Monday , 2 December 2024
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गोरखमुंडी

स्त्री पुरुषों के लिए वरदान – तोड़े कमजोरी की मुंडी – इसका नाम ही है गोरखमुंडी

गोरखमुंडी के फायदे, Benefit of Gorakhmundi, gorakhmundi ke fayde, benefit of Sphaeranthus indicus in hindi

गोरखमुंडी का इस्तेमाल आयुर्वेद मतानुसार प्लीहा, पीलिया, पित्त विकार, वातज, कंठमाला, क्षयजनित ग्रंथियां, खुजली, दाद, कुष्ठ, यौन रोग तथा गर्भाशय की वेदना दूर करने के लिए किया जाता है. गोरखमुंडी कटु, तिक्त आदि गुणों के कारण अपची, अपस्मार, गलगंड, एवं शलिपद आदि रोगों का शमन करती है.

आज आपको गोरखमुंडी के कुछ ऐसे ही प्रयोग बताने जा रहें हैं जिनके इस्तेमाल से आप वीर्य विकार, जननेंद्रिय के विकार, शारीरिक कमजोरी, नपुंसकता इत्यादि रोगों से छुटकारा पा सकते हैं. तो आये जाने गोरखमुंडी के फायदे. Gorakhmundi ke fayde

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नपुंसकता में गोरखमुंडी के प्रयोग – Gorakhmundi ke fayde

  1. गोरखमुंडी की ताज़ा मूल (जड़) को पीसकर, किसी कलईदार पीतल की कढाई में रखकर, चार गुना काले तिल का तेल और  16 गुना पानी डालकर धीमी आंच पर पकाएं. केवल तेल शेष रहने पर इसको छान लें. जब आप इसको पकाएंगे तो जैसे जैसे पानी जलेगा तो ये आवाज़ करता रहेगा और जैसे ही पानी जल जायेगा तो तेल बिलकुल शांत हो जायेगा. इस तेल को किसी कांच की बोतल में छान कर रख लीजिये. इस तेल को पुरुष अपने जननांग पर नित्य मालिश करें और 10 – 30 बूँद पान में लगाकर खाने के बाद खाएं. बहुत लाभ मिलेगा.
  2. 1 से 2 ग्राम मुंडी का चूर्ण बराबर मिश्री मिला कर खाने से वीर्य विकारों से मुक्ति मिलती है.

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बल बढाने के लिए गोरखमुंडी का प्रयोग – Gorakhmundi ke fayde

  • गोरखमुंडी के पौधे को छाया में सुखाकर, पीसकर बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर एक चम्मच प्रातः सायं दूध के साथ सेवन करने से दौर्बल्य का नाश हो कर बल बढ़ता है.मनुष्य का यौवन स्थिर रहता है और बाल भी सफ़ेद नहीं होते.
  • गोरखमुंडी के बीजों में बराबर मिश्री मिलाकर खाने से मनुष्य दीर्घायु होता है.
  • 1 से 2 ग्राम चूर्ण को घी के साथ चाटने से शारीरिक बल बढ़ता है.
  • गोरखमुंडी के पौधे को छाया में सुखाकर चूर्ण कर लीजिये, इसमें दुगुना शहद मिलाकर 40 दिन तक एक एक चम्मच दूध के साथ सेवन करने से अपार बल बढ़ता है.

स्त्री रोगों में गोरखमुंडी – Gorakhmundi ke fayde

  1. योनी शूल – 10 ग्राम ताज़े पंचांग (न मिलने पर छाया में सुखाया हुआ) को लेकर जल से पीसकर पिलाने से तीव्र योनिशूल का शमन होता है और प्रदर में लाभ होता है.
  2. मुंडी कलक को अरंड तेल में भूनकर ठंडा होने पर योनी में लेप करने से योनिशूल का शमन होता है.
  3. योनिविकार – बला, गोरखमुंडी, शालपर्णी, क्षीरकाकोली, पीलूपर्णी, मुर्वा आदि द्रव्यों से पकाए हुए बलादी यमक स्नेह को मात्रापुर्वक नियमित सेवन करने से वातज तथा पित्तजयोनी रोगों में लाभ होता है.

