कान की बीमारियों से हमेशा के लिए पाए छुटकारा -अपनाये आयुर्वेदिक उपचार|
परिचय –
कान में बीमारी का होना आम बात हे लेकिन बीमारी जब अधिक बढ़ जाती है तो ये कान में अनेक बीमारियों को
आमन्त्रित करती है जिससे व्यक्ति के कान में कान का बहना ,कम सुनाई देना ,कान में कीड़े होना ,कान में दर्द होना
आदि बीमारीया हो जाती है जिससे व्यक्ति बहुत परेशान हो जाता है
कारण —- कान की बीमारी के हम खुद ही जिम्मेदार हमे समय पर कान की सफाई ,कान को धोना आदि समय पर नही
करते जिससे कान में गंदकी भर जाती है और हमे कान की बीमारी हो जाती है
आज हम आपको कान के लिए कुछ ऐसे आयुर्वेदिक नुस्खे बतायेंगे जो बहुत कारगर हे .
1.- कान का बहना ,(कर्ण पुय )-
दवा —- बहते कान को पहले रुई से साफ कर ले .अब नीम तेल रूई पर लगा उससे कान साफ करे .अब लाक्षादी तेल
5-10 बुँदे रात को कान में डाल रूई लगाकर सों जाये .इससे एक माह में पूर्ण लाभ मिल जाएगा .
2.- कर्ण स्राव –
दवा —- जात्यादी तेल की 2-2 बूंद बूंद कान में डालने से कर्ण स्राव मिट जाता है .
3.- कान के दर्द में –
दवा —- वेद्नान्तक रस 1 रती को दसमुलारिष्ट के साथ दे और कान में नारायण तेल डाले तुरंत लाभ हो जायेगा .
4.- कान का मेल निकालने हेतु –
दवा —- समुंद्री झाग 2 रती ,को कान में डालकर ऊपर से सरसों का तेल डाले इससे सुबह कानो का मेल निकल जायेगा .
5.- कान का बहना और कान में कीड़े –
दवा —- सबसे पहले रुई से कान को साफ कर ले और रुई की बती बना उसे शहद में डुबो ले और इस रुई की बत्ती को
शुद्ध सुहागे में डाल यह बत्ती कान में डाल दे .यह प्रयोग सुबह -शाम करे
यह दवा ,पुराने बहते हुए कान ,क्रमी नाशक ,वर्ण रोपण वाली दवा हे .
6.- पुराना बहता कान की दवा –
दवा —- निर्गुण्डी के पत्तो का रस 3 किलो ,तिल तेल 250 ग्राम ले और इसे चूल्हे पर रखकर पका ले और शीशी
में भरके रख ले इस तेल की सुबह -शाम 2-2 बूंद कान में डाले .
(क) तेल डालने से पहले कान को नीम के क्वाथ से साफ कर ले ,इसी के साथ बिरोजा तेल की 5-10 बूंद केप्सूल में
डाल सुबह -शाम गरम पानी के साथ दे .कितना भी पुराना बहता कान हो इससे ठीक हो जाता है .
7.- कान में मवाद आना ,बहता कान –
दवा —- गेंदे (हजारे का पोधा )की ताजा पत्तिया लेकर उनका रस निकाल ले .इस रस को थोडा गुनगुना कर कान में
2-2 बूंद डाले इससे केसा भी कान बहता हो 7 दिनों में ठीक हो जायेगा .अनेक बार अनुभूत नुस्खा हे .
8.- 20 साल पुराना बहता कान –
दवा —- सरसों का तेल 25 ग्राम ,और कडवे बादाम की गिरी 2 नग ले और इस बादाम गिरी को सरसों के तेल में डाल
कर जला ले तथा तेल को छान कर किसी कांच की शीशी में रख ले .कान को साफ कर यह तेल सुबह -शाम कान
में डाले कुछ दिनों में लाभ हो जायेगा .
9.- कान का बहरापन –
दवा —- अपामार्ग की ताजा जड को कूट-पिस कपड़े से छान ले और यह रस 60 ग्राम ,सरसों तेल 150 ग्राम ,5 नग
कडवे गुडबंदी बादाम तीनो तीनो को मिलाकर मंद आंच पर पकाए बादाम और रस जल जाने और तेल शेष रहने
पर छानकर रख ले और 2-2 बूंद कान में डाले लाभ होगा .
10 .- पुराने बहते कान पर –
दवा —- सारिवाझादी वटी 2-2 गोली ,महामंजिष्ठादी क्वाथ 4 ढक्कन ,आधा कप पानी ,आधा चम्मच शहद मिला
उसके साथ यह दवा दिन में 3 बार दे .
11 .- कान के दर्द में उपाय –
दवा —- सोडा बाई कार्बन आधी रती या सोडामिंट की एक गोली कान में डाल ऊपर से नींबू रस 7-8 बूंद डाल दे
छ देर उसी करवट लेटे रहे .कान का दर्द ठीक हो जायेगा .
12.- बहरापन –
दवा —- दशमूल क्वाथ सुखा 100 ग्राम का काढ़ा बनाकर ,इस काढ़े में तिल का तेल 25 ग्राम मिला ले और इसे धीमी
पर पकाए और जब तेल शेष रह जाये तब उतारकर शीशी ने रख ले और 3-3 बूंद कान में डाले ,कुछ दिनों में बहरापन
चला जायेगा .
दवा —- सफेद पुनर्नवा की जड का चूर्ण एक ग्राम प्रतिदिन प्रातः काल गाय के घी या शहद में मिलाकर चाटने से
बहरापन दूर होता है .
दवा —- आक के ताजा पत्ते ले ,उन्हें कपड़े से साफ करके चिकनी तरफ वाली साइड पर देशी घी चुपड़ ले और इन पत्तो
पर थोडा आग पर गर्म करके उसका रस निकाल ले इसे शीशी में रखे और कान में डालते रहे इससे बहरापन दूर हो जायेगा .
13.- कर्नमूलिका शोथ –
दवा —- धतूरे की ताजा जड 20 ग्राम सेंधा नमक 4 रती जल के साथ पीसकर गरम करके दिन में 3-4 बार शोथ
पर लगाये शोथ नष्ट हो जायेगा
दवा —- लाल कनेर के पत्ते सिलबट्टे पर पिस ले .यह लेप कनफड़े पर करे लाभदायक योग है .
14 .- कान की रसोली –
दवा —- मुक्ता प्रवाल पंचाम्रत 1-2 रती ,स्वर्ण वंग ,आधी रती ये एक मात्रा है ऐसी दिन में दो बार गाय के दूध के साथ
ले .20 दिनों में रसोली मिट जायेगी .