Friday , 15 November 2024
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किसी भी प्रकार की गांठ को गलाने के लिए करे बथुवे का उपयोग |

किसी भी प्रकार की गांठ को गलाने के लिए करे बथुवे का उपयोग |

परिचय –

हमारे शरीर में किसी कारण किसी भी अंग या अन्य स्थान पे गांठ बनने लगती है जो अचानक बड़ी बीमारी का

रूप बन जाती है ,

गांठ को कम करने या गलाने के लिए बथुवा बहुत ही उपयोगी सिद्ध होता है ,आमतोर पर हम बथुवे की सब्जी

खाते है बथुआ हमे खेतो से खरपथवार के रूप में मिल जाता है इसका विशेष सेवन सर्दियों में बहुत अधिक

होता है ,बथुवे से हम अनेक बीमारियों से बच सकते हे .बथुवे में अनेक प्रकार के पोषक तत्व मोजूद रहते है |

बथुवे की सब्जी खाने से पेट सम्बन्धी बीमारी ,पेट के कीड़े खत्म कर सकते है ,

बथुवे में केल्शियम ,पोटेशियम ,और विटामिन ऐ की अधिक मात्रा होती है .

गांठ को गलाने के साथ -साथ बथुवे के अनेक बीमारी में लाभ –

केंसर की गांठ में –

जिनके लिवर के अंदर गांठ हो जाती है अनेक बार तो ये गांठ केंसर का रूप भी ले लेती है ,इसके अलावा अगर शरीर

में कही पर भी गांठे होती है तो आप बथुवे को जड सहित उखाडकर और सुखोकर चूर्ण बनाकर डिब्बे में रख ले और

10 ग्राम पाउडर को 300 ग्राम पानी में डालकर पकाए और जब 50 ग्राम बच जाए तो इसे छानकर पी जाये

और इसके पिने से गांठे पिघल जाएगी .कोई और गांठ वाली दवाई इस काढ़े के साथ दी जाये तो जल्दी ही फायदा

होता है .

नकसीर

बथुए की चार-पांच बुँदे नाक में डालने से नाक से खून बंद हो जाता है .

पेट के कीड़े

बथुए को एक कप पानी में उबालकर आधा कप रहने पर ठंडा होने पर पिने से पेट के कीड़े मर जाते है .

लिवर के लिए

लिवर के लिए बथुआ किसी चमत्कार से कम नही है इससे लिवर मजबूत और अच्छा रहता है

कब्ज दूर करने के लिए

अगर हम नित्य दो-चार चम्मच बथुए के रस की पिए तो कब्ज दूर होती है तथा इसका उबला हुआ पानी भी पी सकते है

शरीर में जलन रोकने के लिए

अगर शरीर का कोई भी अंग जलने से जलन लग गयी हो तो ,बथुए के पत्तो को पीसकर उसका लेप जलने वाले स्थान

पर लगाये इससे जलन में लाभ होता है .

दाद में लाभकारी

बथुए के रस में तिल को मिलाकर हल्की आंच में गर्म कर ले और जब रस जल जाये तो इसे छानकर शीशी में रख ले

और तेल को दाद पर लगाये .

दिल की बीमारी में

दिल के रोग में बथुआ बहुत फायदेमंद होता है ,बथुए की लाल रंग की पत्तियों को लेकर इनका रस  निकालकर

इसमें सेंधा नमक मिलाकर सेवन करे .

बवासीर

बथुए को उबालकर और उसका पानी पिने से खुनी और बादी बवासीर में रामबाण होता है .

किडनी स्टोन

एक गिलास बथुए के रस में एक चम्मच शक्कर मिलाकर पिने से पथरी कुछ दिनों में पेशाब के द्वरा बाहर आ जाती है

पाचन शक्ति में

बथुआ लिवर के लिए बहुत लाभकारी ओषधि होने के साथ यह पाचन शक्ति को भी मजबूत बनाता है और भूख

खुलकर लगती है

बथुए से किडनी ,लिवर, हार्ट की समस्या दूर होकर शरीर में नई शक्ति का संचार होता है

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