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बवासीर, गुदाभ्रंश और भगंदर में गोरखमुंडी के प्रयोग. – Gorakhmundi ke fayde.

  1. 5 मिली गोरखमुंडी के पत्तों का स्वरस और 5 मिली अरंड के पत्तों का स्वरस को मिलाकर पिलाने से तथा इसके पत्तों की लुगदी को मस्सों पर बाँधने से तथा पंचांग की धुनी देने से अर्श में लाभ होता है.
  2. 1 से 2 ग्राम गोरखमुंडी चूर्ण को छाछ या गौ दूध के साथ सेवन करने से बवासीर का शमन होता है.
  3. 1 से 2 ग्राम मुंडी चूर्ण को बासी पानी के साथ सेवन करने से भगंदर में लाभ होता है.
  4. गोरखमुंडी के मूल तेल को गुदा में लगाने से गुदाभ्रंश में लाभ होता है.

पीलिया में गोरखमुंडी – Gorakhmundi ke fayde

  • पीलिया (कामला – पांडू) रोग में 5 से 10 ग्राम इसके पंचांग का स्वरस सेवन करने से लाभ होता है.

किडनी के रोग – Gorakhmundi ke fayde

  • गौ दूध के साथ 1 से २ ग्राम गोरखमुंडी के चूर्ण का सेवन करने से चित्तभ्रम और प्रमेह में लाभ होता है.

गोरखमुंडी की उपलब्धता. – Gorakhmundi ke fayde

गोरखमुंडी आपको ताज़ा मिल जायेगा, अगर आपके ताज़ा ना मिले तो आप इसको पंसारी से मिल जाएगी.

श्री कामदेव रस – कामी पुरुषों का अमृत – स्त्री के गर्व को हरने वाला कामिनी गर्वहारी रस

श्री कामदेव रस, श्री कामदेव

श्री कामदेव रस – कामी पुरुषों के लिए अमृत – स्त्री के गर्व को हरने वाला कामिनी गर्वहारी रस

श्री कामदेव रस – जिस पुरुष के पास प्यारी और सुंदर स्त्री होने के बावजूद भी वो मैथुन ना कर सके, अगर मैथुन की चेष्टा करे भी और पास जाते ही पसीने पसीने हो जाए, इच्छा पूरी ना हो पाए, हांफने लगे, लिंग ढीला हो जाए, और वीर्य पहले ही निकल जाए वह व्यक्ति नपुंसक या नामर्द कहलाता है. शादी ब्याह में लाखों करोड़ों खर्च करने के साथ में आजीवन वाजीकरण औषधियों का इस्तेमाल करें, अन्यथा शादी में लगायें हुए पैसे भी बर्बाद हो जायेंगे.

जब तक गृहस्थी जीवन है तब तक व्यक्ति मैथुन करेगा, अगर मैथुन के समय पुरुष स्त्री को संतुष्ट ना करवा सके तो ऐसा पुरुष स्त्री के नज़रों से गिर जाता है. आजकल के माहौल में ना तो कोई पुरुष वाजीकरण औषधियां सेवन करता है और ना ही उसके द्वारा खाए जाना वाला भोजन इतना गुणकारी है के उसके शरीर में वीर्य के भण्डार को भर पाए.

स्त्री के स्खलित होने के बाद ही पुरुष का स्खलित होना यही पुरुष का धर्म है, जो पुरुष स्त्री को स्खलित नहीं कर सकता, वो स्त्री को खुश नहीं कर सकता, ऐसे ही लोगों की औरतें अपना दिल खुश करने दुसरे पुरुषों की चाहना करने लगती है.

