौरान नीम का रस योनि के दर्द को कम करता है। कई प्रेगनेंट औरते लेबर पेन से मुक्ती पाने के लिये नीम के रस से मसाज करती हैं। प्रसूता को बच्चा जनने के दिन से ही नीम के पत्तों का रस कुछ दिन तक नियमित पिलाने से गर्भाशय संकोचन एवं रक्त की सफाई होती है, गर्भाशय और उसके आस-पास के अंगों का सूजन उतर जाता है, भूख लगती है, दस्त साफ होता है, ज्वर नहीं आता, यदि आता भी है तो उसका वेग अधिक नहीं होता।
11. नीम का रस पीने से कैंसर जैसे असाध्य रोग में भी बहुत फायदा मिलता है।
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नीम का जूस कैसे पिएं?
1. नीम का रस बहुत कडुआ होता है, जिसे पीना बहुत मुश्किल होता है। अगर आपको इसके फायदे चाहिये तो इसे एक ग्लास में डाल कर इसको दवा समझ कर पूरा एक साथ पी लें। इसके अलावा ये भी देखिये की नीम के रस को और किस-किसी प्रकार से पिया जा सकता है।
2. नीम के रस में थोड़ा मसाला डाल दें जिससे उसमें स्वाद आ जाए। इसको पीने से पहले उसमें नमक या काली मिर्च और या फिर दोनों ही डाल दें।
3. कई लोगो को नीम की महक अच्छी नहीं लगती। इसलिये जब रस निकाल लें तब उसको फ्रिज में 15-20 मिनट के लिये रखें या फिर उसमें बर्फ के कुछ क्यूब डाल दें और फिर पिएं। लेकिन सबसे अच्छा होगा कि नीम के रस को निकाल कर तुरंत ही पी लिया जाए। इसको 30 मिनट से ज्यादा स्टोर कर के नहीं रखना चाहिये।
4. नीक का रस पीने से पहले अपनी नाक को दबा लें, इससे जूस को पीने में आसानी होगी। अगर आपको नीम जूस का पूरा फायदा उठाना है, तो इसमें चीनी बिल्कुल भी न मिलाएं।
5. नीम का रस हमेशा सुबह-सुबह पिएं। इसकी कडुआहट को कम करने के लिये इसमें नमक मिलाएं और हल्का सा पानी भी।
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