वीर्य का महत्व

साद्रक्तं ततो मांसं मांसान्मेदः प्रजायते।
मेदस्यास्थिः ततो मज्जा मज्जायाः शुक्र संभवः।।

अर्थात जो भोजन पचता है, उसका पहले रस बनता है। पाँच दिन तक उसका पाचन होकर रक्त बनता है। पाँच दिन बाद रक्त से मांस, उसमें से 5-5 दिन के अंतर से मेद, मेद से हड्डी, हड्डी से मज्जा और मज्जा से अंत में वीर्य बनता है। स्त्री में जो यह धातु बनती है उसे ‘रज’ कहते हैं। इस प्रकार वीर्य बनने में करीब 30 दिन व 4 घण्टे लग जाते हैं। वैज्ञानिक बताते हैं कि 32 किलो भोजन से 800 ग्राम रक्त बनता है और 800 ग्राम रक्त से लगभग 20 ग्राम वीर्य बनता है।

जो लोग मैथुन तो दिन रात करते हैं, पर शक्ति वर्धक, धातु पौष्टिक, वाजीकरण पदार्थों का सेवन करने की जगह गर्म चीजों का सेवन करते हैं, उनका वीर्य भण्डार तो कम होता ही है, अपितु नवीन वीर्य नहीं बन पाता, ऐसे लोगों का गृहस्थी जीवन बहुत जल्दी ख़राब हो जाता है. आयुर्वेद में 80 साल की आयु में वीर्य का बनना बंद होना लिखा गया है, मगर आजीवन जीवन शैली में तो लोगों को इतनी आयु ही भोगने को मिल जाए वो ही काफी है, आज 60 वर्ष की औसत बिमारियों से घिरी हुई आयु में 30 साल का नौजवान भी वीर्य की कमी से जूझ रहा है.

वीर्य बढाने का महत्व

लोग शादी में तो लाखों खर्च कर लेते हैं, मगर जिस वीर्य से शादी और गृहस्थी जीवन का आनन्द है उसके लिए कोई प्रयास नहीं करते. जिस तरह शरीर में वीर्य की कमी के कारण पुरुष नामर्द हो जाता है, उसी प्रकार वीर्य में विकार या दोष होने पर भी नामर्दी होती है. ऐसे नामर्द का वीर्य एकदम पानी की तरह पतला होता है.

जिस शरीर से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है, उस शरीर की रक्षा की कोई प्रयास नहीं कर रहा, लोग जाने अनजाने में नाना प्रकार के प्रकृति विरुद्ध, नियम विरुद्ध या शास्त्र विरुद्ध कर्म करके, अपने शरीर, पुंसत्व, अपने वीर्य का नाश कर रहें हैं. सृष्टि के नियम के विरुद्ध हस्त मैथुन का प्रचलन बढ़ रहा है, गुदा मैथुन, अयोनि मैथुन और मुख मैथुन भी तेज़ी से बढ़ रहा है, इन्ही कुकर्मो के कारण से ही आज प्रायः 75 फीसदी भारतीय पुरुष बल वीर्यविहीन नपुंसक हो रहें हैं.

जिस तरह कीड़े मकोड़ों का खाया हुआ, आग से जला हुआ, काला और जलसे दूषित हुआ बीज हरा नहीं होता, उसी तरह दूषित वीर्य से गर्भ नहीं ठहरता, और अगर रह भी जाए तो संतान रोगी हो कर अल्पायु होती है. जिस प्रकार से अच्छी ज़मीन और उत्तम बीज से उत्तम फल देने वाला वृक्ष लगता है, उसी तरह उत्तम और शुद्ध रज वीर्य से उत्तम संतान होती है, दूषित रज वीर्य से दूषित या ख़राब औलाद होती है.

वीर्य बढाने वाली चीजें.

  • वीर्य बढाने के लिए दूध, घी, रबड़ी, मोहनभोग, उडद की दाल के लड्डू, उडद की खीर, आम्रपाक, असगंध पाक, गोखरू पाक, बादाम का हलवा, मलाई का हलवा, मूसली पाक इत्यादि का सेवन करना चाहिए.
  • पका मीठा आम, दूध मिला हुआ आमरस, पका केला, नारियल की गिरी, कच्चे नारियल का पानी, पके अंगूर, दाख, खजूर, बादाम, सेब, नाशपाती, खरबूजा, पका हुआ ताडफल, मीठा बेर, चिरौंजी, खिरनी, सिंघाड़ा, फालसा, मीठा अनार, इत्यादि.
  • दालचीनी, तेजपात, इलायची, काली मिर्च, प्याज, घी, शहद, मूंग और चावल की खिचड़ी, ताज़ा जलेबी, सूजी का हलवा, पेठे की मिठाई, परवल इत्यादि.
  • श्रृंगार रस की पुस्तक, गाना बजाना, बाग़ की सैर, फूलों की मालाएँ पहनना, सुगन्धित द्रव्यों का इस्तेमाल, सुंदर स्त्रियों से बात करना. चुम्बन करना इत्यादि.

मैथुन करते समय सावधानी.

मैथुन करते समय पुरुष को मन में किसी भी प्रकार का भय(पता नहीं मै कर पाउँगा या नहीं, मुझसे होगा या नहीं, पहले तो नहीं छूट जाऊंगा इत्यादि विचार), लज्जा, शोक अथवा क्रोध नहीं होना चाहिए. स्त्रियों को चाहिए के सम्भोग के बाद वो अपने पुरुषों की तारीफ करें. जिस से उनको मानसिक शक्ति मिलती है. अगर इसके विपरीत वो उनको कहेंगे के वो उनको संतुष्ट नहीं कर पाए, या “जाओ तुम तो किसी काम के नहीं” “तुमसे कुछ नहीं हो पायेगा” इत्यादि तो ऐसे में पुरुष के मन में मानसिक नपुंसकता के विचार आ जायेंगे और वो अच्छे से मैथुन नहीं कर पायेगा.

स्त्री प्रसंग करते ही शीतल जल पीना, शीतल जल से लिंगेन्द्रिय को धोना और स्नान करना हानिकारक है. प्रसंग के समय शरीर गर्म हो जाता है, उस दशा में शीतल जल या शरबत पीने से जुकाम, कंपरोग या जलोदर हो जाता है या बदन दुखने या ज्वर चढ़ जाता है.शीतल पानी से लिंग को धोने से वो निकम्मा हो जाता है. इसकी गर्मी मारी जाती है और ढीलापन हो जाता है.

रसायन और वाजीकरण

जिन औषधियों का सेवन करने से मनुष्य मृत्यु और बुढापे से बच सकता है उन्हें रसायन कहते हैं और जिन औषधियों या आहार विहार का सेवन करने से मनुष्य स्त्रियों के साथ, बिना हारे, घोड़े की तरह मैथुन कर सकता है उनको वाजीकरण कहते हैं. अतः व्यक्ति को आजीवन रसायण का सेवन करते रहना चाहिए और जब तक सम्भोग सुख भोगना चाहे तब तक वाजीकरण औषधियों का सेवन करना चाहिए.

श्री कामदेव रस क्या है – shri kamdev ras kya hai?

श्री कामदेव 33 जड़ी बूटियों को मिला कर बना गया एक बहुपयोगी दवा है, इसमें उत्तम किस्म की औषधियां जैसे अकरकरा, अश्वगंधा, केसर, जावित्री, जायफल, मालकांगनी, सफ़ेद मुस्ली, कृष्ण मुस्ली, कौंच बीज, उटंगन, शतावरी, विधारिकंद, सेमल की मूसली, कबाबचीनी, गोखरू, सालमपंजा, मकरध्वज, अभ्रक भस्म इत्यादि हैं. इसके सेवन से नपुंसक भी कामदेव के समान रतिक्रिया करेगा.

स्त्री भोग का आनंद अधिक स्तम्भन शक्ति में है, और अधिक स्तम्भन तभी हो सकता है जब के वीर्य निर्दोष, पुष्ट, बलवान और अधिक हो. इसलिए जो लोग इस आनंद को भोगना चाहते हैं वो यह कामदेव रस ज़रूर इस्तेमाल करें.

श्री कामदेव के फायदे. shri kamdev ke fayde

  • श्री कामदेव के निरंतर सेवन से रति शक्ति बढ़कर पुरुष कामदेव हो जाता है. जिस प्रकार से मदोन्मत घोडा सैंकड़ों घोड़ियों पर दौड़ता है, उसी तरह कामदेव का निरंतर सेवन करने से व्यक्ति मदोन्मत होकर अच्छे से गृहस्थी भोग करता है.
  • श्री कामदेव के निरंतर सेवन करने से व्यक्ति में वाजीकारक ताक़त आती है, वाजीकरण देह में अत्यंत बल पराक्रम करता है, निर्बल या कमज़ोर पुरुषों के दुःख दूर करने, उनका प्रेम निबाहने और उनके शरीर की रक्षा करता है. यह संतान पैदा करने और तत्काल आनंद देने वाला है.
  • श्री कामदेव रस का सेवन करने वाले व्यक्ति की स्त्री सदैव दासी बन कर रहेगी. कभी गलती से भी दुसरे पुरुष की तरफ मुंह नहीं करेगी.
  • श्री कामदेव का सेवन करने से होने वाली संतान रूपवती, बलवती और बुद्धिमती होगी.
  • श्री कामदेव के सेवन करने से शरीर निरोगी रहेगा और गाहे बगाहे डॉक्टर या वैद्य का मुंह भी देखना नहीं पड़ेगा.

आपको श्री कामदेव की ज़रूरत क्यों है ? shri kamdev

  • कामोत्तेजना और वीर्य बढाने के लिए..
  • सम्भोग में समय बढाने और आनंद बढाने के लिए..
  • अगर आपका सम्भोग समय एक मिनट तक भी नहीं रहता..
  • संतान पैदा करने की शक्ति लाने के लिए…
  • स्त्री को संतुष्ट और तृप्त करने के लिए..
  • अगर आप मैथुन करने से पहले ही ढीले पड़ जाते हैं तो आपको कामदेव की ज़रूरत है…
  • अगर आपका वीर्य पतला हो गया हो तो.
  • अगर वीर्य कम हो गया हो तो..
  • अगर रुकावट ना रहती हो तो..
  • स्वप्न दोष होता हो तो…
  • जिन लोगों में वीर्य तो बहुत है, मगर वीर्य में गर्मी अधिक होने से स्त्री की योनी देखने मात्र से वीर्य निकल जाए ऐसे रोगियों को श्री कामदेव की बहुत ज़रूरत है.

श्री कामदेव इस्तेमाल करने की विधि. Shri kamdev

अगर आपको कब्ज़ रहती हो तो यह दवा लेने से पहले कब्ज़ का यथा संभव इलाज कीजिये, अन्यथा आप जितनी भी दवा करवा लो कोई भी दवा आपके काम नहीं आएगी. जब कब्ज़ ख़त्म हो कर शरीर से सारा मल निकल जायेगा तो उसके बाद आपका लीवर बलशाली होना चाहिए, अन्यथा यह दवा आपको हज़म नहीं होगी और सब व्यर्थ चला जायेगा. इसलिए पहली बार आप श्री कामदेव के साथ में लीवर के लिए आप Only Ayurved का Liver Reactivator 15 से 20 दिन तक अवश्य पियें. सुबह खाली पेट शौच से मुक्त हो कर श्री कामदेव रस 15 ml लीजिये, और इसके 1 घंटे तक कुछ भी सेवन नहीं करें. और सुबह शाम 15 – 15 ml Liver Reactivator खाने के आधा घंटा पहले लीजिये. और पेट साफ़ करने की दवा रात्रि को सोते समय लीजिये. श्री कामदेव को रात्रि को सोने से कम से कम घंटा पहले और खाने के कम से कम एक घंटा बाद में लेना है.

नोट – अगर कमजोरी अधिक हो तो दवा सेवन करने के 5 दिन तक स्त्री संसर्ग ना करे.

दवा सेवन करते समय परहेज – shri kamdev

जिस रोगी का पित्त बढ़ा हुआ हो ऐसे कामी पुरुषों को सदैव चरपरे, खट्टे, लाल मिर्च, गरम और खारे पित्त बढाने वाले अधिक पदार्थ सेवन नहीं करने चाहिए. बढ़ा हुआ पित्त वीर्य पैदा करने वाली धातुओं को कुपित कर देता है, जिस कारण से वीर्य नहीं बन पाता. ऐसे रोगी को किसी मुर्ख की बातों में आकर कच्ची पक्की वंग भस्म, सीसा भस्म, लोहा भस्म आदि ना खाएं, अथवा तेज़ी लाने को अफीम, भांग और कुचला सेवन नहीं करना चाहिए. नशे से जल्दी चेतना तो आ जायेगा, मगर फिर जल्दी ही नामर्दी आ जाएगी.

कब तक करें श्री कामदेव रस का सेवन. shri kamdev

कामी और कमज़ोर पुरुषों को इसका सेवन 12 महीने करना चाहिए, अगर 12 महीने सेवन ना कर सकें तो उपरोक्त लिखी हुई वीर्य बढाने की चीजें निरंतर इस्तेमाल करते हुए इसको साल में कम से कम 4 महीने ज़रूर इस्तेमाल करें.

तुरंत असर के लिए क्या करें.

वैसे इस दवा से हफ्ते दस दिन में असर दिख जाता है, मगर आप इसका जल्दी नतीजा पाना चाहते हैं तो इसके साथ में Only Ayurved की Wonder Berry का सेवन करे. यह कामदेव रस के आधे घंटे के बाद में रात्रि को सोते समय लीजिये. ध्यान रहे सम्भोग इसके कम से कम आधे घंटे के बाद ही करना है. wonder berry दुनिया की सर्वश्रेष्ठ बेरियों से निर्मित है, जैसे अकाई बेरी, ब्लूबेरी,मल्बेरी, रसबेरी, ब्लैकबेरी इत्यादि. इसके सेवन से शरीर में ऐसे मिनरल और विटामिन की पूर्ति होती है जो शरीर को भोजन से नहीं मिल पाते, यह एंटी ऑक्सीडेंट का भरपूर खजाना है. इसलिए श्री कामदेव रस के साथ लेने से यह दोनों तुरंत प्रभाव दिखाते हैं.

श्री कामदेव का मूल्य – shri kamdev

श्री कामदेव का मूल्य 970 रुपैये हैं, यह 500 ml की पैकिंग में आता है. वंडर बेरी भी 970 रुपैये की है और यह भी 500 ml की पैकिंग में आती है. Liver Reactivator भी 500 ml में आता है, इसका मूल्य सिर्फ 380 रुपैये है.

आपको यह दवा आपके नजदीकी Only Ayurved Dealer से मिल जाएगी उनकी list और उनकी Location नीचे दी गयी है.

आपके नजदीकी Only Ayurved Dealer list और उनकी Location

बिहार

पटना – 7677551854, 7480099296

छपरा – 9473221039

गोपालगंज – 9431059379

गया (इमामगंज) – 9771898989

मधेपुरा – 9546552233

छत्तीसगढ़

बिलासपुर – 9584891808, 9926758959, 9300333438

रायपुर – 9644133772

दुर्ग भिलाई – 9691305217

झारखण्ड

मनिका – लातेहार – 9801290105

पश्चिम बंगाल – West Bengal

कोलकाता –  7003386968

असम

 

महाराष्ट्र

मालेगांव (नासिक) – डॉ. फरीद शेख 9860785490

धुले – 9270558484

नासिक – 9270928077

पुणे – 9209211786

अकोला – 7020579564

वर्धा – 9579997503

नागपुर – 8830998853

शोलापुर – 8308604642

कोल्हापुर – 9923280004

अहमद नगर – राओरी – 8605606664

कल्याण – 8454050864

टिटवाला – 9821315415

मलाड – 9967293444

घाटकोपर – 07738350032

बोरीवली – 9004316923

भंडारा – 9422174853

औरंगाबाद – 7020505445

जालना – 7020505445

विरार – 9892967369

अमरावती – 9765332255

कर्नाटक – Karnataka

धारवाड़ (Dharwad) – 9844984103

बैंगलोर (Bangalore) – 7019098485

तामिलनाडू

चेन्नई – 9884164854

तेलंगाना

हैदराबाद – 08374457775

गुजरात

अहमदाबाद – 9974019763, 7874559407

पालनपुर ( डॉ. हिदायत मेमन )  –  9428371583

द्वारिका – 9033790000

चिकली – 9427869061

अमरेली – 9427888387

अंकलेश्वर – भरूच – 8460090090

वड़ोदरा – 7574857452

सूरत –  8866181846, 9879157588

भुज / मुंद्रा  – 9974576143

जामनगर – 9974199748

मध्यप्रदेश

भोपाल – 7987552689

इटारसी – 6260342004

सारणी – 8989831927

इंदौर – 9713500239

विदिशा – 9131055585

जबलपुर – 9039868554

ग्वालियर – 9229239248

कटनी – 9074901083

उत्तर प्रदेश

मेरठ – 8449471767

हाथरस ( U. P. ) –  9997397043, 7017840020

मथुरा ( वैध रविकांत जी ) – 9259883028

अलीगढ – 9027021056

आगरा – 9027143749, 8923234014

फ़िरोज़ाबाद – 8445222786 वैध रविन्द्र सिंह

मैनपुरी – 8449601801

फ़र्रुख़ाबाद – 9839196374

सुल्तानपुर – 9125131178

रायबरेली – 9236038215

वाराणसी – 9125349199

इलाहाबाद ( डॉ.  सी. पी. सिंह ) – 9520303303

गोरखपुर – 9792960999

सिद्धार्थ नगर – 9936404080

महाराजगंज – 9455426806

लखनऊ – 9140546350

इटावा – 9557463131 डॉ. कौशलेन्द्र सिंह

उत्तराखंड

ऋषिकेश – 7456987328

दिल्ली –  NCR

सराय कालें खां –  9015439622, 9871490307

सुभाष नगर – 9911006202

कड़कड़डूमा – 7827444007

गाज़ियाबाद – 9719077555

Greater Noida – 9310299100

गुडगाँव – 9310330050

फ़रीदाबाद – 9315154682

हरियाणा

हिसार – 9518884444

हसनपुर पलवल – 9050272757

पानीपत – 9812126662

रोहतक – 9467770773

बाढ़डा ( चरखी दादरी ) – 9813210584

फ़रीदाबाद – 9315154682

चंडीगढ़ – 9877330702

डबवाली – 9416218182

पंजाब

बठिंडा – 9779566697

डबवाली – 9416218182

कोट कपूरा – 9872320227

मलोट – 9878100518

मलेर कोटला – 9872439723

लुधियाणा – 9803772304

मोगा – 9988009713

जगराओं – 9646683463

रोपड़ – 9478391123, 8528386098

जालंधर – 9814832828

अमृतसर – 8872295800

होशियारपुर उड़मुड टांडा – 9803208718

गुरदासपुर – 9815483791

मोहाली – 09216411342

मुकेरियां – 9815296322

चंडीगढ़ – 9877330702

राजस्थान

जयपुर – 8290706173

दौसा – 7737497140

जोधपुर – 8005724956

अजमेर – 7976779225

मकराना – 8619299924

सिरोही – 9875238595

उदयपुर – 9875238595

टोंक – 9509392472

फतेहपुर शेखावाटी – 9636648998

चुरू – 7976194800

उदयपुर वाटी (झुंझुनू)  डॉ राकेश कुमार – 9351606755

संगरिया – 7597714736

हिमाचल प्रदेश

नालागढ़ – 9816022153

कुल्लू – 8219500630

चिन्तपुरणी – 9816414561

अगर आप Only Ayurved के साथ मिलकर ये काम करना चाहते हैं तो संपर्क कीजिये

उत्तर प्रदेश 7017840020

महाराष्ट्र – 9860785490

मुंबई – 8454050864

गुजरात – 8866141846

बिहार – 7677551854

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